भगदड़: भारत में राजनीति, खेल और सामाजिक हलचल की असली कहानियाँ

जब कोई चीज़ इतनी तेज़ी से बदल रही हो कि कोई उसका रास्ता नहीं रोक पा रहा, तो उसे भगदड़, एक ऐसी हलचल जिसमें नियम टूटते हैं, लोग भागते हैं और सिस्टम अटक जाता है कहते हैं। ये सिर्फ भीड़ या शोर नहीं होता—ये वो पल होता है जब एक निर्णय, एक मैच, या एक बयान पूरे देश को हिला देता है। राजनीति, जहाँ चुनावी नियमों की बात होती है और मतदाताओं के नाम गायब होते हैं भगदड़ का एक तरफ़ा पहलू है। जब निर्वाचन आयोग, भारत का वो संस्थान जो चुनावों को निष्पक्ष बनाए रखता है पर आरोप लगते हैं कि मतदाता सूची में हेराफेरी हो रही है, तो ये भगदड़ बन जाता है। ये न सिर्फ बिहार या पश्चिम बंगाल तक सीमित नहीं, बल्कि देश के 12 राज्यों में बूथ स्तर पर फैल रहा है, जहाँ 51 करोड़ लोगों का अधिकार लटक रहा है।

लेकिन भगदड़ सिर्फ राजनीति में नहीं होता। क्रिकेट, भारत का धर्म, राष्ट्रीय भावना और राजनीति का एक बड़ा हिस्सा भी इसका हिस्सा है। जब न्यूजीलैंड ने जिम्बाब्वे को हराया या भारत ने वेस्ट इंडीज को 140 रन से ध्वस्त किया, तो ये भगदड़ था—एक ऐसा भगदड़ जिसमें लोग खुशी से चिल्ला रहे थे। लेकिन जब टी20 विश्व कप 2026 की तारीखें घोषित हुईं और फाइनल अहमदाबाद में होने की बात सामने आई, तो ये भगदड़ अब बड़ा हो गया—एक ऐसा भगदड़ जिसमें देश की पहचान और खेल की शक्ति दोनों शामिल हैं। ये भगदड़ तब भी होता है जब बग झुंड किसी महिला क्रिकेट मैच को रोक दे, या जब एक गेंदबाज़ को दो मैच के लिए निलंबित कर दिया जाए। क्रिकेट यहाँ खेल नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है, और जब वो गड़बड़ाता है, तो पूरा देश उल्टा पल्ट जाता है।

भगदड़ का एक और पहलू है—वो जब एक बयान, एक टिप्पणी, या एक बुलडोजर की तस्वीर देश के न्यायपालिका और सरकार के बीच आग लगा दे। जब प्रवीण खांडेलवाल ने बुलडोजर को ‘भाषा’ कह दिया, तो ये भगदड़ सिर्फ एक चुनौती नहीं, बल्कि एक नए राजनीतिक भाषाकोश की शुरुआत थी। और जब यासिन मालिक ने दावा किया कि मनमोहन सिंह ने हाफ़िज़ सईद से मुलाकात के बाद धन्यवाद दिया, तो ये भगदड़ इतिहास के दस्तावेज़ों को हिला देने लगा। ये सब अलग-अलग लगता है, लेकिन सब एक ही चीज़ के टुकड़े हैं—भगदड़। यहाँ आपको ऐसी ही खबरें मिलेंगी, जो आपको बस अपडेट नहीं, बल्कि सोचने पर मजबूर कर दें। जो खबरें आपको चिल्लाने पर मजबूर कर दें। जो आपको बताएँ कि देश क्या हो रहा है, और क्यों।

करूर में विजय की रैली में भगदड़: 36 लोगों की मौत, 8 बच्चे और 16 महिलाएं शामिल
समाज

करूर में विजय की रैली में भगदड़: 36 लोगों की मौत, 8 बच्चे और 16 महिलाएं शामिल

  • 19 टिप्पणि
  • नव॰, 24 2025

करूर में विजय की रैली में भगदड़ के कारण 36 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 8 बच्चे और 16 महिलाएं शामिल। मुख्यमंत्री स्टालिन ने प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपये की मदद की घोषणा की।