दिल्ली हवाई अड्डे पर हुआ हादसा: भारी बारिश के कारण टर्मिनल 1 की छत गिरी, एक की मौत और 20+ उड़ानें प्रभावित
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) के टर्मिनल 1 पर शुक्रवार सुबह एक बड़ा हादसा हुआ। भारी बारिश के कारण टर्मिनल की पुरानी डिपार्चर बिल्डिंग की छत करीब 5 बजे ढह गई। इस दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह लोग घायल हो गए। कई वाहन भी इस दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो गए। दिल्ली फायर सेवा द्वारा हादसे की जानकारी की पुष्टि की गई।
सुबह के समय जब हादसा हुआ, तो वहां पर यात्री और हवाई अड्डे का स्टाफ उपस्थित था। अचानक छत के गिरने से सभी में अफरा-तफरी मच गई। फायर सेवा की चार टीमें मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव के काम में जुट गईं। हादसे में गंभीर रूप से घायल लोगों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जबकि मामूली रूप से घायल लोगों को मौके पर ही प्राथमिक चिकित्सा दी गई।
पूर्ण चिकित्सा सहायता और मुआवजा की घोषणा
इस घटना के बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने टर्मिनल का दौरा किया और घटना की जांच की। उन्होंने घोषणा की कि मृतक के परिवार को 20 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी, जबकि घायल लोगों को 3 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। मंत्री ने यह भी बयान दिया कि टर्मिनल 1 पर सामान्य सेवाएं शनिवार से बहाल कर दी जाएंगी।
हादसे के बाद, टर्मिनल 1 से उड़ान भरने वाली सभी उड़ानों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया, जिससे 20 से अधिक उड़ानें प्रभावित हुईं। हवाई अड्डा प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए वैकल्पिक व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
मौसम के कारण हुई दुर्घटना
जांच एजेंसियां हादसे की मूल वजह का पता लगाने में जुटी हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि भारी बारिश के कारण छत कमजोर हो गई थी, जिससे यह हादसा हुआ। हवाई अड्डा प्रशासन भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए उचित कदम उठा रहा है।
मौके पर पहुंचे अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली के हवाई अड्डे पर बारिश के कारण हुई यह दुर्घटना एक चेतावनी है कि हवाई अड्डे के ढांचागत संरचनाओं की समय-समय पर जांच जरूरी है। उन्होंने बताया कि इस हादसे के कारण कई यात्री फंसे रह गए और उन्हें पुनर्निर्धारित उड़ानों का आयोजन किया गया है।
यात्रियों के लिए राहत कार्य
हवाई अड्डा प्रशासन ने तुरंत आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय कर दिया और यात्रियों की सहायता के लिए मेडिकल टीम तैनात की। हवाई अड्डे के संचार नेटवर्क को मज़बूत किया गया ताकि यात्री अपने परिवार और दोस्तों से संपर्क कर सकें।
इस दुर्घटना ने हवाई अड्डे की सुरक्षा प्रबंधन और डिजास्टर प्रबंधन की समीक्षा की आवश्यकता को भी उजागर किया है। हालांकि भारी बारिश की स्थिति अप्रत्याशित होती है, मगर उससे निपटने के लिए ठोस व्यवस्थाओं की जरूरत है।
इस हादसे के चलते हवाई अड्डे की प्रबंधन टीम और अन्य संबंधित अधिकारी अब सतर्क हो गए हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए अपनाई जाने वाली रणनीतियों पर विचार कर रह ही हैं।