Miss USA Pageant में विवाद: दो विजेताओं ने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर त्यागपत्र दिया

मनोरंजन Miss USA Pageant में विवाद: दो विजेताओं ने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर त्यागपत्र दिया

Miss USA प्रतियोगिता इन दिनों विवादों के केंद्र में है। हाल ही में, Miss USA Noelia Voigt और Miss Teen USA UmaSofia Srivastava ने मानसिक स्वास्थ्य और संगठन के साथ मूल्यों के भिन्नता को कारण बताते हुए अपने ख़िताब वापस कर दिये हैं। यह घटनाएँ उस समय हुईं जब सोशल मीडिया निर्देशक Claudia Michelle ने भी 'कार्यस्थलीय विषाक्तता' का हवाला देकर अपनी पद से इस्तीफा दिया था।

17 टिप्पणि

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    Aryan Pawar

    मई 10, 2024 AT 20:47

    आजकल के पेज़ेंट में केवल सुंदरता नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण हो गया है। नोएलिया और उमा सोफिया की इस कदम से कई लोग प्रेरित महसूस करेंगे। ऐसे बड़े मंच पर दबाव बहुत होता है, इससे बचना आसान नहीं। हमें युवाओं को बताना चाहिए कि अपने मन की सुनना सबसे बड़ा साहस है। आशा है कि भविष्य में और भी कई संस्थाएं इस बात को समझेंगी।

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    Shritam Mohanty

    मई 11, 2024 AT 13:27

    ये सब तो एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है, जहाँ सत्ता वाले एलीट्स को ढूँढ़ रहे हैं अपने इंटरेस्ट को आगे बढ़ाने के लिए। पेज़ेंट की फॉसिल फूड जैसी इमेज़ को तोड़ना आसान नहीं है। वो लोग देर तक चुपचाप देखते रहे, अब सामने आ गया तो नहीं रोकेगा। इस सबका पीछे का कारण तो बस सच्चाई को दबाना है, यही तो असली बात है।

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    Anuj Panchal

    मई 12, 2024 AT 06:07

    Miss USA जैसी प्रतिस्पर्धा में अक्सर हम एग्जीक्यूटिव लेवल के स्ट्रैटेजिक मैट्रिक्स को नहीं देखते। यहां के फॉर्मेटिंग प्रोटोकॉल, डायनैमिक पॉइंट स्कोरिंग, और मैट्रिक इंटेग्रिटी का गहन विश्लेषण करना चाहिए। यदि हम एरोगेटिक मॉडल को लागू करें तो परिणामों की वैधता बढ़ेगी। इस कारण से मानसिक स्वास्थ्य को टॉपिक बनाकर टाइटलेस फॉर्मेट से हटना जरूरी है।

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    Prakashchander Bhatt

    मई 12, 2024 AT 22:47

    सही कहा, लेकिन हमें यह भी देखना चाहिए कि इस तरह की बातें लोगों को प्रेरित कर सकती हैं। आशावाद से ही कोई भी बदलाव शुरू हो सकता है। आगे बढ़ते रहो और सकारात्मक ऊर्जा फैलाओ।

