ओलंपिक्स 2024: खेलों का महाकुंभ
पेरिस में 2024 का ओलंपिक, यानी खेलों का महाकुंभ चल रहा है। हर चार साल में आयोजित होने वाला यह आयोजन सारे देशों के बेहतर खिलाड़ियों को अपने करतब दिखाने का अवसर प्रदान करता है। इस बार यह प्रतियोगिता 27 जुलाई से 11 अगस्त तक आयोजित की गई है। प्रतियोगिता के शुरू होते ही पदक तालिका में खासी हलचल दिख रही है, जिसमें अमेरिका, फ्रांस, और चीन सबसे आगे हैं।
कड़ी टक्कर: अमेरिका और फ्रांस
पिछले ओलंपिक्स में, जो 2020 में टोक्यो में आयोजित हुआ था, अमेरिका ने सबसे ज्यादा पदक हासिल किए थे, जिसमें उसने 113 पदक जीते थे। वहीं, चीन 34 पदकों के अंतर के साथ दूसरे स्थान पर था। इस बार फिर इन दो बड़े देशों के बीच एक और कड़ी टक्कर देखी जा रही है। खास बात यह है कि इस बार फ्रांस भी कड़ी टक्कर दे रहा है, जिसकी मेज़बानी में ही यह प्रतियोगिता हो रही है। फ्रांस ने इस बार 571 प्रतिभागियों के साथ अपनी तैयारी पूरी कर ली है, जबकि अमेरिका ने 594 प्रतिभागियों के साथ एक बार फिर से पदक तालिका में बढ़त बनाई हुई है।
प्रतिबंधित देश और 'इंडिविजुअल न्यूट्रल एथलीट्स'
इस बार रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ये प्रतिबंध इन दोनों देशों पर लगे राजनैतिक प्रतिबंधों का परिणाम हैं। हालांकि, इन देशों के खिलाड़ी व्यक्तिगत रूप से 'इंडिविजुअल न्यूट्रल एथलीट्स' के तौर पर खेल सकते हैं। यह कदम, हालांकि, पदक तालिका पर बड़ा प्रभाव नहीं डालता, लेकिन यह खेल के समरूपता को बनाये रखने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
संयुक्त राज्य अमेरिका की वर्तमान स्थिति
ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका अभी तक 20 पदक जीत चुका है। इसमें 3 स्वर्ण, 8 रजत और 9 कांस्य पदक शामिल हैं। खेल प्रेमियों द्वारा की गई आदान-प्रदान में इसकी बड़ी प्रतिभागियों संख्या सबसे अधिक महत्व रखती है, क्योंकि खिलाड़ी और उनके अनुशासन का स्तर इस पर निर्भर करता है कि वे कितने पदक जीत सकते हैं।
फ्रांस और चीन के आंकड़े
फ्रांस, जो मेजबान देश है, ने अभी तक 16 पदक जीते हैं। इनमें 5 स्वर्ण, 8 रजत और 3 कांस्य पदक शामिल हैं। वहीं, चीन ने अब तक 13 पदक जीते हैं, जिसमें 6 स्वर्ण, 5 रजत और 2 कांस्य पदक शामिल हैं।
पदक तालिका
| देश | स्वर्ण | रजत | कांस्य | कुल |
|---|---|---|---|---|
| USA | 3 | 8 | 9 | 20 |
| फ्रांस | 5 | 8 | 3 | 16 |
| चीन | 6 | 5 | 2 | 13 |
यह प्रतिस्पर्धा अभी और दिलचस्प होती जा रही है। खेलों के इस महाकुंभ में कौन सबसे ज्यादा पदक लाएगा, यह देखना बेहद दिलचस्प होगा। प्रतिदिन नए-नए पदक सूचियाँ में शामिल हो रहे हैं और दुनिया भर के प्रशंसक अपने-अपने देश के खिलाड़ियों को चीयर कर रहे हैं।
Hariom Kumar
जुलाई 31, 2024 AT 00:54वाह! ब्राज़ील के बजाय USA और फ्रांस की टक्कर देखना दिलचस्प है 😊। चलो, हमारे देश के एथलीटों को भी दिमाग में रख कर लाइव‑स्ट्रीम देखते रहें।
shubham garg
जुलाई 31, 2024 AT 03:58यार, ये पदक की धारा तो जैसे मतवाली सवारी है! हम लोग अपना समर्थन दिखाते रहें, ना कि सिर्फ़ स्क्रीन पर देख रहे हों।
LEO MOTTA ESCRITOR
जुलाई 31, 2024 AT 07:18जैसे हर खेल में सच्ची भावना होती है, वैसे ही टेबल पर आँकड़े भी अस्थिर होते हैं। मकसद सिर्फ जीत नहीं, बल्कि खेल की भावना को बढ़ावा देना है।
Sonia Singh
जुलाई 31, 2024 AT 10:54इन्हें देख कर लगता है कि ओलम्पिक हर साल नया ही रंग लाता है। हमारे तरफ से बस यही दुआ है कि सभी एथलीट हासिल करे जो वो चाहते हैं।
Ashutosh Bilange
जुलाई 31, 2024 AT 14:48अरे भाई, ये डेटा देख कर तो दिल धड़क रहा है!! USA की 20 पदक तो बस शरुआत है, फ्रांस और चीन की क़ीमत ही अलग है... देखिये तो सही, क्या बात है!!
