Duleep Trophy सेमीफाइनल: नारायण जगदेवान का 197, तीन रन से डबल सेंचुरी रह गई पूरी

खेल Duleep Trophy सेमीफाइनल: नारायण जगदेवान का 197, तीन रन से डबल सेंचुरी रह गई पूरी

दक्षिण ज़ोन ने Duleep Trophy सेमीफाइनल में जबरदस्त स्कोर बनाया

बेंगलुरु के BCCI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में खेला गया इस महत्त्वपूर्ण मैच में दक्षिण ज़ोन ने पहले इनिंग्स में 536 रन जमा किए। इस बड़ी पाई पर भारतीय घरेलू क्रिकेट के कई चेहरे ने अपना परिचय दिया, लेकिन सबसे बड़ा आकर्षण रहा तमिलनाडु के बल्लेबाज़ नारायण जगदेवान का 197‑रन का धनी अनुष्ठान।

जगदेवान ने 352 गेंदों पर 16 चारों और दो छक्कों के साथ अपनी पैंतीस‑अंकों की शतक‑शृंखला को दोहराया। उनका साझेदार टनमे आयगरवाल के साथ पहला शतंक का साझेदारी और फिर देवदत्त पडिक्कल के साथ दूसरा शतंक, दोनों ही टीम के कुल रन को तेज़ी से बढ़ाने में मददगार रहे। उनका अंक‑संकलन टीम को 500‑रन की दीवार पार करने में अहम भूमिका निभाया।

Duleep Trophy के इस चरण में दक्षिण ज़ोन का दबदबे का कारण केवल जगदेवान नहीं रहा; रिके भुई और तनय थियागराजन ने भी बीच में पचास‑पचास रन जोड़कर प्रतिद्वंद्वी गेंदबाजों को घुटन में डाल दिया।

तीन रन की दूरी पर डबल सेंचुरी, फिर भी अंत तक सीख

तीन रन की दूरी पर डबल सेंचुरी, फिर भी अंत तक सीख

दूसरे दिन दोपहर से ठीक पहले, जब जगदेवान को केवल तीन और रन चाहिए थे, तो एक नन्ही‑सी घूंट में उनका भाग्य बदल गया। उनका साझेदार रिके भुई ने जोखिम भरे सिंगल पर अपना विकेट बचाने की कोशिश की, जिससे दोनो के बीच काफी हड़बड़ी हुई। निश्चिंत सिंहु ने तेज़ फील्डिंग से उन्हें रन‑आउट कर दिया। 197 पर समाप्त होते ही जगदेवान का चेहरा निराशा से भरा था, पर उनका प्रयास टीम को एक ठोस मंच पर खड़ा कर गया।

यह उनके करियर में तीसरा 200‑प्लस स्कोर होना था। पहले 2020 में वह 17 रन कम रह गए थे, फिर 2024 में 245* के साथ दुबारा इस बाधा को तोड़ पाए थे, और एक हफ़्ते बाद तमिलनाडु के लिए 321 रन बनाकर व्यक्तिगत रिकॉर्ड स्थापित किया था। पिछले रणजी ट्रॉफी सीज़न में उन्होंने 674 रन का शानदार प्रदर्शन किया था, औसत 56 के साथ।

  • 2020 – 178 (17 रन कम)
  • 2024 – 245* (पहला अनबाउंड डबल सेंचुरी)
  • 2024 – 321 (तमिलनाडु का व्यक्तिगत रिकॉर्ड)
  • 2025 Duleep Trophy सेमीफाइनल – 197 (तीन रन बाकी)

नॉर्थ ज़ोन की ओर से गेंदबाजी में निचले हाथ के स्पिनर निशांत सिंहु ने सबसे अधिक प्रभाव दिखाया, 47.2 ओवर में 5 विकेट ले कर 125 रन देकर एक लंबी मेहनत की। टेस्ट डेब्यू करने वाले आशुल कम्बोज ने दो विकेट लिए, पर अधिकांश गेंदबाजों को रन‑रोक करने में कठिनाई हुई। इस वजह से दक्षिण ज़ोन आसानी से 500‑रन की सीमा पार कर गया।

उपसंहार में कहा जा सकता है कि जड़ता के बावजूद, जगदेवान का 197‑रन का इन्सिंग नॉर्थ ज़ोन को दबाव में डाले रखने में काफी मददगार रहा। टीम ने इस भारी लक्ष्य को बनाते ही मैच का नियंत्रण अपना ले लिया और आगे के खेल में उन्हें आगे बढ़ने का भरोसा दिया। यह सेमीफाइनल दक्षिण ज़ोन की जीत की नींव बन गया, और दर्शकों को दिखा दिया कि घरेलू क्रिकेट में भी टॉप‑लेवल प्रदर्शन संभव है।

6 टिप्पणि

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    PARVINDER DHILLON

    सितंबर 25, 2025 AT 20:39

    नारायण भाई का 197 बहुत कड़वा था, पर उनका संघर्ष देख कर दिल भर आता है 😊।
    इतनी बड़ी पारी में सिर्फ तीन रन की कमी से डबल सेंचुरी से चूकना निराशाजनक है, लेकिन टीम ने फिर भी 500‑रन की दीवार तोड़ दी।
    हम सबको उनकी मेहनत की सराहना करनी चाहिए, क्योंकि ऐसे मौके कभी नहीं आते।
    जज्बा और समर्पण का यह उदाहरण युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा बन सकता है।
    आशा है आगे भी ऐसे ही शानदार प्रदर्शन देखेंगे 🙏।

