टीएमसी सांसद जवार सिरकार का इस्तीफा: कोलकाता डॉक्टर की हत्या और बलात्कार पर ममता बनर्जी को लिखा पत्र
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्यसभा सांसद जवार सिरकार ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर की बलात्कार और हत्या के मामले से निपटने के तरीके को लेकर सरकार पर निशाना साधा है और राजनीति से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। उन्होंने यह कदम राज्य प्रशासन की कार्रवाई से निराश होकर उठाया है।
मामले की पृष्ठभूमि
गत माह, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक युवा महिला डॉक्टर की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी। इस घटना ने न केवल चिकित्सा समुदाय बल्कि आम जनता को भी हिला कर रख दिया था। डॉक्टर्स और नागरिक दोनों मिलकर प्रशासन की लापरवाही को लेकर सड़कों पर उतर आए। इस हत्याकांड के बाद राज्य में जगह-जगह प्रदर्शन हुए और जूनियर डॉक्टर्स ने अपने प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ आवाज उठाई।
पुलिस और सरकारी अधिकारियों की प्रतिक्रिया इस मामले में शुरू से ही आलोचना का शिकार रही। लोगों का मानना था कि प्रशासन ने घटना को गंभीरता से नहीं लिया और न ही जल्द कार्रवाई की। इससे लोगों में रोष बढ़ता चला गया। यहां तक कि कालीकट उच्च न्यायालय को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा और उसने सीबीआई को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया।
सिरकार के इस्तीफे का कारण
इस मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए जवार सिरकार ने कहा कि वह पिछले एक महीने से धैर्यपूर्वक इस मामले पर कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रहे थे। उन्होंने आशा की थी कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मामले में हस्तक्षेप करेंगी और न केवल दोषियों को सजा देंगे बल्कि प्रशासनिक लापरवाही के शिकार अधिकारियों पर भी कार्रवाई करेंगी। लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। उन्होंने कहा कि अगर भ्रष्ट और लापरवाह डॉक्टरों और अधिकारियों पर तुरंत कार्यवाही होती तो शायद इस घटना के बाद की स्थिति में सुधार हो सकता था।
उन्होंने ममता बनर्जी को लिखे पत्र में साफ तौर पर कहा कि वह अब और इस स्थिति का सामना नहीं कर सकते और इसलिए उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया है। सिरकार ने लिखा कि उन्होंने इस मामले में राज्य सरकार से तत्पर और सख्त कदम उठाने की उम्मीद की थी, परंतु ऐसा नहीं हुआ।
प्रदर्शन और सीबीआई जांच
डॉक्टर्स और नागरिकों के व्यापक प्रदर्शन के बाद राज्य प्रशासन ने इस मामले में संयुक्त जांच समिति का गठन किया। लेकिन प्रदर्शनकारियों की माँग थी कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले की जांच करे। जनता का विश्वास सीबीआई के पक्ष में था और उसे भरोसा था कि निष्पक्ष जांच केवल वह ही कर सकती है।
कालीकट उच्च न्यायालय ने भी इस मामले की गंभीरता को समझते हुए सीबीआई को जांच का आदेश दिया। साथ ही, मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए भी कहा गया। इस आदेश के बाद सरकार पर दबाव और बढ़ गया है कि वह इस मामले को गंभीरता से ले।
जवार सिरकार का इस्तीफा और उनकी बेबाक राय ममता बनर्जी की सरकार के लिए एक बड़ा झटका है। सिरकार के इस कदम ने राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही पर एक बार फिर से प्रकाश डाला है। अब देखना है कि इस इस्तीफे के बाद सरकार क्या कदम उठाती है और इस गंभीर मुद्दे पर क्या कार्यवाही करती है।