IMD का पूर्वानुमान: बारिश और गरज-चमक से होगा मौसम में बड़ा बदलाव
उत्तराखंड में जून महीने की शुरुआत होते ही मौसम विभाग (IMD) ने अगले कुछ दिन असामान्य रहने की चेतावनी दी है। 18 और 19 जून 2025 को राज्य के लगभग सभी जिलों में भारी बारिश और बिजली गिरने के आसार जताए गए हैं। खासकर उत्तरकाशी, हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर की बात करें तो यहां पर 18 जून को thunderstorms और कहीं-कहीं तेज बारिश हो सकती है। IMD की रिपोर्ट कहती है कि अगले दिन यानी 19 जून को बारिश और गरज-चमक का असर कुमाऊं के अधिकतर इलाकों में रहेगा। गढ़वाल में भी मध्यम बारिश के साथ बिजली गिरने की घटनाएं देखी जा सकती हैं।
मौसम विभाग ने अपनी एडवाइजरी में तेज़ हवा के बारे में फिलहाल कोई खास जानकारी नहीं दी है, लेकिन चेतावनी साफ है – बारिश और thunderstorms की वजह से सामान्य जीवन प्रभावित हो सकता है। इस वजह से लोगों को सड़कों पर संभलकर चलने, ट्रैफिक अपडेट्स देखने, और बच्चों-बुजुर्गों को घर पर ही रहने की सलाह दी गई है।
जिलावार सतर्कता और प्रशासन की तैयारी
उत्तरकाशी, हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर में प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। साथ ही रेस्क्यू टीमें जरूरी इंतजाम में जुट चुकी हैं ताकि अचानक आई बाढ़ या भूस्खलन जैसी घटनाओं में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके। कुमाऊं और गढ़वाल में भी आपदा प्रबंधन विभाग को अलर्ट कर दिया गया है। ग्रामीण इलाकों में बिजली गिरने की घटनाएं ज्यादा होती हैं, इसलिए किसानों को खेतों में सावधानी बरतने और मौसम साफ होने तक बाहर काम न करने की सलाह दी गई है।
- नदी किनारे और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोग अपने सामान की सुरक्षा पर ध्यान दें।
- स्कूल, ऑफिस और यात्रा की योजना पहले से बनाएं, ताकि खराब मौसम की वजह से होने वाली दिक्कतों से बच सकें।
- बारिश के दौरान फिसलन भरे रास्तों पर पैदल और वाहन दोनों से सतर्कता जरूरी है।
एडवाइजरी में सीधे तौर पर तापमान या आंधी की कोई चेतावनी नहीं दी गई है, लेकिन जून में होने वाली बारिश और बिजली गिरना खुद में बड़ा खतरा है। गांवों के लोग अक्सर बदलाव होने पर फोन या रेडियो से ताजा जानकारी लेते रहें, साथ ही सोशल मीडिया के स्थानीय ग्रुप्स पर भी अलर्ट रहें।
मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड की बारिश का यह दौर अचानक तेज भी हो सकता है, इसलिए स्कूलों को भी छोटे बच्चों की छुट्टी जल्दी देने की सलाह प्रशासन ने दी है। पहाड़ी सड़कों पर भूस्खलन जैसी घटनाएं भी बढ़ सकती हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग मौसम को हल्के में न लें और सरकारी एडवाइजरी फॉलो करें।
Santosh Sharma
जून 18, 2025 AT 18:27सभी को नमस्ते, हम सबको यह चेतावनी गंभीरता से लेनी चाहिए। भारी बारिश और बिजली के कारण सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं, इसलिए सावधानी बरतें। यदि आप बाहर जा रहे हैं तो स्थायी रूप से ट्रैफिक अपडेट्स पर नजर रखें। बच्चों और बुजुर्गों को घर में रखने की सलाह पर अत्यन्त ध्यान देना आवश्यक है। सुरक्षित रहिए, धन्यवाद।
yatharth chandrakar
