रिलायंस जियो की टैरिफ वृद्धि का असर
भारत के सबसे बड़े टेलीकॉम ऑपरेटर रिलायंस जियो ने जुलाई 3, 2024 से अपने मोबाइल टैरिफ में 12-27% की वृद्धि की घोषणा की है। इससे ग्राहकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह हमेशा से एक चिंताजनक विषय रहता है। अब 1 GB डेटा ऐड-ऑन-पैक के लिए सबसे सस्ती रिचार्ज दर 27% बढ़कर 19 रुपये हो गई है, जो पहले 15 रुपये थी। वहीं, 75 GB पोस्टपेड डेटा प्लान की कीमत अब 399 रुपये से बढ़कर 449 रुपये हो गई है। जियो के लोकप्रिय 666 रुपये के अनलिमिटेड प्लान की कीमत अब करीब 20% की वृद्धि के साथ 799 रुपये हो गई है।
वार्षिक रिचार्ज प्लान और 5G सेवाओं पर भी असर
जियो ने वार्षिक रिचार्ज प्लान्स की भी दरें बढ़ा दी हैं। अब 1,559 रुपये वाले प्लान की कीमत 20-21% की वृद्धि के साथ 1,899 रुपये हो गई है और 2,999 रुपये वाले प्लान की कीमत 3,599 रुपये हो गई है। मध्यम श्रेणी के मोबाइल सेवा प्लान्स में 19-21% की वृद्धि की गई है। यही नहीं, जियो ने अनलिमिटेड मुफ्त 5G सेवाओं की पहुंच को भी सीमित कर दिया है। अब केवल वे ग्राहक जिनके प्लान की कीमत 239 रुपये से अधिक है, उन्हें ही अनलिमिटेड मुफ्त 5G सेवाएं मिलेंगी। बाकी ग्राहकों को अनलिमिटेड 5G सेवा के लिए 61 रुपये का वाउचर टॉप अप करना होगा।
रिलायंस जियो इंफोकॉम के चेयरमैन आकाश एम अंबानी ने कहा कि नए प्लान्स की शुरुआत उद्योग में नवाचार को बढ़ावा देने और 5G और AI तकनीक में निवेश के माध्यम से सतत विकास को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक कदम है। जियो के पास 47 करोड़ से अधिक मोबाइल ग्राहक हैं, जो लगभग 41% बाजार हिस्सेदारी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

एयरटेल की टैरिफ वृद्धि
जियो की तर्ज पर भारत के दूसरे बड़े टेलीकॉम ऑपरेटर भारती एयरटेल ने भी 3 जुलाई 2024 से दरों में 10-21% की वृद्धि की घोषणा की है। एयरटेल ने यह सुनिश्चित किया है कि एंट्री-लेवल प्लान्स पर बहुत मामूली मूल्य वृद्धि (70 पैसे प्रतिदिन से भी कम) हो, ताकि बजट से परेशान ग्राहकों पर कोई बोझ न पड़े। कंपनी का मानना है कि मोबाइल औसत राजस्व प्रति उपयोगकर्ता (ARPU) को 300 रुपये से अधिक होना चाहिए, ताकि भारत में टेलीकॉम कंपनियों के लिए वित्तीय रूप से स्वस्थ व्यापार मॉडल सुनिश्चित किया जा सके।
अनलिमिटेड वॉयस प्लान्स और अन्य प्लान्स में बदलाव
अनलिमिटेड वॉयस प्लान्स के बीच, एयरटेल ने टैरिफ दरों में करीब 11% की वृद्धि की है। इसका मतलब है कि 179 रुपये वाले प्लान की कीमत 199 रुपये हो गई है; 265 रुपये वाले प्लान की कीमत 299 रुपये हो गई है; और 399 रुपये वाले प्लान की कीमत बढ़कर 449 रुपये हो गई है।

स्पेक्ट्रम नीलामी के बाद शुल्क वृद्धि
