IPO 2025 में कई कंपनियाँ बाजार में आ रही हैं। ईंट-सीमेंट या टेक—किसमें निवेश करना है यह जानना मुश्किल होता है। क्या आपको सिर्फ लिस्टिंग गेन चाहिए या लंबी अवधि का हिस्सा बनना चाहते हैं? ये सवाल तय करेंगे कि आवेदन कैसे करें और कब बाहर निकलना है।
सबसे पहले, बेसिक चीजें साफ करें: डिमैट खाता चाहिए, बैंक का ASBA सक्रिय होना चाहिए और PAN-Aadhaar अपडेट होना चाहिए। बिना इनके आवेदन नहीं होगा। IPO की प्रोस्पेक्टस (RHP/DRHP) पढ़ना जरूरी है—यह कंपनी की कमाई, कर्ज और जोखिम बताता है।
1) वित्तीय प्रदर्शन: पिछले 3 साल की रेवेन्यू और प्रॉफिट देखें। 2) प्रमोटर होल्डिंग: अधिक प्रमोटर होल्डिंग मतलब नियंत्रण; साथ ही शेयररीफंडिंग पर नजर रखें। 3) वैल्यूएशन: कंपनी का P/E और सेक्टर के साथ तुलना करें। 4) इस्तेमाल की जाने वाली राशि: IPO से जुटाए गए फंड का उपयोग क्या होगा — डेट रीपेमेंट या विस्तार? 5) मार्केट सेंटिमेंट: ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) देखें, पर वो एक संकेत मात्र है, पूरा भरोसा न करें। उदाहरण के तौर पर, विशाल मेगा मार्ट की लिस्टिंग 33.33% प्रीमियम पर हुई — यह दिखाता है कि अच्छी पोजिशन और मांग पर शानदार लिस्टिंग मिल सकती है।
ASBA से आवेदन करें—यह पैसा आपके बैंक खाते में ब्लॉक रहता है और अलॉटमेंट न होने पर रिहा हो जाता है। आवेदन करते वक्त लॉट साइज और प्राइस बैंड ध्यान रखें। रिटेल क्वोटा आमतौर पर 35% होती है, और रिटेल निवेशक के लिए मिनिमम शेयरों की संख्या लॉट के हिसाब से तय होती है।
अलॉटमेंट के बाद लिस्टिंग डेडलाइन और तारीख देखें। कई निवेशक लिस्टिंग पर तुरंत बेच देते हैं, जिससे छोटा मुनाफा हो सकता है। पर क्या आप लॉन्ग-टर्म होल्डर बनना चाहते हैं? तब कंपनी के बिजनेस मोडेल और वृद्धि का आकलन जरूरी है।
लिस्टिंग दिन रणनीति: अगर ग्रे मार्केट प्रीमियम ऊँचा है, तो भी तुरंत पूरी पोजीशन बेचने से बचें—थोड़ा टार्गेट और स्टॉप-लॉस रखें। दूसरी ओर, अगर मार्केट मंद है, तो अन्य निवेशकों के मुकाबले जल्दी बेचकर नुकसान कम किया जा सकता है।
जोखिम भूलिए मत: IPO में लिस्टिंग गेन हो सकता है पर रिस्क भी रहता है—कम फ्लोट, कमजोर बिजनेस, या ओवरवैल्यूएशन। टैक्स नियम और लॉन्ग/शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स के बारे में अपने कर सलाहकार से सलाह लें।
अंत में, चेकलिस्ट अपने पास रखें: (1) RHP पढ़ा, (2) ASBA तैयार, (3) लॉट और प्राइस समझा, (4) जोखिम सीमा तय की। IPO 2025 की खबरें और विश्लेषण हम जैसे स्रोतों से रोज़ अपडेट देखिए—क्योंकि सही जानकारी समय पर मिलना ही फर्क डालती है।
RIL के चेयरमैन मुकेश अंबानी द्वारा संचालित रिलायंस जियो 2025 में भारतीय शेयर बाजार में लिस्टिंग की तैयारी कर रही है। जियो, भारतीय टेलिकॉम मार्केट की अग्रणी कंपनी, ने 479 मिलियन सब्सक्राइबर्स के साथ प्रमुखता हासिल की है। जबकि जियो के आईपीओ की योजना 2025 में है, रिटेल डिवीजन का आईपीओ उसके बाद होगा। यह कदम निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ा सकता है।