शिंदे सेना नेता के बेटे की मुम्बई पब से निकलते हुए सीसीटीवी फुटेज सामने आई
मुम्बई में हाल ही में एक भयानक सड़क दुर्घटना का मामला सामने आया है। इस घटना ने जनता को हिला कर रख दिया है और महाराष्ट्र के राजनीतिक जगत में भी हलचल मचा दी है। शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी के उपनेता राजेश शाह के बेटे मिहिर शाह की एक सीसीटीवी फुटेज सामने आई है, जिसमें वह मुम्बई के एक पब से बाहर निकलते दिखाई दे रहे हैं।
घटना का विवरण
r>24 वर्षीय मिहिर शाह को कथित तौर पर एक भयानक हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, जिसमें एक 45 वर्षीय महिला named कावेरी की मौत हो गई और उसके पति प्रदीप नखवा घायल हो गए। यह घटना रविवार की सुबह 5:25 बजे वर्ली में हुई जब मिहिर शाह की बीएमडब्ल्यू कार एक स्कूटर को टक्कर मारते हुए चली गई। पुलिस की जानकारी के अनुसार, यह हादसा तेज गति और लापरवाही के कारण हुआ।
घटना के बाद से मिहिर शाह गायब हैं, और उन्हें खोजने के लिए पुलिस ने छह टीमें बनाई हैं। मिहिर शाह के बारे में यह भी बताया जा रहा है कि वह अपनी गर्लफ्रेंड के घर गए थे और फिर गायब हो गए। पुलिस ने उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें गैर इरादतन हत्या और लापरवाही के कारण मानव जीवन संकट में डालने की धाराएँ शामिल हैं।
दुर्घटना से पहले की घटनाएँ
सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, मिहिर शाह को उनकी चार दोस्तों के साथ जुहू स्थित वॉइस ग्लोबल तपस बार से रात 1:40 बजे निकलते देखा गया। पब के मालिक के अनुसार, मिहिर ने वहाँ केवल रेड बुल ऊर्जा पेय पिया और उनके शराब पीने का कोई सबूत नहीं है। बिल का भुगतान भी लगभग 18,730 रुपये किया गया।
मिहिर शाह और उनके दोस्तों को उस समय एक मर्सिडीज कार में बैठते देखा गया, जिसके बाद वे संभवतः उस बीएमडब्ल्यू में गए, जिससे वह घटना घटी। मिहिर के पिता, राजेश शाह और बीएमडब्ल्यू कार के ड्राइवर राजरिशी बिडावत को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है।
मामले में सरकार की प्रतिक्रिया
इस मौके पर महाराष्ट्र सरकार और शिंदे सेना पर भी सवाल उठ रहे हैं। सार्वजनिक दबाव बढ़ रहा है और लोगों की मांग है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यह मामला न केवल एक व्यक्तिगत हादसे का है, बल्कि सुरक्षा और न्याय प्रणाली के प्रति जनता की अपेक्षाओं का भी प्रतीक बन गया है।
जनता का कहना है कि इस तरह की घटनाएँ बार-बार देखने को मिलती हैं, खासकर जब आरोपी प्रभावशाली सामाजिक या राजनीतिक परिवारों से होते हैं। प्रशासन और न्यायालय को इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई करनी होगी ताकि विश्वास बहाल हो सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
निष्कर्ष
यह दुर्घटना सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि यह समाज में कानून और व्यवस्था की स्थिति, सत्ता के दुरुपयोग और न्याय प्रणाली की निष्पक्षता को भी प्रश्नचिह्नित करती है। मिहिर शाह को जल्द से जल्द पकड़ा जाना चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि कावेरी के परिवार को न्याय मिल सके।
जैसे-जैसे मामले की जांच आगे बढ़ेगी, और भी नई जानकारियाँ सामने आएँगी। तब तक, यह देखना महत्वपूर्ण है कि कानून को सही समय पर और सही तरीके से लागू किया जाए, ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं से किसी और का जीवन प्रभावित ना हो।
yatharth chandrakar
जुलाई 8, 2024 AT 17:46सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट है कि मिहिर शाह ने सिर्फ रेड बुल पीकर बार से बाहर निकला और बिल का भुगतान भी किया। उन्होंने शराब नहीं पी थी, इसलिए तत्काल शराब पीने का आरोप गलत लगता है। पुलिस ने अब तक उन्हें नहीं पाया, इसलिए खोज टीमों का गठन समझ में आता है। इस तरह के मामले में तेज़ी से कार्रवाई आवश्यक है, ताकि जनता का भरोसा बना रहे।
Vrushali Prabhu
जुलाई 9, 2024 AT 07:40वाकई में ये केस बहुत उलझा हुआ है, सच्चाई को देखना आसान नहीं? मै तो सोचती हूं, अगर राजनैतिक परिबार के लोग भी कानून से बच सकते तो आम आदमी कब हारेगा। सबको मिलके आवाज़ उठानी चाहिए, नहीं तो सब गुझरात में रहेंगे।
parlan caem
जुलाई 9, 2024 AT 21:33ऐसी बकवास सुन कर गुस्सा आ जाता है, जब तक शिनपे सत्ता वाले लोग अपनी ही गलती छुपाते नहीं, तब तक इंसाफ नहीं होगा। सबको इधर-उधर की बातों में फँसाना बंद करो, सच्चाई सामने लाओ।
Mayur Karanjkar
जुलाई 10, 2024 AT 11:26न्याय एक सामाजिक अनुबंध का मूलभूत तत्व है।
जब सत्ता के लोग इस अनुबंध को तोड़ते हैं तो प्रणाली विफल होती है।
इस प्रकार की घटनाएँ सार्वजनिक विश्वास को क्षीण करती हैं।
कायमी समाधान के लिए नीतियों में पारदर्शिता आवश्यक है।
जांच प्रक्रिया को स्वतंत्र बनाना चाहिए।
परिवारिक प्रभाव को कानूनी परिप्रेक्ष्य से हटाया जाना चाहिए।
सभी पक्षों को समान दायित्व देना आवश्यक है।
संकट के समय लोकतंत्र की परीक्षा ली जाती है।
कानून के बिना शक्ति का प्रयोग दुरुपयोग बन जाता है।
इस मामले में सीसीटीवी प्रमाण एक महत्वपूर्ण साक्ष्य है।
विधायी सुधार के बिना पुनरावृत्ति जारी रहेगी।
न्यायिक प्रणाली को तेज़ी से कार्य करना चाहिए।
जनता के हित में सख्त कार्रवाई अपरिहार्य है।
आखिरकार, सामाजिक स्थिरता कानून के सम्मान से ही संभव है।
इसलिए, झूठे संरक्षण के बजाय सच्ची जवाबदेही चाहिए।
Sara Khan M
जुलाई 11, 2024 AT 01:20बहुत बकवास है ये मामला 😑