एवर्टन की दमदार शुरुआत
गुडिसन पार्क में एवर्टन और मैनचेस्टर यूनाइटेड के बीच खेला गया मुकाबला वास्तव में रोमांच से भरा था। मैच के शुरुआती 19वें मिनट में ही बेटो ने एक शानदार हैडर मारकर एवर्टन को बढ़त दिलाई। यह गोल एक सटीक कॉर्नर से आया, जिसने यूनाइटेड के डिफेंस को चौकन्ना कर दिया। दूसरे गोल के लिए 33वें मिनट का इंतजार करना पड़ा जब डुकॉरे ने डिफेंस की गड़बड़ी का फायदा उठाते हुए नेट में एक और गोल ठोंक दिया। एवर्टन का पहला हाफ बेहद प्रभावशाली था, जिससे देखने में आया कि मैनचेस्टर यूनाइटेड के खिलाड़ी किसी भी प्रकार से मैच में नहीं होते दिखाई दे रहे थे।

यूनीटेड की वापसी और VAR विवाद
दूसरे हाफ में जैसे ही खेल शुरू हुआ, मैनचेस्टर यूनाइटेड की टीम ने अपने खेल में सुधार किया। 72वें मिनट में ब्रूनो फर्नांडीज ने एक फ्री-किक को गोल में तब्दील करके यूनाइटेड को वापसी की दिशा दिखाई। उसके बाद मैनुएल उगार्टे ने अपने प्रीमियर लीग करियर का पहला गोल करते हुए 80वें मिनट में स्कोर को बराबर कर दिया।
आखिरी समय में मैच की सबसे बड़ी चर्चा तब बनी जब एवर्टन को पेनल्टी दी गई, जो कि नेट में पहले व्हिसल के बाद VAR समीक्षा ने उसे खारिज कर दिया। यह निर्णय काफी विवादास्पद था और फुटबॉल की दुनिया में VAR की संगतता को लेकर चर्चाएं छिड़ गईं।
मैनचेस्टर यूनाइटेड के मैनेजर रुबेन अमोरिम ने अपनी टीम की पहले हाफ की प्रदर्शन की आलोचना की, जबकि एवर्टन के बॉस डेविड मोयस ने अपनी टीम की संघर्शशीलता की तारीफ़ की, लेकिन अंत के गड़बड़ियों को स्वीकार किया। इस मुकाबले के बाद मैनचेस्टर यूनाइटेड 30 अंकों के साथ 15वें स्थान पर है और एवर्टन 31 अंकों के साथ 14वें स्थान पर।
pradeep kumar
फ़रवरी 26, 2025 AT 19:36एवर्टन की शुरुआती तेज़ी ने यूटी को पूरी तरह हादसत किया।
MONA RAMIDI
फ़रवरी 27, 2025 AT 12:16सच में, वो पहला गोल तो तड़के के चाय के जैसे था, जल्दी ही चुस्की मार ली गई। लेकिन फिर भी मैनचेस्टर का डिफेंडर नज़र नहीं आया, जैसे धुंध में टूर पर निकला हो।
Vinay Upadhyay
फ़रवरी 28, 2025 AT 04:56ओह भाई, क्या कहते हैं, फ़ुटबॉल में VAR वह जादूगर है जो सब कुछ उलट‑पलट कर देता है। सबसे पहले तो वैरिएशन ही नहीं, बल्कि अंडरलाइन में थेरेपी चाहिए इस सिस्टम को।
पहला मुद्दा, पेनल्टी का ट्रिगर तो बिल्कुल भी नहीं था, लेकिन VAR ने उसे बाहर निकाल दिया जैसे कागज की नाव में दरवाज़ा खोल दिया हो।
दूसरा, फ़ाइलों की रीयल‑टाइम replay थोड़ी फ़्लोटिंग लगती है, जैसे सुशी में कच्चा चावल।
तीसरा, रेफ़री को ऐसा लगा कि वह अब सही नहीं हूँ, इसलिए उसने VAR को बुलाया, जो कि खुद फ़ुटबॉल के सैंटरीकार्ड जैसे हो गया।
चौथा, तकनीकी टीम को लगता है कि स्क्रीन पर ब्लिप‑ब्लॉप चार्ट्स दिखाने से सब ठीक हो जाएगा, पर असली फैंस को तो बस उलझन ही रहती है।
पांचवा, कुछ लोग कहते हैं कि VAR का एजेंडा सिर्फ़ फ़्लॉप बनाना है, क्योंकि हर मैच के बाद यही बहस चलती है।
छठा, जब खिलाड़ी VAR को देखते‑देखते थक जाता है, तो उनका मन भी दिमागी जिम में घूमता रहता है।
सातवा, इस VAR के कारण फर्स्ट‑टाइम फ़ॉलो‑अप की झंझटें बिगड़ रही हैं, जैसे सॉफ़्ट ड्रिंक में बर्फ़ का टुकड़ा।
आठवां, उन लोगों के लिए जो रोबोटिक एआई चाहते हैं, VAR अभी भी सिर्फ़ एक हाई‑ड्राफ्ट सॉफ़्टवेयर है।
नवां, एक बार तो VAR ने गोल को एंटी‑ग्लोबल वार्मिंग के तहत शून्य कर दिया, अब इसे काम पर लगाओ।
