तमिलनाडु संयंत्र में उत्पादन शुरू होने पर टाटा पावर के शेयर 6% बढ़े

व्यापार तमिलनाडु संयंत्र में उत्पादन शुरू होने पर टाटा पावर के शेयर 6% बढ़े

तमिलनाडु संयंत्र में उत्पादन शुरू होने से हुआ शेयरों में उछाल

टाटा पावर के शेयरों में तगड़ा उछाल देखने को मिला जब कंपनी ने तमिलनाडु में अपने नए संयंत्र में सौर सेल उत्पादन शुरू किया। बीएसई पर कंपनी के शेयर 6.6% की वृद्धि के साथ 444.80 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। यह कदम भारत की सौर ऊर्जा और नेट-जीरो लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रहा है।

इस संयंत्र में उन्नत टॉपकॉम और मोनो पर्क तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे सौर सेल की दक्षता में सुधार होगा। वर्तमान में संयंत्र 2 गीगावॉट की क्षमता पर काम कर रहा है और 4-6 सप्ताह में अपनी पूर्ण 4 गीगावॉट की क्षमता तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके साथ ही, टाटा पावर की कुल सौर सेल और मॉड्यूल उत्पादन क्षमता अब 4.3 गीगावॉट हो चुकी है।

नवीनतम तकनीक और उच्च निवेश

सौर ऊर्जा क्षेत्र में टाटा पावर की प्रगति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि कंपनी ने इस संयंत्र में करीब 4300 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह संयंत्र टाटा पावर की रणनीति का मुख्य हिस्सा है, जिससे कंपनी भारत के नवीकरणीय ऊर्जा संक्रमण की दिशा में अग्रणी बन सके।

टाटा पावर के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रवीर सिन्हा ने कंपनी की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि उनका उद्देश्य है सौर ऊर्जा को सभी के लिए सुलभ बनाना और एक उज्जवल भविष्य की नींव रखना। यह संयंत्र सरकार के 'स्वीकृत मॉडल और निर्माणकर्ताओं की सूची' (ALMM) का भी हिस्सा है, और कंपनी को विश्वास है कि यहाँ बने उच्च गुणवत्ता वाले सोलर सेल भी जल्द ही इस सूची में शामिल होंगे।

भारत के नेट-जीरो लक्ष्य की ओर कदम

यह महत्वपूर्ण पहल न सिर्फ टाटा पावर बल्कि भारत की वृहद सौर ऊर्जा योजनाओं के लिए भी अहम् है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना जैसी परियोजनाओं के तहत यह कदम देश को नेट-जीरो कार्बन भविष्य की ओर आगे बढ़ाने में सहायता करेगा। इस पहल से घरेलू सौर सेल और मॉड्यूल उत्पादन को भी प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे भारत आत्मनिर्भर सौर ऊर्जा उत्पादन में सक्षम हो सकेगा।

तमिलनाडु के तिरुनेलवेली स्थित इस संयंत्र ने अक्टूबर 2023 से 1250 मेगावॉट सोलर मॉड्यूल का उत्पादन कर लिया है। कंपनी का यह संयंत्र अब तेजी से उत्पादन बढ़ाने की दिशा में अग्रसर है। इसके अलावा, टाटा पावर ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में बड़ी प्रगति की है, जिससे यह कंपनी इस क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरी है।