पाकिस्तान की सेना द्वारा की गई अभूतपूर्व कार्रवाई
पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज़ इंटेलिजेंस (ISI) के पूर्व प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल फ़ैज़ हमीद को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी पाकिस्तान की सेना द्वारा की गई एक अहम कार्रवाई है। फ़ैज़ हमीद, जो जून 2019 से अक्टूबर 2021 तक आईएसआई प्रमुख रहे, को एक आवासीय योजना घोटाला और पाकिस्तान सेना अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है। पाकिस्तान की सेना ने 12 अगस्त को एक बयान में इस जानकारी की पुष्टि की।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत ने फ़ैज़ हमीद की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। इस घोटाले के तार एक आवासीय योजना से जुड़े हुए हैं, और यह भी आरोप है कि अन्य कई मामलों में फ़ैज़ हमीद ने सेना अधिनियम का उल्लंघन किया है। सेवानिवृत्ति के बाद यह पहला मौका है जब किसी पूर्व ISI प्रमुख के खिलाफ कोर्ट मार्शल की कार्यवाही शुरू की गई है।
यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पाकिस्तान में आईएसआई को हमेशा से ही एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली संस्था माना जाता रहा है। आईएसआई के प्रमुख का पद उच्चतम पदों में से एक होता है, और इस पद पर रहते हुए फ़ैज़ हमीद ने कई बड़े फैसले भी लिए थे।
फ़ैज़ हमीद की पृष्ठभूमि
फ़ैज़ हमीद ने जून 2019 में आईएसआई के प्रमुख का पद संभाला था। उनके कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान और भारत के संबंधों में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले। विशेष रूप से, उन्होंने अक्टूबर 2021 में अपने पद से इस्तीफा दिया था, जिसके बाद कई सवाल उठे थे। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि उनका इस्तीफा भी इस घोटाले से जुड़ा हुआ हो सकता है।
फैज़ हमीद की गिरफ्तारी ने पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य हलकों में हलचल मचा दी है। उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही इस मामले को लेकर विभिन प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई लोग इसे न्याय का हाथ बताते हैं, जबकि कुछ इसे राजनीतिक साजिश के तौर पर भी देख रहे हैं।
पाकिस्तान सेना अधिनियम क्या है?
पाकिस्तान सेना अधिनियम 1952 में लागू किया गया था, जिसके तहत सेना के अधिकारियों और कर्मियों के आचरण को नियंत्रित किया जाता है। इस अधिनियम के अंतर्गत अनुशासनहीनता, कर्तव्यों का उल्लंघन और भ्रष्टाचार जैसी गंभीर आरोपों पर कार्यवाही की जाती है। इस अधिनियम का तलवार सेना के हर अंग पर लटकती रहती है, और इसे तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाती है।
अधिनियम के तहत, सेना के किसी भी अधिकारी के खिलाफ सबूत मिलने पर उसे कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया का सामना करना पड़ता है। यह प्रक्रिया सेना के अपने अदालतों में होती है, जिसमें उच्च अधिकारियों द्वारा जांच की जाती है।
राजनीतिक और सैन्य हलकों की प्रतिक्रियाएं
फ़ैज़ हमीद की गिरफ्तारी और कोर्ट मार्शल की कार्यवाही से पाकिस्तान की राजनीति में काफी हलचल मच गई है। एक तरफ कुछ लोग इसे न्याय की प्रक्रिया का हिस्सा मानते हैं, वहीं दूसरी तरफ कई इसे एक राजनीतिक साजिश के रूप में देख रहे हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान में सेना और राजनीतिक तंत्र के बीच संबंधों में हमेशा तनाव बना रहता है, और यह घटना इस तनाव का परिणाम हो सकती है।
कुछ विश्लेषकों का कहना है कि इस घटना से पाकिस्तान की सेना और उसकी विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिन्ह लग सकता है। सेना को हमेशा से देश का विशाल स्तंभ माना जाता रहा है, लेकिन इस तरह के घोटाले और गिरफ्तारी से उसकी छवि पर भी असर पड़ सकता है।
क्या है आगे की राह?
फ़ैज़ हमीद के खिलाफ कोर्ट मार्शल की कार्यवाही शुरू हो चुकी है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह मामले किस दिशा में आगे बढ़ते हैं। यह स्पष्ट है कि इस मामले का असर पूरे पाकिस्तान में महसूस किया जा रहा है, और इसके परिणामस्वरूप कई बड़े बदलाव भी हो सकते हैं।
किसी भी राष्ट्र की ताकत उसकी न्यायिक प्रक्रिया और कानून के अनुपालन में होती है। पाकिस्तान में इस हाई-प्रोफाइल मामले से यह देखा जा सकता है कि वहां की न्याय प्रणाली कितनी सशक्त है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि इस मामले के क्या नतीजे निकलते हैं, और इससे पाकिस्तान की राजनीति और सेना में कैसे परिवर्तन आते हैं।
फैज़ हमीद की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ कोर्ट मार्शल कार्यवाही से यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान में भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता को सहन नहीं किया जाएगा। यह देखना बाकी है कि इस मामले का अंत कैसे होता है, लेकिन इतना निश्चित है कि यह मामला लंबे समय तक चर्चा में बना रहेगा।