मैच का सारांश
शुक्रवार, 26 सितंबर को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया टाइट‑20 एशिया कप 2025 का मैच टीना ‘ट्रॉफ़ी’ जैसा रोमांच लाया। श्रीलंका ने टॉस जीत कर पहले बॉलिंग करने का निर्णय लिया, पर भारत ने जल्दी ही महिलाओं को शॉट्स की बौछार से घेर लिया।
सुर्यकुमार यादव के नेतृत्व में भारतीय टीम ने 20 ओवर में 175‑6 का प्रतिस्पर्धी स्कोर बनाया। शुरुआत में अभिषेक शर्मा की आक्रामक पावर‑हिटिंग और शुबमन गिल की स्थिरता ने टीम को मजबूत प्लेटफ़ॉर्म दिया। मध्य‑क्रम में हार्दिक पांड्या और शिवम दुबे ने आक्रमण को आगे बढ़ाया, जिससे स्कोर में निरंतर वृद्धि बनी रही।
श्रीलंका की ओर से पाथुम निस्सांका ने 58 गेंदों में 107 रन बनाए, जिसमें सात चार और छः छक्का शामिल थे। उनके इस शतकीय इंट्री ने दिलों को धड़धड़ाया और मैच को एक-दूसरे के कदमों पर रख दिया। निस्सांका के साथ कुसाल मेंडिस, दसुं शानाका और वानिंदु हसरांगा के छोटे‑छोटे योगदानों ने टीम को 23 रन बचाए 12 गेंदों में, पर अंत में स्कोर बराबर हो गया।
बॉलडिंग में भारतीय गेंदबाज़ों ने कुशलता दिखाई। कुलदीप यादव की चतुर घुमा, वरुण चक्रवर्ती की रहस्यमयी स्पिन, जसप्रीत बुमराह की तेज़ी और अर्शदीप सिंह की डेड‑ओवर में फीक़ी चालों ने शॉट्स को सीमित किया। यह सब मिलकर खेल को सुपर ओवर तक ले गया।
सुपर ओवर में श्रीलंका केवल 2 रन बना पाए, जबकि भारत ने तुरन्त प्रतिक्रिया दी। सुर्यकुमार यादव ने पहले ही गेंद पर एक सुंदर कवर्ड ड्राइव मारते हुए तीन रन लिए और टीम को जीत दिला दी। शुबमन गिल ने भी नीलामी की तरह शॉट्स चलाए, पर मुख्य बात यह थी कि भारत ने आराम से लक्ष्य हासिल कर लिया।
भविष्य की संभावनाएँ
यह जीत भारत को एशिया कप फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले की तैयारी में आत्मविश्वास से भर देती है। टॉर्नामेंट में भारत की बेजोड़ बैटिंग गहराई, विविध बॉलडिंग और कप्तान सुर्यकुमार यादव की रणनीतिक सोच ने उन्हें स्पष्ट फेवरेट बना दिया है।
श्रीलंका के लिए निस्सांका का शतक दिल से खुशी लाता है, पर टीम की एकसमान दबाव में गिरती बॉलिंग और अधूरे बैटिंग प्रदर्शन ने उनके एलीमीनेशन को तय किया। वानिंदु हारासंगा को छोड़कर बाकी गेंदबाज़ों को अपनी लाइन और लेंथ पर काम करना होगा, और बटिंग में कुसाल मेंडिस व दसुं शानाका को निरंतरता दिखानी पड़ेगी।
भविष्य में दोनों टीमों की रणनीतियों में कुछ बदलाव देखे जा सकते हैं। भारत शायद अपने विशेष पावरप्ले को और हिट में बदलने की कोशिश करेगा, जबकि पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में उन्हें सटीक फील्ड प्लेसमेंट और बॉलर रोलिंग पर अधिक ध्यान देना पड़ेगा।
वैश्विक स्तर पर इस सुपर ओवर को एक क्लासिक टाइट‑20 मुकाबले के रूप में याद किया जाएगा। दर्शकों की खुशी, खिलाड़ी मात्रात्मक आँकड़े और हिंदी टेबल पर असाधारण प्रदर्शन ने इस एशिया कप को यादगार बनाया है।