10वीं स्पेक्ट्रम नीलामी के तुरंत बाद मोबाइल ऑपरेटरों द्वारा मोबाइल टैरिफ में यह वृद्धि की गई है, जो केवल दो दिनों में म्यूटेड रिस्पॉन्स के साथ समाप्त हुई। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ये दरें ग्राहकों को कितना प्रभावित करती हैं और क्या ये वृद्धि औसत उपयोगकर्ताओं को हतोत्साहित करती हैं या नहीं।
टेलीकॉम इंडस्ट्री में इन प्रगतियों के चलते यह स्पष्ट है कि मोबाइल सेवा प्रदाताओं को वित्तीय संतुलन बनाए रखने के लिए नए तरीकों की तलाश करनी होगी, जबकि ग्राहकों की सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए निरंतर निवेश भी करना होगा।
Abhijit Pimpale
जून 28, 2024 AT 23:53जियो की नई 5G वाउचर कीमत 61 रुपये तय की गई है।
pradeep kumar
जून 28, 2024 AT 23:56यह वृद्धि अवांछित है; बजट उपभोक्ताओं के लिए भारी बोझ बन जाएगी।
MONA RAMIDI
जून 29, 2024 AT 00:26ऐसे दौर में जब हर कोई पॉकेट में कटौती देखता है, टैरिफ का इफ़ेक्ट गंभीर हो सकता है।
उपभोक्ता आवाज़ को सुनना आवश्यक है, नहीं तो असंतोष बढ़ेगा।
Vinay Upadhyay
जून 29, 2024 AT 01:50आइए इस कीमत वृद्धि को एक व्यावसायिक नाटक की तरह देखें, जहाँ ऑपरेटर प्रधान भूमिका में है और ग्राहक सिर्फ दर्शक।
पहले, जियो ने 5G मुफ्त सेवा को शर्त-युक्त किया, जिससे कई उपयोगकर्ता निराश हुए।
दूसरा, एयरटेल ने भी समान दर बढ़ोतरी का हवाला दिया, जिससे प्रतिस्पर्धा का ताना-बाना स्पष्ट हो गया।
तीसरा, शुल्क में यह वृद्धि ARPU को 300 रुपये से अधिक करने के लक्ष्य के साथ जुड़ी है, जो वास्तविक उपयोग पैटर्न से काफी अलग है।
चौथा, छोटे शहरों में डेटा पैकेज पहले ही महंगे हैं, अब और महंगाई बढ़ रही है।
पाँचवाँ, उपयोगकर्ताओं को अब अतिरिक्त 61 रुपये वाउचर खरीदना पड़ेगा, जिससे कुल मासिक खर्च 20‑30% तक बढ़ सकता है।
छठा, यह वृद्धि आर्थिक मंदी के समय में हुई है, जिससे कई ग्राहकों के लिए असुविधा बढ़ेगी।
सातवाँ, नियामक अधिकारियों को इस बदलाव पर कड़ा नजर रखना चाहिए, नहीं तो बाजार में असमानता बढ़ेगी।
अंत में, इस प्रकार की मौन मूल्य वृद्धि दीर्घकालिक ग्राहक भरोसे को कमजोर कर सकती है, और अंततः कंपनी की ब्रांड इमेज को नुकसान पहुंचा सकती है।
Divyaa Patel
जून 29, 2024 AT 03:13समय के साथ, अर्थव्यवस्था और तकनीक दोनों का तालमेल ढूँढना आवश्यक है; टैरिफ वृद्धि तभी सार्थक होती है जब वह उपयोगकर्ता के अनुभव को उन्नत करती हो।
यदि ग्राहक को मिलने वाली सेवा में स्पष्ट सुधार नहीं दिखता, तो वह इस कीमत को अस्वीकार कर सकता है।
आइडियली, कंपनियों को पारदर्शी पैकेज और वैकल्पिक विकल्पों के साथ संतुलन बनाना चाहिए, ताकि चुनने की स्वतंत्रता बनी रहे।
यह न केवल प्रतिस्पर्धा को स्वस्थ रखेगा, बल्कि उपभोक्ता को भी सशक्त बनाएगा।