जून 19, 2025 AT 04:27उत्तरी भाग में अचानक बदलते मौसम के कारण कई क्षेत्रों में बाढ़ का जोखिम बढ़ रहा है। विशेषकर उत्तरकाशी और हरिद्वार में हल्की तोफानों की संभावना है, इसलिए आपातकालीन किट तैयार रखें। स्थानीय रेडियो चैनलों से लगातार मौसम अपडेट सुनते रहें। यदि आप कृषि कार्य कर रहे हैं तो फसल को सुरक्षित स्थान पर ले जाएँ। सर्विस एम्बुलेंस की संपर्क जानकारी पहले से नोट कर रखना भी फायदेमंद रहेगा।
Vrushali Prabhu
जून 19, 2025 AT 14:27अरे बॉय, जलवायू के ये मूसलें तो बहुत तेज़ी से आ रहे हैं! मैं तो कहूँगा, बगैर जूते के बहर में न जाना, वरना फिसल कर गिर जाओगे :P। रेनकोट और टॉर्च साथ में रखो, नाचते‑गाते हटाते नहीं तो पिचक्कड़ में फँस जाओगे। थोड़ा सावधान रहो, नहीं तो बाद में रोते‑रोते थक जाओगे।
parlan caem
जून 20, 2025 AT 00:27ये मौसम की चेतावनी बस एक बकवास है, लोग अक्सर इश्यू को बड़ा बना देते हैं। असल में तो बारिश में कुछ नहीं होता, बस गीला हो जाते हैं। प्रशासन को भी यही करना चाहिए - लोग खुद संभलें। हर कोई अभी अपने-अपने बहाने बना रहा है, लेकिन आखिर में यह सब एक ही रहेगा।
Mayur Karanjkar
जून 20, 2025 AT 10:27जैसे ही वायुमार्ग में स्थिरता घटती है, विद्युत आवेशों का संचय बढ़ता है। स्थानीय जनसंख्या को संभावित विद्युत विस्फोटों से अवगत कराना अनिवार्य है। इंटेंसिटी को मापने वाले उपकरणों की तैनाती तुरंत करनी चाहिए।
Sara Khan M
जून 20, 2025 AT 20:27इसे फॉलो करो, सुरक्षित रहो 😊
shubham ingale
जून 21, 2025 AT 06:27चलो सब मिलके सावधान रहें 😄
Ajay Ram
जून 21, 2025 AT 16:27भाईयों और बहनों, जैसा कि हम सभी जानते हैं, हमारी भूगोलिक स्थिति ही हमें प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील बनाती है। इस बार के मौसम में पूर्वानुमानित भारी वर्षा और बिजली गिरने की घटनाएँ न केवल सड़कों पर बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी गंभीर परिणाम ला सकती हैं। गढ़वाल और कुमाऊं दोनों क्षेत्रों में बाढ़ की संभावना को देखते हुए, हमें अपने घर और परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। खेतों में काम करने वाले किसान भाईयों को सलाह दी जाती है कि वे अपने काम को बंद कर सुरक्षित स्थान पर रहें, क्योंकि तेज़ बारिश में खेतों में जलभवन और भूस्खलन का जोखिम बढ़ जाता है। स्कूलों और कॉलेजों को चाहिए कि वे त्वरित योजना बनाकर बच्चों को समय पर छुट्टी की घोषणा करें, क्योंकि बच्चों की सुरक्षा हमेशा पहले रखनी चाहिए। स्थानीय प्रशासन ने पहले ही बचाव दलों को तैनात कर दिया है, लेकिन नागरिकों को भी अपने स्तर पर सतर्क रहना आवश्यक है, जैसे कि मौसम अपडेट्स पर नजर रखना और आवश्यक आपातकालीन किट तैयार रखना। तकनीकी दृष्टिकोण से, यदि आप मोबाइल के माध्यम से मौसम अलर्ट सेट कर लेते हैं तो अचानक बदलावों के बारे में तुरंत सूचित रह सकते हैं। यह अत्यंत जरूरी है कि हम सामाजिक मीडिया ग्रुप्स में भी सक्रिय रहें, क्योंकि वहां अक्सर ताज़ा जानकारी और स्थानीय रिपोर्टें मिलती हैं। अंत में, यह याद रखें कि प्रकृति की शक्तियों को अनदेखा नहीं किया जा सकता; हमें तैयारी करनी चाहिए, लेकिन साथ ही यह भी समझना चाहिए कि हर आपदा में सामुदायिक सहयोग ही प्राथमिक शक्ति है। धन्यवाद।
