अचानक मौसम बदलना अब आम बात है — लेकिन क्या आप तैयार हैं? मौसम अलर्ट मिलने पर पहला काम घबराना नहीं, समझकर तुरंत सही कदम उठाना होना चाहिए। नीचे सरल और काम के निर्देश हैं जो तुरंत मदद करेंगे।
पहले: अपने घर और परिवार के लिए बेसिक आपातकिट तैयार रखें — पानी (कम से कम 3 दिन का), आवश्यक दवाइयाँ, बैटरी रिचार्जेबल लाइट/पावर बैंक, फर्स्ट-एड किट, जरूरी दस्तावेजों की कॉपी और कुछ सूखा राशन। छत, खिड़कियाँ और बाहर रखी चीजें जो उड़ सकती हैं, उन्हें पक्की तरह बाँधें या अंदर रख लें।
दौरान: अगर तूफान/तूफ़ान अलर्ट है तो खिड़कियाँ और बाहर के दरवाज़े बंद रखें। बाढ़ की चेतावनी पर तुरंत ऊँचे स्थान पर चले जाएँ और पानी में ना चलें — बिजली लाइनों से दूरी रखें। गर्मी की लहर में दोपहर 11 से 4 बजे तक बाहर निकलने से बचें, ठंडा पानी पियें और हल्का कपड़ा पहनें।
बाद में: सूखा और साफ पानी मिलने तक बोतलबंद पानी इस्तेमाल करें। घर की संरचना, बिजली और गैस उपकरणों की जाँच करें—जरूरी होने पर पेशेवर से मरम्मत करवाएँ। बाढ़ के बाद मिट्टी और पानी में बैक्टीरिया बढ़ते हैं, इसलिए खाने-पीने की सतर्कता बरतें।
सही स्रोत से अलर्ट पाना बहुत ज़रूरी है। भारत में मौसम की आधिकारिक जानकारी के लिए IMD (India Meteorological Department) के अलर्ट पर भरोसा करें। अपने फोन में मौसम एप्स (IMD, AccuWeather, Weather.com) इंस्टॉल कर लें और लोकेशन-आधारित नोटिफिकेशन ऑन रखें।
क्या संकेत बताते हैं कि तूफ़ान या भारी बारिश पास आ रही है? अचानक हवा का तेज़ होना, आकाश के अचानक काले हो जाना, समुद्र का असामान्य शोर—ये सभी चेतावनी के संकेत हैं।
छोटी टिप्स जो तुरंत लागू कर सकते हैं: अपने मोबाइल पर बचाव संपर्कों की सूची रखें, बच्चे और बुज़ुर्गों के लिए दवा का अलग पैकेट तैयार रखें, पेड़-पौधों के कमजोर हिस्सों को काट दें। अगर आप ड्राइव कर रहे हैं और भारी बरसात शुरू हो जाए तो नजदीकी सुरक्षित स्थान पर रुकें—पानी में गाड़ी चलाना जोखिमभरा होता है।
मौसम अलर्ट को नज़रअंदाज़ न करें। समय पर मिली जानकारी और साधारण तैयारी अक्सर बड़ी मुश्किलों से बचा लेती है।
उत्तराखंड में 18-19 जून 2025 को हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक के आसार हैं। खासकर उत्तरकाशी, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर और कुमाऊं व गढ़वाल इलाके प्रभावित हो सकते हैं। लोगों से अलर्ट रहने और मौसम की ताज़ा जानकारी पर नजर रखने की सलाह दी गई है।