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    Nilanjan Banerjee

    अक्तूबर 7, 2025 AT 10:26

    दक्षिण ज़ोन की इस सेमीफ़ाइनल में नारायण जगदेवान ने एक बार फिर इतिहास रचा।
    536 रन की भव्य पारी में उनका 197‑रन का योगदान आँकड़ों में चमकता है।
    352 गेंदों पर उन्होंने 16 चारों और दो छक्कों से एक जटिल पिच पर भी अपनी सिपाहियों को प्रेरित किया।
    यह पारी भारतीय घरेलू क्रिकेट के कई नवोदित सितारों को मंच प्रदान करती है।
    साझेदार टनमे आयगरवाल के साथ उनका शतक‑शृंखला छोटे‑छोटे पैरावर्तनों से भरी थी, पर कुल मिलाकर यह टीम की स्थिरता का मूल था।
    देवदत्त पडिक्कल के साथ दूसरा शतक‑शृंखला टीम को 500‑रन की दीवार पार कराने में निर्णायक रहा।
    केवल तीन रन की दूरी पर डबल सेंचुरी से चूकना एक कटु अनुभव था, पर यह एक अद्भुत प्रयास की निशानी भी है।
    इस निराशा के बाद भी जगदेवान ने टीम को एक दृढ़ मंच पर स्थापित किया, जिससे नॉर्थ ज़ोन की गेंदबाज़ी को वैकल्पिक चुनौती मिली।
    उनका पिच पर समय बर्बाद न करने का दृष्टिकोण और धैर्यशक्ति कौशल के साथ जुड़ा हुआ था।
    2020 में 178‑रन पर वह 17 रन कम रहे थे, फिर 2024 में 245* ने पहले अनबाउंड डबल सेंचुरी का मुकाम हासिल किया।
    उसी वर्ष 321‑रन की पारी ने तमिलनाडु के लिए व्यक्तिगत रिकॉर्ड स्थापित किया।
    इस निरंतरता को देखते हुए यह स्पष्ट है कि जगदेवान का टॉप‑लेवल फॉर्म अभी भी जारी है।
    निचले हाथ के स्पिनर निशांत सिंहु ने 5 विकेट लेकर भी टीम को रोक नहीं सके, क्योंकि दक्षिण ज़ोन ने अपनी बल्लेबाज़ी से दबाव बनाया।
    आशुल कम्बोज के टेस्ट डेब्यू से लेकर अन्य गेंदबाज़ों की कठिनाइयों तक, टीम ने लगातार एक उच्च स्कोर का लक्ष्य स्थापित किया।
    यह पारी न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि थी, बल्कि दक्षिण ज़ोन के समग्र सामरिक प्रभुत्व का प्रमाण भी थी।
    अंततः, यह सेमीफ़ाइनल जीत की गंभीर नींव रखी, जो आगे के चरणों में टीम को दृढ़ विश्वास प्रदान करेगी।

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    sri surahno

    अक्तूबर 19, 2025 AT 00:12

    इस मैच में BCCI के चयनकर्ता पक्षपाती निर्णयों का असर स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।
    जगदेवान को केवल तीन रन की कमी के बाद रोकना एक योजनाबद्ध रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है।
    अन्य खिलाड़ियों को समान अवसर नहीं मिलने से प्रतियोगिता का संतुलन बिगड़ गया।
    हमें इस बात को सार्वजनिक करना चाहिए कि क्रिकेट प्रशासन में पारदर्शिता की गंभीर कमी है।
    ऐसे कार्य नैतिक मूल्यों के ख़िलाफ़ हैं और क्रिकेट प्रेमियों को अपमानित करते हैं।

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    Varun Kumar

    अक्तूबर 30, 2025 AT 12:59

    हमारे देश की गर्व का समय है, इस जीत में झलकता है असली ताकत।

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    Madhu Murthi

    नवंबर 11, 2025 AT 02:46

    क्या आप सच में मानते हैं कि यह सब एक साजिश है? 😡 यह कहना आसान है, पर वास्तविक आँकड़े इस बात को साफ़ नहीं दिखाते।
    जैसे ही टीम ने अपनी बल्लेबाज़ी से दबाव बनाया, बोर्ड ने वही खेल‑प्रणाली बदल दी।
    चलो, इस पर खुलकर चर्चा करें, लेकिन व्यक्तिगत आक्रमण से बचें।
    क्रिकेट को सिर्फ़ हँसी के तौर पर नहीं लेना चाहिए, यही असली फैन का कर्तव्य है।

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    Amrinder Kahlon

    नवंबर 22, 2025 AT 16:32

    अरे वाह, इतना बड़ा “कड़वा” रन, मानो दुनिया का अंत हो गया हो।
    पर हाँ, भावनाओं को भावनाओं से ही मारना चाहिए, वैसे ही जैसा हम रोज़ लाइक‑डिस्लाइक में करते हैं।
    चलो, अगली बार डबल सेंचुरी लेकर आओ, फिर देखेंगे कौन ‘हेरो’ बनता है।

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