दसवां, फैंस की आवाज़ को दबाते‑बिरते VAR ने एक नई भाषा निकाली: ‘टेक्निकल दुविधा’।
ग्यारहवां, रेफ़री ने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि मैं यहाँ कौन हूँ’, और VAR ने उसका हाथ पकड़ लिया।
बारहवां, पर जैसा कि कहा जाता है, ‘कोई भी सिस्टम परिपूर्ण नहीं’, इसलिए VAR भी कभी‑कभी गलत होता है।
तेरहवां, लेकिन जब VAR गलती करता है तो हर कोई उसे ‘कंट्रोल इरॉनिक’ कह देता है।
चौदहवां, अंत में, इस चर्चा से एक बात स्पष्ट है: फुटबॉल में VAR का रोल एक चाकू की तरह है, कभी‑कभी खाता है, कभी‑कभी कटा देता है।
पंद्रहवां, और यही कारण है कि हम सब अब दाएँ‑बाएँ फुटबॉल देख रहे हैं, VAR के साथ या बिना, दिल में तो अभी भी दहाड़ता है जीत का जुनून।
Divyaa Patel
फ़रवरी 28, 2025 AT 21:36वास्तव में, इस मैच का हर मोड़ एक दार्शनिक सवाल जैसा लगा-क्या जीत का सार तकनीक में है या भावना में? VAR की उलझन ने तो इसे अधिक जटिल बना दिया, जैसे जीवन के तत्त्व को समझने की कोशिश।
Chirag P
मार्च 1, 2025 AT 14:16मैच का पहला हाफ एवर्टन के लिए उज्जवल था, लेकिन द्वितीय हाफ में टीम की पुनरावृत्ति देखने को मिली। यह बदलाव सांस्कृतिक समझ और टीमवर्क की महत्ता को दर्शाता है, खासकर जब दबाव बढ़ता है।
Prudhvi Raj
मार्च 2, 2025 AT 06:56VAR के फैसले में कुछ गड़बड़ है, लेकिन खेल में हीरो बनना पड़ता है।
Partho A.
मार्च 2, 2025 AT 23:36मैच की अंत में हुई पेनल्टी विवाद खैर, ऐसा लगता है कि नियम पुस्तक भी कभी‑कभी नींद में पढ़ी जाती है। चाहे जो भी हो, फुटबॉल का रोमांच वही रहता है।
Heena Shafique
मार्च 3, 2025 AT 16:16भविष्य के विश्लेषण के अनुसार, VAR की निरंतर परिष्कार हमारे खेलने के सिद्धांत को पुनः आकार देगा; तथापि, इसकी विफलताएँ वर्तमान में ही हमारी धारणाओं को चुनौती देती हैं।
Mohit Singh
मार्च 4, 2025 AT 08:56मुझे लगता है कि इस मैच में हर खिलाड़ी ने अपना दिल लगाया, लेकिन VAR की धुंधली छाया ने सभी की मेहनत को धुंधला कर दिया।
Subhash Choudhary
मार्च 5, 2025 AT 01:36VAR का फैसला बस फिल्मी नाटक है।
Hina Tiwari
मार्च 5, 2025 AT 18:16सच में, एवेर्टन के फैंस इस पेनल्टी को लेकर बहुत निराश है, पर उगार्टे का गोल उनके लिए एक नई आशा की किरण बन गया।
Naveen Kumar Lokanatha
मार्च 6, 2025 AT 10:56उफ़, VAR का झंझट हमेशा की तरह ही है, लेकिन फील्ड पर खिलाड़ियों की मेहनत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
Surya Shrestha
मार्च 7, 2025 AT 03:36आधुनिक फुटबॉल की जटिलता को समझने के लिए, हमें अभी भी कई प्राचीन सिद्धांतों को पुनः विचार करना चाहिए।
Rahul kumar
मार्च 7, 2025 AT 20:16भाई VAR को देखो, कभी एरर, कभी कर्व, लेकिन खेल का मज़ा वही रहता है।
sahil jain
मार्च 8, 2025 AT 12:56वो गोल जब आया तो दिल धड़का, और जब VAR ने इधर‑उधर धुंधला किया तो भावनाएँ टनाटन रह गईं।
Rahul Sharma
मार्च 9, 2025 AT 05:36भाईयों, इस मैच को देखकर समझ में आता है कि तकनीकी परामर्श और टीम की रणनीति का मिश्रण कितना महत्वपूर्ण है।; जबकि VAR का उपयोग एक सराहनीय कदम है, हमें इसे सही दिशा में ले जाने के लिए संयुक्त प्रयास चाहिए; इसलिए हर कोच को इस पर गहन विश्लेषण करना चाहिए।
Sivaprasad Rajana
मार्च 9, 2025 AT 22:16समझ में आया कि फैंस को VAR की हर चाल पर चर्चा करनी पड़ती है, लेकिन अंत में खेल का आनंद वही रहता है।