महावीर जयंती 2024 पर कुचामन सिटी और धौलपुर में जैन समुदाय ने भव्य रथयात्रा का आयोजन किया, जिसमें भगवान महावीर की सजाई गई मूर्ति की परिक्रमा की गई। भक्तों ने फूल बरसाकर, भजन गाकर और दान-पुण्य कर महावीर के अहिंसा और सत्य के संदेश को फैलाया। मुनियों ने महावीर के सिद्धांतों पर प्रवचन दिए। इस आयोजन ने जैन मूल्यों की महत्ता पर जोर दिया।
जनवरी 2025 में विनायक चतुर्थी शुक्रवार, 3 जनवरी को मनाई जाएगी। यह दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा को समर्पित है। भक्तगण इस दिन प्रातः काल से संध्या तक उपवास रखते हैं और विधिपूर्वक भगवान गणपति की पूजा करते हैं। पूजा की शुरुआत प्रातः स्नान कर घर को शुद्ध करके की जाती है। भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर पुष्पमाला से सजाकर दीप जलाकर पूजा की जाती है।
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी 2024 का मौका पैगंबर मुहम्मद की जयंती को समर्पित एक महत्वपूर्ण इस्लामिक त्यौहार है। यह दिन 15 सितंबर की शाम से 16 सितंबर 2024 की शाम तक मनाया जाएगा। इस अवसर पर मुस्लिम समुदाय पैगंबर मुहम्मद के जीवन, शिक्षाओं, और विरासत का सम्मान करता है। ये दिन घरों और मस्जिदों को सजाने, जुलूस निकालने, और धार्मिक सभाओं के आयोजन के माध्यम से मनाया जाता है।
गुरु पूर्णिमा 2024, जो 21 जुलाई को मनाई जाएगी, हिंदू और बौद्ध धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन वेद व्यास की जयंती और गौतम बुद्ध के सारनाथ में पहले उपदेश को समर्पित है। इस अवसर पर लोग अपने गुरु और शिक्षकों का सम्मान करते हुए विभिन्न कथन, शुभकामनाएं और छवियां साझा करते हैं।
मुहर्रम 2024 इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है और इसे इस्लाम में सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है। मुहर्रम की दसवीं तारीख जिसे आशूरा कहा जाता है, हुसैन इब्न अली के शहादत की याद में मनाई जाती है। इस्लामी कैलेंडर का समय लूनर साइकिल पर आधारित होता है। 2024 में, मुहर्रम 7 जुलाई से शुरू होगा और आशूरा 16 जुलाई को मनाई जाएगी।
मुहर्रम 2024 के लिए मलयालम में शुभकामनाएं, संदेश, उद्धरण, छवियों के साथ फेसबुक पोस्ट और व्हाट्सएप स्टेटस उपलब्ध हैं। यह सामग्री इस्लामी कैलेंडर के इस महत्वपूर्ण अवसर पर दोस्तों और परिवार के साथ बधाई साझा करने के लिए उपयोगी हो सकती है।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2024 का उत्सव 6 जुलाई से शुरू होकर 15 जुलाई तक चलेगा। यह गुप्त नवरात्रि विशेषतः गुप्त साधनाओं के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है और देवी की कृपा प्राप्ति का माध्यम बनती है। कलशस्थापना का शुभ मुहूर्त 6 जुलाई की सुबह 5:29 बजे से 10:07 बजे तक है।
9 मई 2024 को मनाई जाने वाली रवींद्रनाथ टैगोर जयंती के दिन, लोग उनकी कृतियों को पढ़कर, सांस्कृतिक कर्यक्रमों में भाग लेकर, और उनके जन्मस्थल पर जाकर उन्हें याद कर सकते हैं।