जब भी मौसम में अचानक ठंडक, नमी या तेज़ बरसात का झटका लगता है, तो पीछे का कारण अक्सर ‘लो प्रेशर एरिया’ होता है। लो प्रेशर एरिया वह जगह है जहाँ वायुमंडलीय दबाव आसपास की तुलना में कम रहता है। कम दबाव का मतलब है हवा आसपास की हाई प्रेशर वाली जगहों से इस क्षेत्र की ओर खिंचती है, जिससे बादल बनते हैं और बारिश या बवंडर जैसी स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं।
आसान शब्दों में, लो प्रेशर एरिया को हम ‘बारिश का लक्कड़’ कह सकते हैं – जहाँ दबाव कम, वहाँ पानी की बूंदें बना कर गिरती हैं। इसलिए इस एरिया की खबरें देखना हमारे रोज़मर्रा के प्लान, यात्रा या खेती‑बाड़ी के लिए जरूरी है।
1. उत्ताखंड में भारी बारिश चेतावनी – 18‑19 जून 2025 को उत्तराखंड में हल्की‑से‑मध्यम बारिश की संभावना है। विशेषकर उत्तरकाशी, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर और कुमाऊँ व गढ़वाल में जल स्तर पर असर पड़ सकता है। IMD ने स्थानीय लोगों को अलर्ट किया है और बताया है कि बारिश के साथ हल्की‑से‑मध्यम तेज़ हवा भी चल सकती है। अगर आप इन इलाकों में यात्रा कर रहे हैं, तो मौसम को लगातार चेक करते रहें और आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाएँ।
2. वेस्टर्न हाई प्रेशर से नीचे लो प्रेशर का आगे का असर – पिछले कुछ दिनों में पश्चिमी भारत में उच्च दबाव के साथ मध्यवर्ती लो प्रेशर ने महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल के हिस्सों में हल्की‑से‑मध्यम बूँदाबाँदी लाई है। इससे कृषि क्षेत्रों में फसल की नमी बनी रहती है, परन्तु जल निकासी की समस्या भी सामने आ सकती है। किसान भाइयों को सलाह है कि जल निकासी के लिये खीरे या टनल बनाकर रख लें।
3. दुर्भाग्यवश बाढ़ की खबरें – लो प्रेशर एरिया की वजह से कुछ जिलों में जल स्तर अचानक बढ़ा है। विशेषकर उत्तराखंड के आयरन गॉर्ज में जल स्तरोन्नति की संभावना है, जिससे बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। स्थानीय प्रशासन ने एरियल फोटो और ड्रोन सर्वे कर राहत कार्यों के लिए तैयारियों को तेज किया है।
‑ मौसम ऐप या IMD वेबसाइट पर लगातार अपडेट देखते रहें। जल्द‑से‑जल्द चेतावनी मिलने पर ही आप समय पर तैयारी कर सकते हैं।
‑ बाहर निकलने से पहले अपने क्षेत्र की जल निकासी व्यवस्था जांचें। अगर पानी जमा हो रहा है तो बारीकी से साफ‑सफ़ाई करें।
‑ यात्रा योजना बनाते समय वैकल्पिक मार्ग रखें। लो प्रेशर एरिया की वजह से रास्ते बंद हो सकते हैं, इसलिए GPS और रीयल‑टाइम ट्रैफ़िक अपडेट ज़रूर देखें।
‑ किसान भाइयों के लिए फसलों की नमी स्तर पर नजर रखें। अगर जल अतिरिक्त है तो पानी निकालने की व्यवस्था तुरंत करें, नहीं तो फसल सड़ सकती है।
बाकी सभी लोगों के लिए, सबसे बड़ी चीज़ है सूचनाओं पर भरोसा रखना। लो प्रेशर एरिया अक्सर अचानक सामने आता है, पर अगर हम सही जानकारी ले और त्वरित कदम उठाएँ, तो नुक़सान कम किया जा सकता है। हमारे "लो प्रेशर एरिया" टैग में आप को रोज़ नए अपडेट मिलते रहेंगे – चाहे वह बारिश का forecast हो, या बाढ़ की चेतावनी, या हवा की गति की जानकारी। तो हर सुबह इस पेज पर एक नज़र जरूर लगाएँ, ताकि आपका दिन बेफ़िक्र रहे।
कोलकाता में इस सीजन की सबसे तीव्र बारिश देर रात हुई, जिसके बाद मौसम विभाग ने शहर और आसपास के जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया। अलीपुर में 24 घंटों में 47.1 मिमी बारिश दर्ज हुई। लो-प्रेशर एरिया बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम में बना, जिससे गरज-चमक के साथ तेज बारिश हुई। बुधवार तक मध्यम बारिश के आसार हैं, फिर बरसात बिखरी होगी। सीजनल बारिश 16% ज्यादा है।