सूर्य देव एक सूर्य देव, भारतीय पौराणिक परंपरा में प्रकाश, ऊर्जा और जीवन के प्रतीक के रूप में पूजे जाने वाले देवता हैं। इन्हें सूर्य नारायण, सविता या भानु भी कहा जाता है, और ये वैदिक साहित्य में सबसे पहले स्थान पाने वाले देवताओं में से एक हैं। सूर्य देव केवल एक खगोलीय वस्तु नहीं, बल्कि एक जीवन दायक शक्ति हैं जिनकी उपस्थिति से ही धरती पर जीवन संभव है। ये देवता दिन के पहले और आखिरी प्रकाश के साथ जुड़े हैं, और उनकी आराधना न केवल धार्मिक अनुष्ठानों में, बल्कि आयुर्वेद, योग और ज्योतिष में भी गहराई से जुड़ी है।
सूर्य देव के साथ जुड़े कई सूर्य नमस्कार, एक प्राचीन योगासन प्रक्रिया जो सूर्य की ऊर्जा को अपने शरीर में अवशोषित करने के लिए डिज़ाइन की गई है हैं। यह केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि का एक साधन है। इसके बारे में जानने वाले कहते हैं कि सुबह के सूर्य की किरणों में यह प्रक्रिया करने से शरीर का तापमान संतुलित होता है, रक्तचाप नियंत्रित होता है, और मन शांत होता है। इसी तरह, सूर्य ग्रह, ज्योतिष में आत्मा, अहंकार और नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करने वाला एक केंद्रीय ग्रह भी इनके साथ जुड़ा हुआ है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य का स्थान जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित करता है—करियर, स्वास्थ्य, और यहाँ तक कि रिश्तों की गुणवत्ता भी।
भारत में सूर्य की पूजा के कई रूप हैं। चंद्रवंशी और सूर्यवंशी राजवंशों ने अपने वंश को सूर्य देव से जोड़ा। सूर्यनारायण मंदिर, जैसे कि कोनार्क का सूर्य मंदिर, इसी भक्ति का अद्भुत उदाहरण है। आज भी अनेक गाँवों में लोग सुबह घर के सामने जल और फूल चढ़ाकर सूर्य को नमन करते हैं। यह आदत केवल धर्म नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ जुड़े रहने का एक तरीका है।
आधुनिक दुनिया में जहाँ हम स्क्रीन की रोशनी में जी रहे हैं, वहाँ सूर्य की प्राकृतिक रोशनी का महत्व और भी बढ़ गया है। डॉक्टर अब सूर्य की किरणों को विटामिन डी के स्रोत के रूप में सुझाते हैं। योग के अनुयायी और आयुर्वेद के अनुसार, सूर्य के उदय के समय बाहर निकलना शरीर के घड़ी को सही दिशा देता है। यही वजह है कि जब भी आप सुबह उठें, अपने घर के बाहर खड़े होकर आकाश की ओर देखें—यह एक छोटी सी आदत, आपको दिन भर के लिए शक्ति दे सकती है।
इस टैग पेज पर आपको सूर्य देव से जुड़ी विभिन्न पहलुओं पर लिखे गए लेख मिलेंगे—कुछ पौराणिक कथाओं को उजागर करते हैं, कुछ आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उनके प्रभाव को समझाते हैं, और कुछ फिर उनकी आराधना के तरीकों को दिखाते हैं। चाहे आप ज्योतिष में रुचि रखते हों, योग करते हों, या सिर्फ भारतीय संस्कृति के बारे में जानना चाहते हों, यहाँ कुछ ऐसा जरूर मिलेगा जो आपके दिमाग में एक नया प्रकाश जला दे।
छठ पूजा 2025 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक मनाई जाएगी, जिसमें बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के लाखों भक्त सूर्य देव और छठ मइया को अर्घ्य देंगे। यह त्योहार विश्वभर में भारतीय परिवारों द्वारा मनाया जा रहा है।