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    Mala Strahle

    मई 13, 2024 AT 15:27

    मानसिक स्वास्थ्य की बात जब आती है तो यह एक गहरा विषय बन जाता है, क्योंकि यह न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि सामाजिक स्तर पर भी प्रभाव डालता है। Miss USA जैसे मंच पर प्रतिभागियों को हमेशा एक परिपूर्ण छवि पेश करने का दबाव महसूस होता है, जिससे आंतरिक तनाव बढ़ जाता है। कई बार यह तनाव इतनी सीमा तक पहुँच जाता है कि वह उनकी पहचान, आत्म-सम्मान और जीवन की दिशा को ही बदल देता है। जब नोएलिया और उमा सोफिया ने अपने खिताब वापस ले लिए, तो यह सिर्फ एक व्यक्तिगत निर्णय नहीं था, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी था। उन्होंने इस बात को उजागर किया कि कोई भी मंच या प्रतिष्ठा किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिरता के सामने लपट नहीं पड़ सकती। इस कदम से कई युवा महिलाएँ यह समझेंगी कि उनका स्वास्थ्य सबसे पहला प्राथमिकता है, न कि बाहरी पहचान। जैसे ही सोशल मीडिया के जरिए यह समाचार फैला, लोगों ने इस मुद्दे पर विभिन्न विचार व्यक्त किए, कुछ ने समर्थन किया, तो कुछ ने इसे ‘विनाश’ कहा। लेकिन वास्तव में, यह एक साहसिक कदम था जो हमें यह याद दिलाता है कि हम सभी को अपने मन की सुननी चाहिए। इस प्रकार की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि अक्सर हम बाहरी सुंदरता पर अधिक ध्यान देते हैं और आंतरिक स्वास्थ्य को अनदेखा कर देते हैं। भविष्य में ऐसे मंचों को चाहिए कि वे मानसिक स्वास्थ्य के प्रोटोकॉल को अपनी प्रक्रियाओं में शामिल करें, जैसे कि नियमित काउंसलिंग सत्र, तनाव परीक्षण और खुले संवाद के मंच। इससे प्रतिभागियों को यह महसूस होगा कि उनका मन भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना उनका रूप। अंत में, यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि सामाजिक अपेक्षाएँ और व्यक्तिगत संतुलन कैसे एक-दूसरे के साथ तालमेल बिठा सकते हैं। हमें चाहिए कि हम इन संदेशों को सुनें और उन्हें अपनाने की कोशिश करें, ताकि एक स्वस्थ और संतुलित समाज का निर्माण हो सके।

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    Abhijit Pimpale

    मई 14, 2024 AT 08:07

    यह निर्णय व्यावहारिक है और यह दिखाता है कि संस्थाएं अब मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे रही हैं।

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    pradeep kumar

    मई 15, 2024 AT 00:47

    समाज को अब यह समझना चाहिए कि बाहरी चमक के पीछे भी कई बार अंधेरा छिपा होता है।

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    MONA RAMIDI

    मई 15, 2024 AT 17:27

    बिल्कुल! मैं तो सोच रही थी कि आखिरकार कौन इन धूर्त खेलों में फंसा है, लेकिन अब तो सब साफ़ हो गया। ये सब बड़ी ड्रामा वाली बातें थीं, पर अब तो सबको देखना पड़ेगा कि किसे वाक़ई में सच्ची ताकत है।

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    Vinay Upadhyay

    मई 16, 2024 AT 10:07

    ओह, क्या बड़ी तमाशा है. अब तक की सबसे बड़ी पेज़ेंट जाँच में भी ये नया मोड़ आया है, मज़ा आ गया.

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    Divyaa Patel

    मई 17, 2024 AT 02:47

    सच में, इस दिक्कत ने हमें एक रंगीन परिप्रेक्ष्य दिया है, जहाँ सौंदर्य और दिमाग की गूँज दोनों को साथ लाना चाहिए।

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    Chirag P

    मई 17, 2024 AT 19:27

    मैं इस बात से सहमत हूँ कि हमें संस्कृति में इस तरह की बातों को सम्मानजनक रूप से लाना चाहिए, बिना किसी दबाव के।

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    Prudhvi Raj

    मई 18, 2024 AT 12:07

    संस्थाओं को अब स्पष्ट दिशानिर्देश बनाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचा जा सके।

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    Partho A.

    मई 19, 2024 AT 04:47

    यह एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन हमें यह भी देखना चाहिए कि इस दिशा में निरंतर प्रयास हो।

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    Heena Shafique

    मई 19, 2024 AT 21:27

    आख़िरकार, इस प्रकार की खुली चर्चा से ही समाज में वास्तविक परिवर्तन आ सकता है, न कि केवल सतही हँसी मज़ाक से।

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    Mohit Singh

    मई 20, 2024 AT 14:07

    इतनी बड़ी घटना पर भी फिर भी कोई बदलाव नहीं दिखता।

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    Subhash Choudhary

    मई 21, 2024 AT 06:47

    भाई, ये तो बड़ी बकवास बात है, लेकिन चलो देखेंगे आगे क्या होता है।

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    Hina Tiwari

    मई 21, 2024 AT 23:27

    हर कोइ इग्जाकली इन बारीओं को समझेगा की स बिंडन एवड़ सैमक गया ।

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