जब कॉलिन शाह, मैनेजिंग डायरेक्टर कामा ज्वेलरी ने 19 अक्टूबर 2025 को सोने की कीमतों पर टिप्पणी की, तब 24‑कैरेट सोना 10 ग्राम पर ₹140,271 तक पहुँच गया था। इस कीमत‑उछाल ने पूरे भारत में उपभोक्ता व्यवहार को बदल दिया है; अब लोग 22‑24 कैरेट की बजाय 18‑14 कैरेट के हल्के ज्वेलरी की ओर झुके हैं।
वर्तमान सोने की कीमतें और बाजार का परिदृश्य
ABP Live के अनुसार, 19 ऑक्टूबर को 24‑K सोना ₹140,271 प्रति 10 ग्राम, 22‑K ₹129,227, 18‑K ₹105,732 और 14‑K ₹82,231 पर उपलब्ध था। यही आंकड़े News18 Hindi ने 15 ऑक्टूबर के ‘दिल्ली सराफा बाजार’ (दिल्ली सराफा बाजार) में दर्ज किए थे, जहाँ कीमत में ₹1,000 की वृद्धि के साथ 10 ग्राम पर ₹1,31,800 की नई ऊँचाई छू ली गई थी। Multi Commodity Exchange (MCX) ने अक्टूबर के अंत में दिसंबर 2025 कॉन्ट्रैक्ट को ₹1,28,136 तक बढ़ते हुए दिखाया, जो पिछले हफ़्ते की तुलना में 0.73 % का उछाल था।
उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव
परंपरागत रूप से भारतीय शादियों और त्यौहारों में 22‑24 कैरेट सोना ही चुना जाता था। लेकिन अब ‘सोटी‑सिक्का‑की‑कीमत‑बढ़ी’ की खबरों के बाद, ग्राहक हल्के विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। कामा ज्वेलरी के अनुसार, उपभोक्ताओं की प्राथमिकता अब ‘पहना‑जाने‑योग्य’ आभूषणों की ओर बदल गई है, न कि सिर्फ निवेश‑उद्देश्य वाली वस्तुओं की। कॉलिन शाह ने बताया कि 9 000‑18 000 रुपये की रेंज में 18‑और 14 कैरेट के टुकड़े बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं, जिससे बिक्री में 18‑20 % की वृद्धि की उम्मीद है।
मुख्य रिटेलर्स की रणनीति
Titan Company Limited की ज्वेलरी शाखा तानिश्क ने 18‑कैरेट के विशेष कलेक्शन को शादी‑सीजन के लिये लॉन्च किया। इसी दौरान Senco Gold and Diamonds Limited ने 14‑और 18 कैरेट की बढ़ती माँग को देखते हुए अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में 9‑कैरेट विकल्प भी जोड़ने की घोषणा की। दोनों कंपनियों ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से 22‑कैरेट की माँग ज्यादा थी, लेकिन अब ‘बजट‑फ्रेंडली’ विकल्पों की ओर बदलाव स्पष्ट दिख रहा है।
आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव
सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी ने घरेलू बजट को कस कर दिया है। Bajaj Finserv ने 2025 में 22‑K सोना ₹1,19,881 प्रति 10 ग्राम का पूर्वानुमान लगाया, जबकि सोना‑लोन दरें भी उसी स्तर पर बनी हैं। इस महँगाई के बीच, ‘धनतेरस’ और ‘दीवाली’ की खरीदारी अभी भी शुभ माना जाता है, इसलिए उपभोक्ता कम‑शुद्धता वाले टुकड़ों को ही क्यों न चुनें, इस सोच ने बाजार में नई गति लाई। ET Now Swadesh के अनुसार, शादी‑सीजन में एक महीने में 150 टन सोना और 500 टन चाँदी की माँग सम्भव है। इस प्रकार, कम‑कैरेट ज्वेलरी का उभरना न केवल उपभोक्ता मनोविज्ञान को दर्शाता है, बल्कि भारतीय ज्वेलरी उद्योग के लिए भी एक राहत की बात है।
भविष्य की संभावनाएँ
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक सोने की कीमतें ₹150,000 प्रति 10 ग्राम से ऊपर स्थिर रहेंगी, 18‑और 14 कैरेट की लोकप्रियता बढ़ती रहेगी। कुछ उद्योग दिग्गज अनुमान लगाते हैं कि 2026 तक 12‑के‑जैसे वैरायटी की कीमतें 6‑8 % तक गिर सकती हैं, जिससे मध्यम वर्ग भी आकर्षित होगा। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय बाजार में COMEX के सोने‑कीमत में 1.12 % की उछाल ने भारतीय निर्यातकों को भी नई संभावनाएँ दी हैं। इस बीच, सरकार के निर्यात ड्यूटी‑सम्बन्धी कदमों का पुनर्मूल्यांकन होने की सम्भावना है, जो उद्योग को फिर से स्थिर करने में मदद कर सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
सोने की मौजूदा कीमतें उपभोक्ताओं को कैसे प्रभावित कर रही हैं?
