RCB के विदेशी सितारे IND vs ENG T20I में हुए फ्लॉप
कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गार्डन्स स्टेडियम में इंडिया और इंग्लैंड के पहले टी20 मैच में RCB के तीन नए इंग्लिश खिलाड़ी पूरी तरह फ्लॉप रहे। इन तीनों—फिल साल्ट, लियाम लिविंगस्टोन और जैकब बेटेल—को आरसीबी ने आईपीएल 2025 के लिए बड़ी रकम देकर अपनी टीम में शामिल किया। उम्मीद थी कि ये तीनों अपनी दमदार बल्लेबाज़ी से IPL में धमाल मचाएंगे, लेकिन पहला ही इंटरनेशनल टेस्ट बेहद निराशाजनक रहा।
भारत के खिलाफ T20I में इस तिकड़ी ने कुल 19 गेंदों का सामना किया और सिर्फ 7 रन जोड़े। फिल साल्ट (11.5 करोड़) तीसरी ही गेंद पर बिना खाता खोले आउट हो गए। उन्हें अर्शदीप सिंह ने शानदार डिलीवरी पर चलता किया। उनका विकेट इंग्लैंड की पारी को धीमा करने वाला था, क्योंकि उन पर आक्रामक शुरुआत की जिम्मेदारी थी। लियाम लिविंगस्टोन (8.75 करोड़) का तो हाल और बुरा रहा—वो रन भी नहीं बना सके और रन आउट होकर बिना कोई गेंद खेले ही पैवेलियन लौट गए। बल्लेबाज़ी करते वक्त दबाव में निपटना उनका बड़ा सवाल बना हुआ है।
तीसरे खिलाड़ी, जैकब बेटेल (2.6 करोड़), को आरसीबी ने युवा फाइटर के तौर पर खरीदा, लेकिन उन्होंने 14 गेंद में सिर्फ 7 रन बनाए। उनकी ये धीमी पारी हार्दिक पंड्या के हाथों कैच होकर खत्म हुई। बेटेल को स्पिनरों, खासकर वरुण चक्रवर्ती और रवि बिश्नोई के सामने लगातार जूझना पड़ा। उन्होंने जिस तरह घूमती गेंदों के आगे संघर्ष किया, उससे साफ था कि उन्हें भारतीय पिचों और स्पिनर्स से निपटने में खूब पसीना बहाना होगा।
RCB के फैंस ने सोशल मीडिया पर खूब आलोचना की। टीम मैनेजमेंट की मोटी रकम खर्च करने की रणनीति और चयन को लेकर मीम्स और ट्रोल्स भी वायरल हुए। IPL के बड़े मंच पर इन खिलाड़ियों की ये पहली झलक उम्मीदों के मुताबिक़ नहीं रही।

आईपीएल 2025 से पहले चिंता की घंटी
आईपीएल 2025 अब ज्यादा दूर नहीं है, ऐसे में आरसीबी को चिंता करने के कई ठोस कारण मिल गए हैं। टीम का भारी भरोसा विदेशी खिलाड़ियों पर है, खासकर तब जब बाकी भारतीय टॉप ऑर्डर खुद अभी भी पूरी तरह स्थिर नहीं दिखता। इंग्लैंड के ये बड़े नाम जब स्पिन के आगे ऐसे ढह जाएं तो सवाल खड़े होते हैं—क्या आईपीएल की बड़ी बोली इन पर सही लगी?
टीम इंडिया के स्पिन तिकड़ी—वरुण चक्रवर्ती, अक्षर पटेल और रवि बिश्नोई—ने कमाल की गेंदबाज़ी की। इन तीनों ने मिलकर 5 विकेट झटके और इकॉनमी 6 से भी कम रही। एक्सपर्ट, जैसे कि पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने कहा कि इंग्लिश प्लेयर्स को अब वक्त रहते भारतीय पिचों और स्पिन का सामना करने की आदत डालनी होगी, वरना आईपीएल में उनके लिए राह आसान नहीं होने वाली। खास बात यह रही कि इंग्लैंड की टीम बार-बार खराब मौसम या 'स्मॉग' जैसी बहाने बना रही, जिसे कोई भी एक्सक्यूज़ मानने को तैयार नहीं।
दूसरे टी20 मैच में आरसीबी के बल्लेबाज़ों की फॉर्म सुधरी नहीं, बेटेल को ड्रॉप कर दिया गया। अब आईपीएल के मेगा सीजन से पहले आरसीबी के पास ज्यादा वक्त नहीं बचा है। फैंस और एक्सपर्ट्स दोनों चाहेंगे कि ये इंग्लिश सितारे जल्द ही अपने रंग में दिखें, नहीं तो RCB की टाइटल की उम्मीदें फिर से अधूरी रह सकती हैं।
Nivedita Shukla
अप्रैल 21, 2025 AT 13:56ऐसे लगता है जैसे RCB ने अपनी आशाएँ एक सपने में बेचीं और फिर उन्हें नींद में धुंधला कर दिया।
फिल साल्ट की आउट, लिविंगस्टोन का रन‑आउट, और बेटेल की धीमी पारी एक बुरी फिल्म की दोहराई हुई सीन जैसी थी।
