गिरफ्तारी हो जाए तो सबसे पहला सवाल यही आता है — जमानत कैसे मिलेगी? जमानत का मतलब है कि अदालत आपको अस्थायी रूप से रिहा कर सकती है ताकि आप मुकदमे के दौरान अपने घर पर रहें। पर हर केस में जमानत नहीं मिलती। किताबों में पढ़ा ज्ञान काम आता है, पर सही कदम तत्काल जरूरी होते हैं।
मुख्य रूप से चार प्रकार जमानत हैं: नियमित (बॉन्ड) जमानत, अग्रिम (anticipatory) जमानत, अंतरिम जमानत और विशेष परिस्थितियों की जमानत।
आपको क्या करना चाहिए? ये आसान चेकलिस्ट इस्तेमाल करें:
1) गिरफ्तारी के बाद: प्राथमिकी (FIR) और गिरफ्तारी कागजात तुरंत मांगें। 24 घंटे के अंदर आपको जज के सामने पेश किया जाना चाहिए।
2) वकील से संपर्क करें: किसी भी देरी से नुकसान हो सकता है। वकील जमानत अर्जी (bail application) तैयार करेगा और जरूरी दस्तावेज बताएगा।
3) दस्तावेज: पहचान पत्र, पते का प्रमाण, जमानत पैरेंट/सिक्योरिटी या गारंटर की जानकारी और FIR की कॉपी आम तौर पर चाहिए। सूरत के अनुसार अतिरिक्त साक्ष्य भी लग सकते हैं।
4) सुनवाई: मजिस्ट्रेट या सत्र न्यायालय मामले की गंभीरता, सबूत और आरोपी का भागने का खतरा देख कर निर्णय लेगा।
5) शर्तें: कोर्ट अक्सर शर्तें रखती है — पासपोर्ट जमा करना, रजिस्ट्रेशन, गवाहों से दूर रहना या रिपोर्टिंग। शर्तें माननी होंगी वरना जमानत रद्द हो सकती है।
कब जमानत नहीं मिलती? अगर आरोप गंभीर हैं (घातक अपराध, आतंकवाद, संगीन राष्ट्रीय सुरक्षा मामले), अगर बंदी भागने का जोख़िम दिखता है, या गवाहों पर दबाव डालने का अंदेशा हो।
एक आखिरी टिप: जल्द वकील बुलाइए, शांत रहिए और अदालत के निर्देश मानिये। अगर अग्रिम जमानत चाहिए तो समय पर आवेदन करने से फायदा मिलता है। जमानत की शर्तें और प्रक्रिया राज्य और केस के हिसाब से बदल सकती हैं—अत्यंत जरूरी बात यह है कि सही कागजात और वक़ील ही फैसला सुलभ बनाते हैं।
अगर आप चाहते हैं, हम आपके लिए साधारण जमानत चेकलिस्ट और अदालत में पूछे जाने वाले सामान्य सवालों की सूची बना कर दे सकते हैं। क्या आप ऐसा चाहेंगे?
सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में जमानत दी है। कोर्ट ने 17 महीने की लंबी हिरासत को उनके त्वरित न्याय के अधिकार का उल्लंघन माना। कोर्ट ने 'जमानत एक नियम, जेल एक अपवाद' को न सिर्फ रेखांकित किया बल्कि निचली अदालतों के आमद हिचकिचाहट पर भी सवाल उठाया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति मामले में दिल्ली की एक अदालत ने 1 लाख रुपये के जमानत बांड पर जमानत दे दी है। केजरीवाल को शुक्रवार को जेल से रिहा होने की उम्मीद है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यह मामला दर्ज किया था और कोर्ट द्वारा जमानत के आदेश को स्थगित करने की मांग की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।