जब बात भारतीय नागरिक, उन व्यक्तियों को कहते हैं जो भारत के संविधान द्वारा मान्यताओं, अधिकारों और कर्तव्यों के साथ जुड़े होते हैं. Also known as इंडियन सिटिजन, यह वर्ग राजनैतिक हिस्सेदारी, आर्थिक भागीदारी और सामाजिक सहभागिता के केंद्र में रहता है.
एक नागरिक अधिकार, विधिक सुरक्षा और मौलिक स्वतंत्रताएँ जैसे अभिव्यक्ति, सभा और समानता की गारंटी भारतीय नागरिक को लोकतंत्र की नींव देता है। राजनीतिक भागीदारी, मतदान, सार्वजनिक चर्चा और नीति निर्माण में सक्रिय भागीदारी इस अधिकार को व्यवहार में लाती है। आर्थिक दृष्टि से आर्थिक सहयोग, कर भुगतान, उद्यम समर्थन और वित्तीय योजना नागरिक की जिम्मेदारियों में शामिल है, जबकि डिजिटल पहचान, आधुनिक सेवाओं में पहुंच हेतु डिजिटल एड्रेस और ऑनलाइन पोर्टल्स नई तकनीकी सुविधाओं को जोड़ती है. इन सब तत्वों का आपस में जुड़ना एक स्पष्ट त्रिपक्षीय संबंध बनाता है: नागरिक अधिकार वैधानिक ढांचा बनाते हैं, राजनीतिक भागीदारी इसे सक्रिय बनाती है, और आर्थिक सहयोग एवं डिजिटल पहचान उन्हें स्थायी रूप से लागू करती हैं.
नीचे आप उन लेखों और समाचारों की लिस्ट पाएँगे जो भारतीय नागरिकों के जीवन के विभिन्न पहलुओं को कवर करते हैं – चाहे वह नवीनतम कर निर्देश हों, चुनावी परिणाम, सामाजिक कार्यक्रम या तकनीकी पहल। इस संग्रह को पढ़कर आप अपने अधिकारों को बेहतर समझ पाएँगे, जिम्मेदारियों को निभाने के नए तरीके सीखेंगे और देश की वर्तमान स्थिति से अपडेट रहेंगे. अब आइए, इस विस्तृत जानकारी के साथ अपने नागरिक पहचान को और गहरा बनाते हैं.
ट्रम्प प्रशासन ने H‑1B वीजा पर $100,000 वार्षिक शुल्क लगाया और लॉटरी को वेतन‑आधारित चयन से बदलने का प्रस्ताव किया है। यह कदम भारतीय नागरिकों को विशेष रूप से प्रभावित करता है, जबकि भारतीय और चीनी कामगारों का प्रतिशत बहुत अधिक है। नई नीति के कारण अमेरिकी टेक उद्योग और परिवारों में तुरंत भ्रम उत्पन्न हुआ। भारत की विदेश मंत्रालय ने मानवीय प्रभावों को लेकर चिंता जताई है।