क्या आप माल ढोने, सर्विस देने या दुकान-व्यवसाय के लिए कमर्शियल व्हीकल खरीदने का सोच रहे हैं? सही चुना हुआ वैन, ट्रक या मिनी-ट्रक आपकी कमाई बढ़ा सकता है और खर्च घटा सकता है। पर खरीदने से पहले कुछ अहम बातें जानना जरूरी हैं—भारी वजन, लाइसेंस, इंधन खर्च और बाद की सर्विसिंग का असर आपकी रोज़ की कमाई पर सीधे पड़ेगा।
सबसे पहले अपनी जरूरत स्पष्ट करें: रोज कितना वजन या कितने पैसेंजर्स ले जाना है? GVW/Payload क्षमता पर ध्यान दें—कम्फर्टेबल ओवरलोडिंग अफोर्ड न करें। इंधन का चुनाव (डीजल, पेट्रोल, CNG, या इलेक्ट्रिक) चलने वाले रूट और ईंधन की उपलब्धता के हिसाब से करें। लंबी दूरी पर डीजल या इलेक्ट्रिक बस के लिए रेंज और चार्जिंग नेटवर्क चेक करें। ब्रांड चुनते वक्त सर्विस नेटवर्क, स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता और रीसल वैल्यू का अनुमान लगाएं।
नया या सेकंड-हैंड? नया वाहन कम परेशानी देता है पर महंगा होता है। सेकंड-हैंड लेते समय सर्विस रिकॉर्ड, वर्जन, इंजन ऑडियो और फ्रेम पर जंग की जाँच ज़रूरी है। टेस्ट ड्राइव पर ब्रेकिंग, स्टीयरिंग और गियरबॉक्स पर खास ध्यान दें।
समय पर सर्विसिंग और सही टायर प्रेशर ईंधन खपत और टायर लाइफ दोनों बचाते हैं। हर 10,000–15,000 किमी पर सर्विस चेकलिस्ट बनाएं: ऑयल बदलना, ब्रेक चेक, कूलेंट और एयर फिल्टर। ड्राइवर ट्रेनिंग और सुरक्षित लोडिंग से दुर्घटना का खतरा घटता है और बीमा क्लेम आसान होता है।
बीमा लेते समय कमर्शियल पॉलिसी ही लें—थर्ड-पार्टी अनिवार्य है, पर comprehensive लेने पर ओन-डैमेज, टोटल लॉस और पर्सनल एसेट्स के नुकसान भी कवर होते हैं। प्रीमियम में फीचर, सिलेबस और डिक्टेबल को देखें। फाइनेंस के लिए डाउनपेमेंट, ब्याज दर और EMI अवधि पर negotiate करें। लॉजिस्टिक व्यवसाय के लिए कैश-फ्लो देखकर ग्रुप ऑफर या फ्लेक्सिबल EMI चुनें।
EV कमर्शियल व्हीकल तेजी से बढ़ रहे हैं। बैटरी वारंटी, रेंज रिटेस्ट, चार्जिंग समय और बैटरी रिप्लेसमेंट कॉस्ट पहले से जान लें। केंद्र और राज्य स्तर पर मिलने वाली सब्सिडी और टैक्स बेनिफिट चेक करें—ये कुल लागत कम कर सकती हैं।
अन्य जरूरी बातें: वाहन का रजिस्ट्रेशन "कमर्शियल" कराना, ड्राइवर का कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस होना, फिटनेस सर्टिफिकेट और PUC पर्चा अपडेट रखें। सड़क नियमों और वेट लिमिट्स का पालन करने से जुर्माना और डिले से बचते हैं।
अगर आप हर महीने रनिंग, मेंटेनेंस और फाइनेंस के हिसाब से तुलना बनाकर चलेंगे तो कमर्शियल व्हीकल निवेश आपको बेहतर रिटर्न देगा। सवाल हो तो अपने रूट, भार और बजट बताइए—मैं कुछ उपयुक्त मॉडल और खर्च का अनुमान दे दूँगा।
अशोक लेलैंड के शेयर चौथी तिमाही के बेहतर परिणामों के बाद 6% बढ़कर 222.85 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। कंपनी का शुद्ध लाभ 19.8% बढ़कर 900 करोड़ रुपये हो गया। विश्लेषकों ने कंपनी की कुशल लागत नियंत्रण और उत्पाद मिश्रण की सराहना की और उसके लक्ष्य मूल्य को ऊंचा किया।