जब अमित पासी ने हैदराबाद के जिमखाना ग्राउंड पर स्याद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 के मुकाबले में सेविस के खिलाफ 55 गेंदों में 114 रन बनाए, तो पूरा क्रिकेट दुनिया ने सांस रोक ली। ये न सिर्फ बड़ौदा के लिए एक जीत थी — ये भारतीय टी20 क्रिकेट के इतिहास का एक नया पृष्ठ था। ये प्रदर्शन उन्होंने अपने टी20 डेब्यू पर किया, और इस तरह वे पाकिस्तान के बिलाल आसिफ के 2015 के रिकॉर्ड को बराबर कर गए। ये रिकॉर्ड 114 रन था — न कम, न ज्यादा। और अब भारत में भी इस रिकॉर्ड का नाम अमित पासी के साथ जुड़ गया है।
एक अनजान खिलाड़ी का अचानक उदय
पासी के बारे में अभी तक कोई ज्यादा नहीं जानता था। बड़ौदा प्रीमियर लीग 2025 में उन्होंने छह पारियों में सिर्फ 100 रन बनाए थे। उनकी बल्लेबाजी में अस्थिरता थी, और उन्हें टीम का नियमित विकेटकीपर भी नहीं माना जा रहा था। लेकिन जब भारतीय टीम के विकेटकीपर जितेश शर्मा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय टूर पर चले गए, तो पासी को अचानक अवसर मिल गया। और उसने इसे अपने तरीके से बदल दिया।
114 रन: एक ऐसा प्रदर्शन जो बाद में देखने को मिलेगा
पासी का पारी एक जादुई श्रृंखला थी। उन्होंने पहले 24 गेंदों में पचास रन पूरे किए — ये भारतीय डेब्यूटेंट्स के लिए सबसे तेज़ पचास था। फिर 44वीं गेंद पर एक छक्के के साथ उन्होंने शतक पूरा किया। उनके 10 चौके और 9 छक्के सिर्फ आंकड़े नहीं थे — ये एक अद्भुत नियंत्रण की कहानी थी। उन्होंने लगभग पूरी तरह से ऑफ-साइड का इस्तेमाल किया, लॉन्ग ऑफ से थर्डमैन तक। एक भी गेंद ऑन-साइड पर छक्का नहीं लगाया। ये बताता है कि उन्होंने बल्लेबाजी को एक विज्ञान की तरह समझा था।
उनकी इस पारी के बाद बड़ौदा ने 220/5 का शानदार स्कोर बनाया। दो महत्वपूर्ण जोड़ीदारी ने इसे संभव बनाया: शिवालिक शर्मा के साथ 60 रन की और कप्तान विष्णु सोलंकी के साथ 75 रन की — जिसमें सोलंकी ने सिर्फ 12 गेंदों में 25 रन बनाए। इस तरह बड़ौदा ने एक ऐसा स्कोर बनाया जिसे सेविस के लिए पार करना लगभग असंभव था।
सेविस का जुनून, लेकिन अधूरी कोशिश
सेविस के ओपनर कुनवर पाठक और रवि चौहान ने दोनों 51 रन बनाए, और कप्तान मोहित अहलावत ने 22 गेंदों में 41 रन की धमाकेदार पारी खेली। लेकिन जब बड़ौदा के बाएं हाथ के स्पिनर राज लिम्बानी ने 3 विकेट लिए, तो सेविस का बल्लेबाजी अंक धीमा पड़ गया। वे 207/8 पर रुक गए — 13 रनों से हार गए।
इतिहास के बावजूद, टूर्नामेंट से बाहर
लेकिन यहां ट्विस्ट है। बड़ौदा ने इस मैच को जीता, लेकिन उनका टूर्नामेंट समाप्त हो गया। ग्रुप सी में उन्होंने 16 अंक जमा किए — लेकिन ये सुपर लीग के लिए काफी नहीं था। ये एक ऐसा पल था जहां एक खिलाड़ी का व्यक्तिगत इतिहास टीम के निराशाजनक परिणाम के साथ मिल गया। जैसे कोई एक अद्भुत गीत गाए, लेकिन पूरा बैंड अपने नियमों के कारण चर्च में नहीं जा सका।
पासी का रिकॉर्ड: क्या ये असली विश्व रिकॉर्ड है?