वो लोग मैदान में कदम रखे, लेकिन भारतीय पिच ने उन्हें अपना पाठ पढ़ा दिया।
फैनभावना टूट गई, और सोशल मीडिया पर नारों का तूफ़ान छा गया।
अब सवाल यही कि अगले सीजन में RCB को किसे मौका देना चाहिए।
Rahul Chavhan
अप्रैल 21, 2025 AT 14:30RCB को अब अपनी रणनीति पुनः सोचनी चाहिए।
Joseph Prakash
अप्रैल 21, 2025 AT 15:20बहुत ही निराशाजनक परफ़ॉर्मेंस 😕 इंग्लिश खिलाड़ियों ने दिखा दिया कि भारतीय स्पिन से कैसे नहीं खेलना है 🙅♂️ लेकिन फिर भी उम्मीद बनाये रखो टीम 🙏
Arun 3D Creators
अप्रैल 21, 2025 AT 15:53क्या बात है फोकस की कमी की रानी? मैदान पर आग लगाने की जगह पानी छिड़क दिया गया था! हर डिलीवरी पर हिचकिचाहट, हर शॉट में शंका। जैसे कवि ने अपने गीत में कहा हो: "हवा में बूँदें बिखरीं, पर सपने टूटे नहीं।"
RAVINDRA HARBALA
अप्रैल 21, 2025 AT 18:40संख्यात्मक दृष्टि से देखें तो तीनों खिलाड़ियों ने कुल 19 गेंदों में सिर्फ 7 रन बनाए, स्ट्राइक रेट 36.84% है, जो T20 में अस्वीकार्य है। इसके अलावा, उनके आउट होने के समय टीम की रन‑रिच दर काफी घट गई। इस प्रदर्शन को देखते हुए टीम को अब घरेलू प्रतिभाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए।
Vipul Kumar
अप्रैल 21, 2025 AT 21:26भाईयों और बहनों, इस तरह के परिणाम देख कर यह समझना ज़रूरी है कि सिर्फ बड़े नामों पर भरोसा करना कितनी बड़ी गलती हो सकती है।
पहली बात तो यह है कि हर खिलाड़ी को अलग-अलग पिचों और मौसम की परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाना पड़ता है।
इंग्लिश खिलाड़ियों ने भारतीय स्पिन का सामना करने के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की, इसलिए उनका संघर्ष साफ़ दिखा।
दूसरी बात, टीम मैनेजमेंट को खिलाड़ियों की आत्मविश्वास बढ़ाने वाले माहौल की जरूरत है, न कि सिर्फ महँगी बोली पर भरोसा।
तीसरे, युवा खिलाड़ियों को प्रदर्शन के दबाव से नहीं, बल्कि सीखने की इच्छा से प्रेरित करना चाहिए।
चौथा, फिल साल्ट की जल्दी आउट होना दर्शाता है कि शुरुआती ओवर में शॉट्स का चयन कितना महत्वपूर्ण है।
पाँचवा, लिविंगस्टोन का रन‑आउट एक संकेत है कि फील्डिंग की तीव्रता को कम नहीं आँकना चाहिए।
छटा, जैकब बेटेल ने दिखाया कि स्पिन के सामने सही तकनीक न होने से रन बनाना मुश्किल हो जाता है।
सातवाँ, हमारी स्पिन तिकड़ी ने दर्शाया कि किस तरह क़ीमती विकेट लिए जा सकते हैं अगर बॉलर सही प्लान रखे।
आठवाँ, फैंस को भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देनी चाहिए ताकि खिलाड़ियों की मनोस्थिति स्वस्थ रहे।
नौवाँ, इस अनुभव से हमें यह सीख मिलती है कि IPL में विदेशी खिलाड़ियों का चयन केवल उनके पिछले रिकॉर्ड पर नहीं, बल्कि भारतीय स्थितियों में उनके अनुकूलन पर भी होना चाहिए।
दसवाँ, अगर टीम आगे बढ़ना चाहती है तो वह स्थानीय कोचिंग स्टाफ को और सशक्त बनाए और उन्हें अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की मदद के लिए तैयार करे।
ग्यारहवाँ, इस तरह के आंकड़े हमें याद दिलाते हैं कि हर मैच एक नया सबक है और उससे सीखना ही हमारी सच्ची जीत है।
बारहवाँ, आशा है कि अगली बार RCB इस फेल्योर को एक प्रेरणा के रूप में लेगा और टीम वाइब बदल देगा।
तेरहवाँ, सभी को मिलकर एक सकारात्मक दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए, क्योंकि क्रिकेट सिर्फ अंक नहीं, बल्कि भावना भी है।
चौदहवाँ, अंत में, मैं सभी खिलाड़ियों को उनके कठिन समय के बाद भी हार न मानने की सलाह देता हूँ और कहता हूँ – आगे बढ़ते रहो, सीखते रहो।