लद्दाख बड़ा, भोला और खूबसूरत है — पर यहाँ की ऊँचाई और मौसम आम शहरों जैसा नहीं। अगर आप पहली बार जा रहे हैं तो सही जानकारी, ठीक तैयारी और थोड़ा धैर्य बहुत काम आता है। नीचे सीधे और उपयोगी सलाह मिलेंगी: कब जाएँ, कैसे जाएँ, किस तरह के परमिट चाहिए और यात्रा के दौरान क्या संभालकर रखें।
सबसे पहले यह चेक करें कि आपकी यात्रा के लिए किस तरह के परमिट चाहिए। विदेशी यात्रियों के लिए Protected Area Permit (PAP) आमतौर पर जरूरी होता है। भारतीय नागरिकों के लिए कुछ सीमावर्ती इलाकों में स्थानीय प्रशासन या पुलिस से अनुमति लेनी पड़ सकती है। नियम समय-समय पर बदलते हैं — इसलिए यात्रा से पहले लेह के डिस्ट्रिक्ट ऑफिस या आधिकारिक वेबसाइट जरूर देखें।
फ्लाइट से आ रहे हैं तो लेह हवाई अड्डा सबसे तेज़ विकल्प है। रोड ट्रिप पसंद हैं तो दो मुख्य मार्ग हैं: मनाली-लेह और श्रीनगर-लेह। दोनों रूट्स गर्मियों में खुलते हैं और सर्दियों में बंद रहते हैं। रास्तों की स्थिति मौसम पर निर्भर करती है, इसलिए रोज़ का ट्रैफिक/रूट अपडेट चेक करते रहें।
लेह की ऊँचाई लगभग 3,500 मीटर है। अचानक ऊपर चढ़ने से AMS (Altitude Mountain Sickness) हो सकता है। पहला दिन हल्का रखें — ज्यादा चलना या शारीरिक मेहनत मत कीजिए। खूब पानी पिएं, शराब और भारी भोजन से बचें। अगर ज़रूरत लगे तो डॉक्टर से मिले; Diamox डॉक्टर की सलाह पर ही लें। छोटे-छोटे ब्रेक और एक-दो दिन के लिए आराम करना सबसे बड़ा उपाय है।
एक छोटी दवा किट, सनस्क्रीन, हाइड्रेशन पाउडर और अच्छे पर्वत वाले जूते साथ रखें। रात में ठंड तेज़ हो सकती है, इसलिए गर्म कपड़े और थर्मल जरूरी हैं।
कहां जाएँ: Pangong Tso, Nubra Valley (Diskit), Tso Moriri, Leh बाजार, Hemis मठ, Thiksey और Khardung La—हर जगह का अपना अलग अनुभव है। अगर आपके पास 5–7 दिन हैं तो Leh–Pangong–Nubra का क्लासिक रूट आराम से कवर हो जाता है।
लॉजिंग व कैश: बड़ी जगहों पर कार्ड चलेगा पर दूर-दराज़ इलाकों में ATM और कार्ड मिलना मुश्किल है। कुछ गांवों में मोबाइल सिग्नल भी सीमित रहता है। पेट्रोल पम्प भी कम हैं — भरवाते समय रूट प्लान कर लें।
संस्कृति और सुरक्षा: स्थानीय लोगों के रीति-रिवाज़ और पवित्र स्थानों का सम्मान करें। सीमावर्ती इलाकों में सेना के चेकपोस्ट होंगे—उनके निर्देश माने। ताज़ा सीमा या मौसम संबंधी खबरों के लिए स्थानीय प्रशासन और भरोसेमंद न्यूज़ स्रोत देखें।
अंत में एक छोटा प्लानिंग चेकलिस्ट: परमिट की पुष्टि, फ्लाइट/रोड रूट की ताज़ा स्थिति, पहले दिन आराम के लिए समय, पर्याप्त कैश और ऊँचाई रोग की दवा। इन चीज़ों पर ध्यान देकर आप लद्दाख की खूबसूरती को आराम से और सुरक्षित तरीके से एन्जॉय कर पाएँगे।
लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और लगभग 125 प्रदर्शनकारियों को दिल्ली पुलिस ने 1 अक्टूबर 2024 को सिंघु बॉर्डर पर हिरासत में लिया। ये प्रदर्शनकारी 'दिल्ली चलो पदयात्रा' के भाग के रूप में लद्दाख से रवाना हुए थे। उनकी मांग थी कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए। इस हिरासत पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आईं हैं।