क्या आपको भी कभी लगा है कि कुछ दिनों में चीजें अचानक उल्टी-सुलटी हो जाती हैं? ग्रहों का संयोग अक्सर ऐसे बदलाव का कारण माना जाता है। असल में, संयोग से मतलब है जब दो या अधिक ग्रह एक ही दिशा या नज़दीकी स्थिति में होते हैं। ज्योतिष में इसे खास महत्व दिया जाता है क्योंकि यह मानसिक, आर्थिक और संबंधों पर असर दिखा सकता है।
मैं आपको सीधा और उपयोगी तरीका बताऊँगा — किस तरह पहचानें, क्या असर हो सकता है, और तुरंत अपनाने के लिए सरल उपाय। कोई लंबा कमाल नहीं, बस रोज़मर्रा के काम में असर कम करने के तरीके।
पहले जान लें कि संयोग को पहचानने के लिए कुंडली या ट्रांज़िट चार्ट चाहिए। अगर आपको खुद चार्ट पढ़ना नहीं आता तो किसी भरोसेमंद ज्योतिषी या अच्छी ऐप की मदद लें। मुख्य बातें जो देखें:
- कौन से ग्रह एक साथ हैं (जैसे शनि-गुरु, मंगल-शुक्र) — हर जोड़ का अलग अर्थ होता है।
- ये संयोग किस भाव में हो रहा है (काम, पैसा, स्वास्थ्य) — इससे रोज़मर्रा असर का अंदाज़ा होता है।
- ग्रहों की दृष्टि और नीचता/उत्तम स्थिति — कमजोर ग्रह ज्यादा परेशानी दे सकते हैं।
उदाहरण के लिए, बुध और शुक्र का संयोग आम तौर पर बातचीत, लेखन और पैसों से जुड़ा असर दे सकता है। वहीं मंगल-शनि का संयोग तनातनी, देरी और तनाव बढ़ा सकता है।
हर संयोग के लिए बड़े जतन की जरूरत नहीं होती। छोटे-छोटे कदम अक्सर असर को कम कर देते हैं:
- निर्णय टालें अगर ग्रहों के नकारात्मक ट्रांज़िट के दौरान बड़ा फैसला लेना है। जरूरी न हो तो सौदे और निवेश ठंडे दिमाग से करें।
- सुबह ध्यान और श्वास पर 10 मिनट दें — मन शांत रहेगा और तनाव घटेगा।
- कमजोर ग्रह के लिए छोटे दान करें: गेहूँ, चावल या लौंग जैसी वस्तुएँ स्थानीय मंदिर में दें।
- शनि के समय आत्म-नियम और मेहनत पर ध्यान दें; देर से मिलने पर घबराएँ नहीं, लगातार काम करते रहें।
- व्यक्तिगत रत्न और मंत्र सिर्फ अनुभवी ज्योतिषी की सलाह से लें — यह सब मौलिक सलाह है, अंधविश्वास नहीं।
अंत में, याद रखें कि ग्रह केवल संकेत देते हैं, नियति नहीं तय करते। संयोग कठिन समय ला सकता है, पर समझदारी और छोटे-छोटे कदम स्थिति बदल भी सकते हैं। अगर आप चाहते हैं, तो हमारी साइट पर उपलब्ध लेखों में हालिया ग्रह ट्रांज़िट और ताज़ा अनुमान देखें — वहां हम रोज़ाना छोटे अपडेट देते हैं जो आपको व्यवहारिक मदद देंगे।
21 जनवरी 2025 की रात ग्रहों का अद्वितीय 'परेड' आयोजित होगा। इसमें मंगल, बृहस्पति, शनि, शुक्र, यूरेनस और नेपच्यून शामिल होंगे। इनमें से मंगल, शुक्र और बृहस्पति सबसे अधिक चमकेंगे। 5 बजे से 9 बजे के बीच यह दुर्लभ दृश्य देखा जा सकता है। देखते समय अंधकार के अनुकूलन के लिए समय दें।