बिलाल आसिफ ने 2015 में फैसलाबाद में 48 गेंदों में 114 रन बनाए थे — जो अभी तक सबसे तेज़ डेब्यू शतक था। पासी ने 55 गेंदों में यही स्कोर किया। तो क्या ये असली रिकॉर्ड बराबरी है? हां। और नहीं।
अगर हम रन की संख्या की बात करें, तो दोनों का स्कोर बराबर है। लेकिन अगर गेंदों की संख्या पर नजर डालें, तो आसिफ अभी भी तेज़ हैं। फिर भी, ये दोनों रिकॉर्ड अब एक साथ रहेंगे — एक पाकिस्तानी और एक भारतीय, दो अलग-अलग मैदानों पर, दस साल के अंतराल के साथ। ये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के नियमों के बावजूद, एक अनौपचारिक बंधन है।
भारत में डेब्यू पर शतक: एक नामावली
पासी भारत के तीसरे ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने टी20 डेब्यू पर शतक बनाया। पहले शिवम भम्ब्री (पंजाब, 2021) और फिर अक्षथ रेड्डी (हैदराबाद, 2022) ने ये काम किया था। अब तीनों के नाम एक साथ चलेंगे — और शायद इस लिस्ट में जल्द ही और नाम आएंगे।
अगला क्या?
अब सवाल ये है — क्या अमित पासी को राष्ट्रीय टीम में जगह मिलेगी? उनकी बल्लेबाजी अब तक की सबसे बड़ी पारी है। लेकिन अगर वे अगले छह महीनों में इसी स्तर पर बने रहें, तो भारतीय टीम के लिए एक नया विकेटकीपर बल्लेबाज का विकल्प बन सकते हैं। अभी तक भारत के लिए विकेटकीपर बल्लेबाज का चुनाव एक बड़ी चुनौती रहा है। पासी की ये पारी उस चुनौती को नया आयाम दे सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
अमित पासी का ये रिकॉर्ड किस तरह दुनिया के इतिहास में जगह बनाता है?
अमित पासी ने टी20 क्रिकेट में डेब्यू पर सबसे अधिक रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड बिलाल आसिफ के साथ साझा किया है। ये दुनिया में केवल दूसरी बार हुआ है जब किसी खिलाड़ी ने 114 रन बनाए हैं। भारतीय टीम के लिए ये तीसरा ऐसा डेब्यू शतक है, जो बताता है कि भारतीय घरेलू क्रिकेट में नए तालाब खुल रहे हैं।
क्या पासी को भारतीय टीम में चुना जा सकता है?
हां, बिल्कुल। उनकी इस पारी ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित कर लिया है। विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में उनकी शक्ति, विशेषकर ऑफ-साइड पर छक्के लगाने की क्षमता, भारतीय टीम के लिए एक नया विकल्प बन सकती है, खासकर जब जितेश शर्मा या रिषभ पंत अनुपलब्ध हों।
पासी की इस पारी के बाद उनका अगला मैच कब होगा?
SMAT 2025 खत्म हो चुका है, इसलिए अगला मैच बड़ौदा की अगली घरेलू श्रृंखला में होगा — शायद रणजी ट्रॉफी या विजय हजारे ट्रॉफी में। लेकिन अगर उन्हें राष्ट्रीय टीम के साथ ट्रेनिंग कैंप में बुलाया जाता है, तो उनका अगला मैच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो सकता है।
क्या बिलाल आसिफ के रिकॉर्ड को अब तोड़ा जा सकता है?
हां, बिल्कुल। अगर कोई खिलाड़ी 114 रन से ज्यादा बना दे या उससे कम गेंदों में 114 रन बना दे, तो रिकॉर्ड बदल जाएगा। लेकिन अभी तक ये दोनों रिकॉर्ड एक साथ रहेंगे — एक भारतीय और एक पाकिस्तानी, जिन्होंने एक ही स्कोर को अलग-अलग तरीकों से बनाया।
पासी की इस पारी का भारतीय क्रिकेट पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
ये पारी घरेलू क्रिकेट के लिए एक बड़ा प्रेरणा स्रोत बन सकती है। ये दिखाता है कि छोटे राज्यों के खिलाड़ी भी बड़े मैदानों पर चमक सकते हैं। इसने बड़ौदा क्रिकेट एकेडमी को भी नई ऊर्जा दी है, और शायद अगले वर्ष के आईपीएल ड्राफ्ट में उनका नाम भी आएगा।
क्या इस पारी के बाद पासी को कोई इनाम या सम्मान मिला है?
अभी तक BCCI ने कोई औपचारिक इनाम घोषित नहीं किया है, लेकिन उन्हें टूर्नामेंट के बेस्ट परफॉर्मर्स की सूची में शामिल किया गया है। बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन ने उन्हें एक स्मारक ट्रॉफी और एक नकद इनाम देने की घोषणा की है। ये उनके लिए एक शुरुआत है — बड़े सम्मानों के लिए।