Kaushal Skngh
जुलाई 31, 2024 AT 18:58सच में, आँकड़े देख कर काफ़ी चीज़ों का अंदाज़ा लगाया जा सकता है, पर कभी‑कभी धूप में ठंडी छाँव भी मिलती है।
Harshit Gupta
जुलाई 31, 2024 AT 23:24अगर हम बात करें असली विजय की, तो भारत को सबसे आगे देखना चाहिए! सिर्फ़ दूसरों की जीत नहीं, हमें अपनी ताक़त को चमकाना है।
HarDeep Randhawa
अगस्त 1, 2024 AT 04:08सही कहा, दोस्त! लेकिन क्या तुम्हें नहीं लगता कि इस तरह के जलसे में हर कोई सिर्फ़ चिल्लाता है???!!! क्या यह ही असली खेल नहीं है???
Nivedita Shukla
अगस्त 1, 2024 AT 09:08आज की इस तालिका को देख कर मन में एक अज्ञात सवाल उठता है, क्या हम वाकई में खेल को केवल अंक‑गणना तक सीमित कर देते हैं? पहला, जब कोई एथलीट मैदान में उतरता है तो वह केवल अपने शरीर का ही नहीं, बल्कि अपनी आत्मा का भी परिक्षण करता है। दूसरा, मंच पर चमकते ये स्वर्ण के पत्ते अक्सर असंख्य आँसू और मेहनत की कहानी लेकर आते हैं। तीसरा, इतिहास ने बार‑बार यह सिखाया है कि छोटे‑छोटे राष्ट्र भी बड़े‑बड़े सपनों को सच कर सकते हैं, जैसे कि 1964 में जापान ने अपने ध्वज को ऊँचा किया था। चौथा, प्रतिबंधों और राजनीति का खेल कभी‑कभी वास्तविक प्रतिस्पर्धा को धुंधला कर देता है, पर यह भी एक नई राह खोलता है-इंडिविजुअल न्यूट्रल एथलीट्स का उदय। पाँचवां, यहाँ तक कि दर्शकों की दृढ़ता भी एक भूमिका निभाती है; हम जज़्बे से ही तो प्रेरित होते हैं। छठा, इस प्रकार के इवेंट्स में मीडिया की भूमिका कभी‑कभी खबरें बनाकर प्रस्तुत करती है, पर सच्ची भावना वही रहती है जो एथलीट के दिल में धड़कती है। सातवाँ, प्रत्येक पदक की कहानी में अनगिनत सपने और निराशाएँ छिपी होती हैं, जो हमें याद दिलाती हैं कि जीत‑हार दोनो ही जीवन के भाग हैं। आठवाँ, इस प्रतियोगिता में हर देश की मजबूती का पैमाना सिर्फ़ पदकों में नहीं, बल्कि उनके प्रयासों में है। नौवाँ, हम सभी को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि खेल का मूल उद्देश्य एकता और सम्मान है, न कि केवल रैंकिंग। दशवाँ, अंत में, जब हम इस तालिका को देख कर अपने भीतर का जज़्बा जाग्रत करते हैं, तो वह ही असली जीत है। ये विचार हमें यह सिखाते हैं कि खेल सिर्फ़ संख्या नहीं, बल्कि भावना और आदर्शों का संगम है।
Rahul Chavhan
अगस्त 1, 2024 AT 14:24पॉइंट है, खेल अभी भी रोमांचक है।