मुंबई इंडियंस की हार पर रायन रिकल्टन की दो टूक सलाह
मुंबई इंडियंस की आईपीएल 2025 की लीग स्टेज का आखिरी मैच पंजाब किंग्स के खिलाफ कुछ वैसा नहीं रहा, जैसा टीम ने सोचा था। सात विकेट से मिली करारी शिकस्त ने प्लेऑफ से ऐन पहले टीम की कमज़ोरियां उजागर कर दीं। विकेटकीपर-बल्लेबाज़ रायन रिकल्टन ने हार के बाद ड्रेसिंग रूम में बड़ा संदेश दिया—अब और लापरवाही नहीं चलेगी।
रिकल्टन ने माना कि टीम 20 रन पीठ पीछे छोड़ गई। इस पर उन्होंने खुलकर कहा, "हमने हमेशा की तरह धार नहीं दिखाई। कहीं न कहीं, बीच के ओवरों में हमारी बल्लेबाज़ी बिखर गई और जरूरी रन छूट गए। गेंदबाज़ी मजबूत थी, पर रन कम बनाना भारी पड़ गया। हम जानते हैं कि हमारे गेंदबाज 200 रन तक भी डिफेंड कर सकते थे।" टीम के लिए यह हार जैसे एक झटका था, जिसने सही वक्त पर आंखें खोल दीं।
इस मैच का सबसे बड़ा मुद्दा बना रहा गलत समय पर विकेट गंवाना। बल्लेबाज़ी क्रम के बीच और निचले क्रम में बड़ा योगदान नहीं आया। रायन खुद भी मानते हैं कि ऐसे मौके अगर बार-बार आए, तो बड़ी टीमों पर दबाव बनाना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने खिलाड़ियों से साफ-साफ कहा, "अब हर खिलाड़ी को समझना होगा कि लापरवाही की कोई जगह नहीं है। कही न कही हमें अपनी प्रक्रिया और खो चुके मोमेंटम पर काम करना ही होगा।"

प्लेऑफ के लिए नई चुनौती—रिकल्टन और जैक्स की गैर-मौजूदगी
मुंबई इंडियंस के लिए अगला कदम और कठिन नजर आ रहा है। 30 मई को एलिमिनेटर में गुजरात टाइटन्स से भिड़ंत है, और इस अहम मैच में न तो रायन रिकल्टन मौजूद रहेंगे, न ही विस्फोटक ऑलराउंडर विल जैक्स। दोनों खिलाड़ी अपने-अपने देशों के इंटरनेशनल शेड्यूल के कारण आईपीएल छोड़ जाएंगे।
हालांकि, मुंबई ने उनकी भरपाई के लिए इंग्लैंड के जॉनी बेयरस्टो और रिचर्ड ग्लीसन जैसे नामों को टीम से जोड़ा है। लेकिन, हर कोई जानता है कि बड़े मैचों में दबाव और टीम संयोजन की कसौटी अलग ही होती है। रिकल्टन के इस इशारे में चिंता साफ है—बाकी खिलाड़ियों को अब और मुस्तैदी दिखानी होगी।
मुंबई इंडियंस ने पूरे सीजन में कई टीमों को धराशाई किया है, पर उसके लिए जरूरी है कि बल्लेबाज़ी में विकेट फेंकने की पुरानी गलती न दोहराएं। टीम की स्टाइल हमेशा से तेज़ शुरुआत कर विपक्षी टीमों को चौंकाती रही है, लेकिन बीच के ओवरों में बार-बार विकेट गिरने से बनी बढ़त खो जाती है। आने वाले बड़े मुकाबले में जीत के लिए मानसिक तैयारी और ठोस रणनीति वक्त की मांग है।
प्लेऑफ से पहले टीम के ड्रेसिंग रूम का माहौल भी थोड़ा बदला-बदला है। सभी जानते हैं कि अब एक भी छोटी चूक सीज़न का अंत कर सकती है। फील्डिंग, गेंदबाजी और सबसे ज्यादा बल्लेबाजी की लाइन-अप को चाक-चौबंद रखना होगा। रायन रिकल्टन की यह सख्त चेतावनी अगर सभी खिलाड़ियों तक पहुंची तो मुंबई इंडियंस फिर से उसी पुरानी चमक के साथ वापसी कर सकती है।
pradeep kumar
जून 12, 2025 AT 04:53रिकल्टन की चेतावनी सुनकर टीम को अब सच्ची मेहनत दिखानी पड़ेगी।
MONA RAMIDI
जून 19, 2025 AT 09:15अरे यार, फिर से वही पुरानी लापरवाही का दोहा! अब नहीं चल सकेगा, रीकाल्टन की बातों को सिर्फ़ हवा में नहीं, बल्कि मैदान में देखना पड़ेगा।
Vinay Upadhyay
जून 26, 2025 AT 13:37वाह, राइक्लटन ने फिर से सारी थ्योरी बना दी, जैसे कि उनका लिंगो‑ट्रेकिंग ज्ञान अटल है।
पहले तो टीम ने 20 रन पीछे छोड़े, फिर उन्होंने बकवास में कहा कि "धार नहीं दिखी"।
ऐसे ही डाइलॉग हर बार गेम के बाद सुनने को मिलते हैं, पर असली खेल तो मैदान में ही दिखना चाहिए।
उन्हें लगता है कि शब्दों से ही गेंदबाजों की गेंदों को रोक सकते हैं, पर ऐसा नहीं होता।
ब्याटिंग की गड़बड़ी को ठीक करने के लिए सिर्फ़ गुस्सा नहीं, बल्कि रणनीति चाहिए।
अगर बॉलर ओवर में 200 तक रोक ले सकते हैं, तो इसका मतलब केवल व्यक्तिगत प्रदर्शन नहीं, टीम का सहयोग भी जरूरी है।
भले ही वे कहते हैं "हमारी गेंदबाजी मजबूत थी", लेकिन वो भूल जाते हैं कि बॅट्समैन को लगातार आउट करना भी एक कला है।
पिछले सीज़न में कई टीमों ने इसी तरह के अटकलों से बच नहीं पाई थीं, और अंत में वे सब हार गईं।
रिकल्टन का कहना है कि "अब लापरवाही नहीं चलेगी", पर क्या वो खुद इस बात को समझते हैं?