24‑कैरेट की कीमत ₹140,271 प्रति 10 ग्राम तक पहुँचने से निवेश के रूप में सोना महंगा हो गया है। परिणामस्वरूप, ग्राहक अब 18‑और 14 कैरेट जैसे सस्ते विकल्पों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे इन श्रेणियों की बिक्री में 20 % तक की बढ़ोतरी देखी जा रही है।
कौन-कौन से ब्रांड इस बदलाव के साथ अपने उत्पाद कंट्रोल को बदल रहे हैं?
Titan Company Limited की तानिश्क ने 18‑कैरेट कलेक्शन लॉन्च किया है, जबकि Senco Gold and Diamonds Limited ने 14‑और 18 कैरेट के साथ 9‑कैरेट विकल्प भी पेश किए हैं। दोनों ही ब्रांड कम‑शुद्धता वाले सोने की बढ़ती माँग को ध्यान में रखकर डिज़ाइन और प्राइसिंग में बदलाव कर रहे हैं।
धनतेरस और दीवाली के दौरान बिक्री में क्या अपेक्षित वृद्धि होगी?
कॉलिन शाह के अनुसार, इस त्योहारी सीज़न में 18‑और 14 कैरेट के ज्वेलरी की बिक्री में लगभग 18‑20 % की वृद्धि होने की संभावना है। यह अनुमान उद्योग की मौजूदा स्टॉक‑आउट और उच्च कीमतों को ध्यान में रखकर दिया गया है।
क्या सोने के अलावा अन्य कीमती धातुओं की मांग बढ़ रही है?
ET Now Swadesh ने बताया कि सोने के साथ-साथ शादियों में लगभग 500 टन चाँदी की भी मांग अपेक्षित है। चाँदी की कीमतें ₹88,000‑₹95,000 के बीच स्थिर रहने की संभावना है, जिससे यह भी एक आकर्षक विकल्प बन रहा है।
भविष्य में सोने की कीमतें कैसे तय होंगी?
विश्लेषकों का मानना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत ₹150,000 प्रति 10 ग्राम से ऊपर बनी रहती है, तो 12‑14 कैरेट तक के प्राइसिंग मॉडल को अपनाने वाले ब्रांडों को लाभ होगा। साथ ही, सरकारी नीतियों और निर्यात ड्यूटी में बदलाव भी कीमतों की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं।
akash anand
अक्तूबर 19, 2025 AT 19:06सरकार को तुरंत इस सोने की कीमत की उछाल पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, नहीं तो आम लोग और भी पीड़ित हो जाऐंगे।
arun great
अक्तूबर 25, 2025 AT 14:00सभी को निवेश पोर्टफोलियो में सोने की विविधता लाने का सुझाव देता हूँ 😊। 18‑14 कैरेट ज्वेलरी को एसेट अलोकेशन के हिस्से के तौर पर देखना चाहिए, ताकि मार्केट वैल्यू के उतार‑चढ़ाव से बिक्रेता जोखिम कम हो सके।
Anirban Chakraborty
अक्तूबर 31, 2025 AT 08:53सोने के शौकीनों को अब अपने भरोसे को पुनः मूल्यांकित करना चाहिए; किफायती विकल्प चुनना कोई अपराध नहीं है।
Krishna Saikia
नवंबर 6, 2025 AT 03:46देश के वीरों की तरह हमें भी इस महँगी धातु से लड़ना है, इसलिए 18‑14 कैरेट ज्वेलरी हमारे बजट को बचाएगी और राष्ट्र की शोभा को बढ़ाएगी।
Arundhati Barman Roy
