क्या जिगरा वो फिल्म है जो आपको थिएटर की सीट पर बांध कर रख देगी या बस बीच-बीच में उठाने का बहाना देगी? अगर आप एक साफ-सुथरी कहानी, मजबूत एक्टिंग और तेज़ रफ्तार चाहते हैं तो यह रिव्यू आपके काम आएगा। मैं नीचे सीधे और स्पष्ट अंदाज़ में बताऊँगा क्या अच्छा है, क्या कमजोर और किस दर्शक को यह फिल्म पसंद आएगी।
कहानी (स्पॉइलर-अनमुक्त): जिगरा में एक छोटे शहर का युवक अपने आदर्श और रिश्तों के बीच जूझता दिखता है। प्लॉट सीधे-सा और भावनात्मक टकराव पर केंद्रित है — परिवार, दोस्ती और निर्भीक फैसलों की कहानी। कहानी दो-तीन स्पष्ट मोड़ों पर तेज़ी से आगे बढ़ती है, इसलिए ध्यान से बैठना ज़रूरी है।
मुख्य अभिनेता ने जिगरा में प्राकृतिक और ठीक-ठाक काम किया है। जब इमोशन आता है तो वह असर देता है, लेकिन कुछ सीन में एक्सप्रेशन ओवर-द-टॉप भी दिखा। सहायक कलाकारों ने फिल्म को स्थिर रखा — खासकर एक सीन जहाँ दोस्ती का सच सामने आता है, वह काम करता है। हीरोइन ने कम लेकिन असरदार भूमिका निभाई। कुल मिलाकर एक्टिंग में औसत से ऊपर का प्रदर्शन है पर कभी-कभी स्क्रिप्ट को पूरा सहयोग नहीं मिला।
डायरेक्टर ने कहानी को सादगी से पेश किया है पर रिस्क कम लिया। कुछ सीन जो गहराई मांगते हैं, वे केवल सतह पर ही झलकते हैं। जहाँ फिल्म जीतती है वह है रियल डायलग्स और छोटे-मोटे पल जो दर्शक से जुड़ते हैं। हालांकि क्लाइमैक्स थोड़ा जल्दबाज़ी में क्लोज़ किया गया लगता है।
बैकग्राउंड स्कोर कई बार सीन को उठाता है। एक-दो गाने कहानी में फिट होते हैं और याद रहते हैं। सिनेमैटोग्राफ़ी छोटे शहर की जिंदगी को अच्छे से कैद करती है—क्लोज़-अप और लो-लाइट सीन प्रभावी हैं। एडिटिंग तेज़ है पर कुछ ट्रांज़िशन सूते हुए महसूस होते हैं।
फिल्म की ताकत उसकी सादगी और छोटे पलों में है; कमजोरी वह जगहें हैं जहाँ नतीजे थोड़े उम्मीद के मुताबिक़ नहीं पहुँचते। पटकथा में कुछ दृश्यों को और पॉलिश की ज़रूरत थी ताकि किरदार और उनके फैसले ज़्यादा विश्वसनीय दिखते।
किसे देखें? अगर आप ऐसी फिल्में पसंद करते हैं जो दिल से जुड़ें, साधारण पर असरदार किस्से सुनाएँ और जहाँ तड़का ज़्यादा नहीं, तो जिगरा वॉर्थ-ए-शो है। परिवार के साथ देखना सुरक्षित अनुभव देगा। अगर आप हाई-एन्ड एक्शन या बड़ा मसाला चाहते हैं, तो शो कुछ धीमा लगेगा।
अंत में — जिगरा एक ईमानदार कोशिश है। यह पूरी तरह परफेक्ट नहीं पर कुछ ऐसे पल देती है जो देर तक रह जाते हैं। टिकट लेने से पहले अपने मूड पर गौर करें: अगर आप दिल और सच्चाई वाली कहानी चाहते हैं, इसे एक मौका दें।
वासन बाला की 'जिगरा' अपनी संभावनाओं के बावजूद उम्मीदें नहीं पूरी कर पाती। फिल्म का मुख्य फोकस एक बहन के संघर्ष पर है जो अपने भाई के साथ हुई अन्याय के लिए आवाज उठाती है। आलिया भट्ट अपनी भूमिका में अपनी क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन करती हैं, लेकिन कमजोर कहानी का जाल फिल्म को कमजोर बनाता है। अद्रुत निर्देशन के बावजूद, फिल्म अपनी संभावनाओं पर खरा उतरने में असफल होती है।