Dr Nimit Shah
जून 22, 2025 AT 02:27भाई, हमारे किनारे की रेखा पर गंटेदार बारिश आ रही है, इसको हल्का मत समझो। हमारे देश की शान है कि हम इस मौसम को मात देंगे, लेकिन हर कोई सावधानी बरते तो बेहतर होगा। लहरों की तरह उछाल मारती बिजली से बचने के लिए घर के अंदर रहो।
Ketan Shah
जून 22, 2025 AT 12:27क्या आप जानते हैं कि इस मौसम में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड में परिवर्तन किस तरह के प्रभाव डालता है? मैं इस तथ्य को लेकर काफी जिज्ञासु हूं और स्थानीय विज्ञान केंद्रों से डेटा एकत्र करना चाहूँगा। कृपया यदि कोई इस पर प्रकाश डाल सके तो मदद करें। धन्यवाद।
Aryan Pawar
जून 22, 2025 AT 22:27कभी कभी बारिश में छत्रियों का उपयोग करना भूल जाता हूँ इससे बीमारियों का जोखिम बढ़ता है किन्तु हमें याद रखना चाहिए कि सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है
Shritam Mohanty
जून 23, 2025 AT 08:27कभी नहीं सोचा था कि सरकार के मौसम विभाग के एम्बैसडर खुद ही झूठे अलार्म बजा रहे हैं। इस बाढ़ के पीछे कोई बड़ी साजिश जरूर होगी, क्योंकि हर बार ऐसी चेतावनी के बाद ही बड़े नफे के सौदे होते हैं। हर कोई इस बात पर ध्यान नहीं दे रहा, पर हमें सतर्क रहना चाहिए। नहीं तो फिर क्या? फिर पूरे प्रदेश में अराजकता छा जाएगी।
Anuj Panchal
जून 23, 2025 AT 18:27डेटा एनालिटिक्स के दृष्टिकोण से, हमें इस वर्ष के मौसमी पैटर्न को मॉडेल करना चाहिए। इससे अगली चेतावनियों को और सटीक बनाया जा सकेगा। अगर आप भी इस प्रोजेक्ट में मदद चाहते हैं तो संपर्क करें।
Prakashchander Bhatt
जून 24, 2025 AT 04:27सभी को नमस्ते, इस भारी बारिश के कारण थोड़ा तनाव हो सकता है, पर हमें आशा बनाए रखनी चाहिए। छोटे-छोटे कदम जैसे कि आवश्यक सप्लाई तैयार रखना मददगार होगा। सरकार की एडेवाइज़र को फॉलो करें और सुरक्षित रहें।
Mala Strahle
जून 24, 2025 AT 14:27पर्यावरण की विविधता और उसकी परिवर्तनशीलता को समझना हमारे अस्तित्व के लिए आवश्यक है। जब हम प्रकृति के साथ सामंजस्य में नहीं रहते, तो ऐसी आपदाएं हमें चेतावनी देती हैं। इस बार की बारिश और बिजली की घटना हमें यह सिखाती है कि हमें अपने दैनिक जीवन में अधिक सतर्कता लानी चाहिए। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को विशेष रूप से अपने घरों की संरचना को मजबूत बनाना चाहिए। साथ ही, सामाजिक संरचनाओं को भी इस दिशा में संशोधित करना चाहिए ताकि आपदा प्रबंधन में सुधार आए। अतः, एकजुट होकर कदम बढ़ाएँ और भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहें।
Abhijit Pimpale
जून 25, 2025 AT 00:27वर्तनी में त्रुटि नहीं होनी चाहिए; कृपया 'भारी' के बजाय 'भारी' लिखें। यह शैली निर्देशिकाओं के अनुरूप होना चाहिए। धन्यवाद।
Dr Nimit Shah
जून 25, 2025 AT 10:27मैंने देखा कि कई लोग अभी भी बाहर निकल रहे हैं, जबकि चेतावनी जारी है। यह जिम्मेदारी की कमी दिखाता है, खासकर युवा वर्ग में। कृपया अपने घर में ही रहें और अपडेट्स बनाए रखें।
Vrushali Prabhu
जून 25, 2025 AT 20:27आपकी लम्बी टिप्पणी बहुत जानकारीपूर्ण थी, लेकिन कुछ बिंदु दोहराव में लग रहे थे। यदि आप स्थानीय बचाव टीमों के संपर्क विवरण भी जोड़ सकते तो उपयोगी रहेगा। धन्यवाद।