नवंबर 6, 2025 AT 05:10यह कीमतें अब सहन नहीं किये जा सकते, लोग भारी कष्ट में डूब जा रहे है।
yogesh jassal
नवंबर 12, 2025 AT 01:26सोना चाहे महँगा हो, लेकिन हमारे दिल में उसकी चमक कभी फीकी नहीं पड़ती।
व्यवसायी लोग यही कहेंगे कि उच्च कीमतें सिर्फ एक अवसर हैं, और हम जैसे सामान्य लोग बस देखते रहेंगे।
पर असली बात यह है कि लोगों की ज़रूरतें बदलती नहीं, बस बजट को समायोजित करने की कला आती है।
जब 24‑के सोने की कीमत सीमा से बाहर हो, तो 18‑14 कैरेट का विकल्प एक समझदार कदम बन जाता है।
यह ज्वेलरी न सिर्फ सौंदर्य को बढ़ाती है, बल्कि रोज़मर्रा की पहनने‑पहने की सुविधाओं को भी ध्यान में रखती है।
साथ ही, छोटे‑छोटे टुकड़े शादी‑साधारण समारोह में भी सहजता से फिट हो जाते हैं।
व्यापक बाजार में इस बदलाव से रिटेलर्स को नई रणनीतियों की जरूरत पड़ेगी, जो मैं देख रहा हूँ।
टाइटन और सेंको दोनों ने अब 9‑कैरेट तक का विकल्प डाल दिया, जिससे मध्य वर्ग के लिए द्वार खुल रहे हैं।
इसी तरह, बजट‑फ्रेंडली ज्वेलरी की मांग बढ़ेगी और ये ट्रेडिंग वॉल्यूम को स्थिर करेगा।
साथ ही, हमारे निवेशकों को भी सोने के प्रति अंधविश्वास छोड़ कर वास्तविक मूल्यांकन पर ध्यान देना चाहिए।
धनतेरस और दिवाली जैसे त्यौहार अब भी सोने की परम्परा को जीवित रखते हैं, पर कीमतों की समझ के साथ।
यदि कीमतें ₹150,000 प्रति 10 ग्राम से ऊपर रहती हैं, तो 14‑18 कैरेट की लोकप्रियता और भी तेज़ी से बढ़ेगी।
ये प्रवृत्ति न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक बदलाव का भी संकेत है, जहाँ लोग फैशन को भी महत्व देते हैं।
आगे चलकर संभव है कि 12‑के ज्वेलरी भी सस्ता विकल्प बन जाए, क्योंकि उत्पादन लागत घटेगी।
वर्तमान में, उपभोक्ता अपनी जरूरतों को संतुलित करने के लिए समझदारी से चुनाव कर रहे हैं, यही सबसे बड़ी बात है।
तो चलिए, इस नई धारा में साथ चलते हैं, क्योंकि प्लेटफ़ॉर्म बदल रहा है और हमें भी बदलना चाहिए।
Raj Chumi
नवंबर 12, 2025 AT 02:50हाय रे भाई अब तो सारा सोना महँगा हो गया किसे पता था
mohit singhal
नवंबर 17, 2025 AT 20:20देश की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो रही है, और ये सोने की कीमतें हमें फिर से जगा रही हैं 😡💥।
pradeep sathe
नवंबर 17, 2025 AT 21:43मैं तो कहूँगा कि 18‑14 कैरेट ज्वेलरी खरीदना वही है जो दिल को सुकून दे।
ARIJIT MANDAL
नवंबर 23, 2025 AT 15:13कीमतें बढ़ रही हैं, काहे की असली कारण जानते हो?
Bikkey Munda
नवंबर 29, 2025 AT 10:06जिन्हें अभी भी सोने में निवेश करना है, उन्हें छोटे करवट टुकड़े चुनने चाहिए, ताकि लिक्विडिटी बनी रहे।
BALAJI G
नवंबर 29, 2025 AT 11:30ऐसे समय में बजट‑फ्रेंडली ज्वेलरी ही समझदारी का विकल्प है।