भले ही उनके पास कई अंतरराष्ट्रीय मैच हों, पर IPL का दबाव अलग ही होता है।
हर खिलाड़ी को चाहिए कि वह अपनी कमजोरी को पहचान कर काम करे, सिर्फ़ कोच की बात सुनकर नहीं।
जब तक टीम के सभी खिलाड़ी एक ही पेज पर नहीं होते, तब तक कंधे की चोट नहीं ठीक होगी।
यहां तक कि इंटर्नल कोच भी कभी‑कभी अपने दिमाग में "म्यूजिक वॉल्यूम बढ़ाओ" की तरह सोचते हैं।
उन्हें चाहिए कि वे असली मुद्दे पर ध्यान दें: बॉलर‑बॅट्समैन की तालमेल।
अगर यही तालमेल नहीं बना तो प्लेऑफ़ में भी सब कुछ बिखर जाएगा।
सबसे अंत में, रिकल्टन की ये चेतावनी तब काम आएगी जब हर कोई इसे सुनकर तुरंत अपने खेल में सुधार लाएगा, न कि बस शब्दों में डूबे रहे।
Divyaa Patel
जुलाई 3, 2025 AT 17:58जीवन एक क्रिकेट मैच जैसा है-कभी तेज़ी से भागो तो कभी सोचो, पर अंत में जीत तभी मिलती है जब हर ओवर में दिल लगाओ।
रिकल्टन की सलाह में शायद अतीत की छाया है, लेकिन भविष्य की रोशनी भी दिखनी चाहिए।
अगर टीम खुद को संभाल ले, तो वो फिर से चमक सकेगी, चाहे किन्ही भी बाधाओं का सामना करना पड़े।
Chirag P
जुलाई 10, 2025 AT 22:20सच कहूँ तो रीकॉल्टन का फोकस सही दिशा में है, टीम को अब थोड़ा ज्यादा डिसिप्लिन चाहिए।
हमें हर खिलाड़ी की ताकत को समझकर उसका सही उपयोग करना होगा।
ये चेतावनी अगर सही ढंग से ली गई, तो आगे की लड़ाइयों में फायदा होगा।
Prudhvi Raj
जुलाई 18, 2025 AT 02:42हिटिंग में कॉन्फिडेंस रखो और बॉलर की रेंज का फायदा उठाओ।
स्टैकिंग वॉल्यूम बढ़ाने से पॉइंट्स आसानी से मिलेंगे।
Partho A.
जुलाई 25, 2025 AT 07:04रिकल्टन का बिंदु समझा गया, लेकिन इसे लागू करने के लिए टीम की सामूहिक दृढ़ता आवश्यक है।
आगे चलकर रणनीतिक बदलावों को अपनाना ही सफलता की चाबी होगा।
Heena Shafique
अगस्त 1, 2025 AT 11:26बहुत ही औपचारिक ढंग से कहा गया है, पर वास्तव में इस चेतावनी में व्यंग्य छुपा है-जैसे कोई कोच सच में क्या बदलने वाला है?
यदि टीम इस बात को लेकर गंभीर नहीं है, तो शब्दों का कोई अर्थ नहीं बचता।
हमें कार्रवाई में देखना चाहिए, न कि सिर्फ़ बातों में।
Mohit Singh
अगस्त 8, 2025 AT 15:48रिकल्टन की गुस्से वाली बातों से साफ़ दिखता है कि टीम में भई अजीब सा माहौल है।
अब अगर हर कोई इस बात को ठीक नहीं करेगा तो आगे और बुरी स्थिति बन जाएगी।
समय नहीं होंगे, अभी से सुधार करो।
Subhash Choudhary
अगस्त 15, 2025 AT 20:09देखा जाए तो टीम को थोड़ा आराम भी चाहिए, नहीं तो हर खिलाड़ी थक जाता है।
फिर भी मेहनत करने से ही जीत की राह खुलती है।
Hina Tiwari
अगस्त 23, 2025 AT 00:31फ़ार इतना तनाव लेनै की ज़रूरत नहीं, सब मिलके काम करेंगे तो काफ़ी बेटर हो जायेंगे।
हर बॅट्समन को अपना रोल समझना चाहिए।
Naveen Kumar Lokanatha
अगस्त 30, 2025 AT 04:53रिकल्टन की चेतावनी को तैयारियों में उतारना चाहिए, नहीं तो प्लेऑफ़ में लगातार हार से बचना मुश्किल होगा।
टीम को अब अपने इंटर्नल स्ट्रैटेजी को फिर से देखना होगा।