ज़ोमैटो लिमिटेड के शेयरों में बुधवार के ट्रेडिंग सत्र में 6 प्रतिशत की भारी गिरावट देखी गई। इस गिरावट का मुख्य कारण कंपनी की वित्त वर्ष 2025 में अपनी सब्सिडियरी ब्लिंकिट के तहत 500 नए स्टोर जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर चिंताएं हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम अल्पावधि में कंपनी की लाभप्रदता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
हालांकि, कई प्रमुख ब्रोकरेज फर्मों जैसे कोटक सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, यूबीएस और नोमुरा इंडिया ने ज़ोमैटो के शेयर पर अपना सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा है। इन फर्मों ने शेयर के लिए 225 रुपये से लेकर 300 रुपये तक के मूल्य लक्ष्य निर्धारित किए हैं।
कोटक सिक्योरिटीज ने ज़ोमैटो के लिए राजस्व अनुमानों को संशोधित किया है, लेकिन बढ़ी हुई ईएसओपी लागत और ब्लिंकिट में आक्रामक स्टोर विस्तार रणनीति के कारण निकट अवधि में लाभप्रदता में कमी का अनुमान लगाया है। वहीं आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज नए स्टोर जोड़ने को क्विक कॉमर्स सेगमेंट में भौगोलिक विस्तार के माध्यम से बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक रणनीतिक कदम मानती है, जबकि प्रतिस्पर्धी लाभ सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
यूबीएस की एक रिपोर्ट के अनुसार, ज़ोमैटो का चौथी तिमाही प्रदर्शन ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू और राजस्व स्तरों के संबंध में उनके अनुमानों के अनुरूप था, लेकिन उच्च कर्मचारी लागत के कारण ईबिटडा अनुमानों से कम रहा। नोमुरा इंडिया का मानना है कि ज़ोमैटो का उच्च विकास पथ लाभप्रदता में सुधार के साथ फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स दोनों व्यवसायों में काफी संभावनाएं प्रदान करता है।
ज़ोमैटो ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह अपनी क्विक कॉमर्स सेवा ब्लिंकिट के तहत अगले वित्त वर्ष में भारत के 8-10 नए शहरों में प्रवेश करेगी और 500 से अधिक नए ब्लिंकिट स्टोर खोलेगी। इस विस्तार के लिए ज़ोमैटो लगभग 320 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
हालांकि यह कदम दीर्घावधि में फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इससे अल्पावधि में लाभप्रदता पर दबाव बढ़ सकता है। ब्लिंकिट का विस्तार क्विक कॉमर्स स्पेस में ज़ोमैटो को मार्केट लीडर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो कि उसके भविष्य के विकास के लिए अहम है।
क्विक कॉमर्स में ज़ोमैटो का बढ़ता दबदबा
ज़ोमैटो ने पिछले साल अगस्त में ब्लिंकिट का अधिग्रहण किया था और तब से क्विक कॉमर्स सेगमेंट में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है। कंपनी ने पिछली तिमाही में ब्लिंकिट के जरिए 4.5 मिलियन से अधिक ऑर्डर्स डिलीवर किए, जो एक साल पहले की तुलना में 4 गुना अधिक है।
ज़ोमैटो के सीईओ दीपेंद्र गोयल ने कहा है कि क्विक कॉमर्स कंपनी के लिए एक प्रमुख फोकस एरिया है और आने वाले वर्षों में इसमें बड़े पैमाने पर निवेश किया जाएगा। ब्लिंकिट नेटवर्क के विस्तार से ज़ोमैटो को क्विक कॉमर्स मार्केट में अपनी हिस्सेदारी और बढ़ाने में मदद मिलेगी।
हालांकि क्विक कॉमर्स सेगमेंट अभी भारत में शुरुआती चरण में है, लेकिन इसमें भारी विकास की संभावना है। RedSeer की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक क्विक कॉमर्स सेगमेंट 5.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।
ज़ोमैटो का मजबूत वित्तीय प्रदर्शन
ज़ोमैटो का वित्तीय प्रदर्शन लगातार मजबूत बना हुआ है। कंपनी का एडजस्टेड राजस्व चौथी तिमाही में सालाना आधार पर 40% बढ़कर 2,062 करोड़ रुपये हो गया। वहीं खाना ऑर्डर करने की संख्या में भी 23% की वृद्धि देखने को मिली।
कंपनी के एडजस्टेड ईबिटडा मार्जिन में भी सुधार देखा गया, जो 1.7% रहा। हालांकि ईएसओपी लागत में वृद्धि के कारण कंपनी को 147 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। लेकिन कंपनी का कहना है कि आने वाली तिमाहियों में लाभप्रदता में सुधार देखने को मिलेगा।
ज़ोमैटो के पास मार्च 2023 के अंत तक 11,160 करोड़ रुपये का कैश रिजर्व था, जिसका इस्तेमाल वह विस्तार और विकास गतिविधियों के लिए कर सकती है। कंपनी का कहना है कि उसका मुख्य फोकस ग्रोथ के साथ-साथ लाभप्रदता में सुधार करना है।
शेयर मूल्य पर विश्लेषकों की राय
ज़ोमैटो के शेयर मूल्य पर ब्रोकरेज फर्मों की सकारात्मक राय कायम है। कई विश्लेषकों का मानना है कि हालिया गिरावट एक खरीदारी का अवसर दे रही है। शेयर के लिए दीर्घावधि संभावनाएं काफी मजबूत बनी हुई हैं।
ब्रोकरेज फर्म | रेटिंग | लक्ष्य मूल्य |
---|---|---|
कोटक सिक्योरिटीज | खरीदें | 300 रुपये |
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज | खरीदें | 285 रुपये |
यूबीएस | खरीदें | 260 रुपये |
नोमुरा इंडिया | खरीदें | 225 रुपये |
विश्लेषकों का कहना है कि ज़ोमैटो के दोनों प्रमुख व्यवसाय - फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स मजबूत विकास की राह पर हैं। कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर लगातार नए रेस्तरां और ग्राहक जोड़ रही है, जो भविष्य में राजस्व वृद्धि को गति देगा।
हालांकि ब्लिंकिट के विस्तार से अल्पावधि में लाभप्रदता पर कुछ दबाव देखने को मिल सकता है, लेकिन दीर्घावधि में यह कदम कंपनी के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि निवेशकों को धैर्य रखने की जरूरत है और शेयर में हर गिरावट को खरीदारी के अवसर के रूप में देखना चाहिए।