आकाश में होने वाली खास खगोलीय घटनाएँ अचानक नहीं आतीं — पर वे देखते ही बनती हैं। उदाहरण के तौर पर 21 जनवरी 2025 की रात छह ग्रहों का संयोग था (मंगल, बृहस्पति, शनि, शुक्र, यूरेनस और नेपच्यून) जिसे 5 बजे से 9 बजे के बीच देखा जा सकता था। मंगल, शुक्र और बृहस्पति सबसे चमकदार दिखते हैं; बाकी ग्रह बाइनोकुलर या टेलीस्कोप से पता चलेंगे।
कब निकलें: सूर्यास्त के बाद 30–60 मिनट भीतर जाँच शुरू करें। आकाश जितना अंधेरा होगा, नज़ारा उतना स्पष्ट दिखेगा।
कहां देखें: खुला और अँधेरा स्थान चुनें — शहर के बहुत रोशन हिस्सों से बेहतर है कि आप किसी पार्क या उपनगर में जाएँ। पश्चिमी आकाश या जहाँ आपकी घटना की सूचना बताती है, वहीं नजर टिकाएँ।
आँख समायोजित करें: बिना किसी लाइट के कम-से-कम 15–20 मिनट दें ताकि आंखें अंधेरे के अनुकूल हो जाएँ। फोन की स्क्रीन कम रखें या मोनोक्रोम मोड में रखें।
मौसम और क्लाउड कवर: IMD या लोकप्रिय मौसम ऐप पर क्लाउड रिपोर्ट चेक करें। बादल होने पर दृश्य प्रभावित होगा—दोबारा तारीख देखें या अगले साफ रात का इंतज़ार रखें।
किसी भी घटना को अच्छे से देखने के लिए बाइनोकुलर (7x50) सबसे आसान और सस्ता विकल्प है। टेलीस्कोप हो तो और बेहतर; प्लैनेटरी व्यू के लिए बड़ा अपर्चर मदद करता है।
स्मार्टफोन से तस्वीर: एक स्टैंड/ट्राइपॉड ज़रूरी है। वाइड-एंगल लेंस से पूरा स्काई फ्रेम में आएगा — सेटिंग्स: RAW, ISO 800–1600, एक्सपोज़र 2–6 सेकण्ड (ट्रैकिंग न होने पर 6s से कम रखें)। अगर आप ग्रहों को बारीकी से पकड़ना चाहते हैं, तो टेलीस्कोप के फोकल आउटपुट पर फोन अडैप्टर का इस्तेमाल करें और शटर को शॉर्ट रखें।
टिप्स: कैमरा का फोकस मैन्युअल करें, डिजिटल जूम से बचें, और कई शॉट लें ताकि किसी एक में अच्छे रंग और क्लैरिटी मिल जाए।
ऐप्स जो मदद करेंगे: Stellarium, SkyView, Star Walk और Google Sky Map से आप किसी भी समय यह देख सकते हैं कि कौन-सा ग्रह कहाँ है। लाइव अलर्ट और लोकल विजिबिलिटी भी ये बताते हैं।
सुरक्षा: कभी भी बिना खास सोलर फिल्टर के सीधे सूरज की ओर न देखें। रात के ग्रहों के लिए कोई जोखिम नहीं, पर साफ-aur-safe gear ही लें।
और खबरें: अगर आप इन खगोलीय घटनाओं के शौकीन हैं तो 'दैनिक समाचार भारत' पर हमारी खगोलीय कवरेज और अपडेट देखें — हम आने वाली घटनाओं, टाइमिंग और देखने की आसान हिदायतें देते रहते हैं।
चाहें आप पहली बार बाहर जा रहे हों या पुराना शौकीन हों, सही तैयारी से आकाशीय नज़ारा यादगार बन जाता है। अपनी अगली रात बाहर जाने से पहले मंच पर आने वाली ताज़ा खबरें और मौसम की जानकारी नज़र ज़रूर कर लें।
आज रात दुर्लभ सुपर ब्लू मून देखने को मिलेगा, जो रक्षाबंधन के पर्व के साथ संयोग कर रहा है। ब्लू मून का अर्थ किसी महीने में दूसरी पूर्णिमा से है। यह घटना चार लगातार सुपरमून में से पहली है और इसे बेहतर ढंग से देखने के लिए कम रोशनी वाले स्थानों से देखने की सलाह दी जाती है। रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है और सुपर ब्लू मून की उपस्थिति इसे और खास बना देती है।