मीराबाई चानू की ओलंपिक्स तैयारी
मीराबाई चानू, भारतीय वेटलिफ्टिंग की प्रख्यात खिलाड़ी, जिन्होंने टोक्यो 2020 ओलंपिक्स में महिलाओं के 49kg श्रेणी में रजत पदक जीता था, पेरिस 2024 ओलंपिक्स में अपने तीसरे लगातार ओलंपिक्स अभियान पर हैं। मीराबाई का यह सफर किसी संघर्ष से कम नहीं रहा है, खासकर पिछले साल एशियाई खेलों में हुई हिप इंजरी को देखते हुए।
हालांकि, मीराबाई ने इस कठिनाई पर विजय प्राप्त की और पाँच महीने की चोटिलता के बाद अप्रैल में आईडब्ल्यूएफ वर्ल्ड कप में फिर से प्रतियोगिताओं में वापसी की। वहाँ उन्होंने कुल 184kg वेट लिफ्ट किया। यह उनकी दृढ़ता और मेहनत का जीता-जागता प्रमाण है।
पेरिस 2024 में मीराबाई की चुनौतियाँ
पेरिस 2024 ओलंपिक्स में मीराबाई को एक मजबूत प्रतियोगिता का सामना करना पड़ेगा। उन्हें अपने प्रदर्शन को और बेहतर बनाना होगा, जिससे वह 200kg से अधिक वेट लिफ्ट कर सकें। इस बार गोल्ड मेडल के लिए चीन की हौ झीहुई को प्रियता दी जा रही है, जिन्होंने टोक्यो 2020 में कुल 210kg (94kg स्नैच + 116kg क्लीन और जर्क) के साथ तीन ओलंपिक रिकॉर्ड सेट किए थे।
मीराबाई को थाईलैंड की सुरोदचना खंबाओ, यूएसए की जॉर्डन एलिजाबेथ डेलाक्रूज और रोमानिया की मिहला वेलेंटिना कम्बेई जैसी खिलाड़ियों से भी कड़ी टक्कर मिलेगी। ये सभी खिलाड़ी लगभग 200kg के आसपास वेट लिफ्ट करने में सक्षम हैं।
ऐशियाई खेलों में मीराबाई की रिकवरी
एशियाई खेलों के दौरान मीराबाई की चोट ने उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाया। उनकी हिप इंजरी ने उन्हें कुछ समय के लिए प्रतियोगिताओं से दूर रखा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अपनी हिम्मत और कड़ी मेहनत के बल पर वे पूरी तरह से ठीक होकर फिर से प्रतियोगिताओं में वापस आईं।
उनकी वर्ल्ड कप में वापसी ने दिखाया कि वह अब भी अपने प्रदर्शन के शीर्ष पर हैं और कड़ी प्रतियोगिता का सामना करने के लिए तैयार हैं। यह उनके दृढ़ निश्चय और आत्म-विश्वास को उजागर करता है।
ओलंपिक्स में मीराबाई की संभावनाएं
पैरिस 2024 में मीराबाई की प्राथमिक चिंता यह है कि उन्हें किसी भी तरह की और चोट न हो, जिससे वे अपने दूसरे ओलंपिक पदक की दौड़ में पिछड़ें नहीं। हालांकि, उनकी हालिया रिकवरी और वापसी ने सभी को यह विश्वास दिलाया है कि वह इस बार भी अपने देश का नाम रोशन कर सकती हैं।
मीराबाई का ओलंपिक पदक जीतने का सपना और उनकी बेमिसाल मेहनत उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। पेरिस 2024 में मीराबाई की उपस्थिति ने भारतीय उम्मीदों को एक नया आयाम दिया है और सभी की नजरें उनके प्रदर्शन पर टिकी हुई हैं।