देह में दशहरा मेले की व्यापक तैयारी
उत्तर प्रदेश के देह गाँव में इस साल दशहरा मेला आयोजित करने की तैयारियां तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं। गांव के प्रधान ने स्थानीय निकाय, स्वयंसेवी समूह और कारीगरों के साथ मिलकर एक विस्तृत योजना बनाई है। इसमें मुख्य रोड को चौड़ा करना, जल निकासी की बेहतर व्यवस्था, और मेले के मैदान में अस्थायी स्टॉल के लिए जमीन तैयार करना शामिल है।
निर्माण कार्य शुरू होने से पहले, प्रधान ने एक आधिकारिक भूमिकायुक्त समारोह का आयोजन किया। इस समारोह में पंछी पंचायत के सदस्य, जिला अधिकारी और गाँव के बुजुर्गों ने भाग लिया, जिससे परियोजना को सामाजिक मान्यता मिली। समारोह में जलुषा, दीपावली के तोरण और स्थानीय कलाकारों के संगीत ने माहौल को रंगीन बना दिया।

मुख्य कार्यक्रम और भागीदारी
मीले में दो हफ्ते तक 200 से अधिक स्टॉल लगेंगे, जिनमें राजस्थानी पेंटिंग, हाथ की कढ़ाई, बुनाई और स्थानीय खाने‑पीने की चीज़ें उपलब्ध होंगी। विशेष रूप से, गाँव के युवा समूह ने रथयात्रा और पिचकारी शो के लिए एक रचनात्मक योजना तैयार की है, जो दर्शकों को आकर्षित करेगी।
कार्यक्रम क्रम में बैनर, नाट्य मंच, और पुतला प्रदर्शन की व्यवस्था भी तय की गई है। अतिथि वक्ता के तौर पर, प्रदेश के सांस्कृतिक विभाग के अधिकारी और कुछ प्रसिद्ध कलाकारों को आमंत्रित किया गया है, जो दशहरा की कथा को जीवंत रूप में प्रस्तुत करेंगे।
स्थानीय व्यापारियों के लिए यह मेला आय उत्पन्न करने का सुनहरा अवसर है। प्रधान ने मेले के दौरान सुरक्षा, सफाई और चिकित्सा सहायता के लिए एक समर्पित टीम बनाई है, जिससे प्रतिभागियों को सहज अनुभव हो। इस पहल से न केवल देह की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्रामीण पर्यटन को भी नई ऊँचाई मिलेगी।
Kiran Singh
सितंबर 23, 2025 AT 09:21बहुत बढ़िया काम है यह, गाँव के प्रधान ने पूरे दिल से मेले की तैयारी की है! सभी को दिल से बधाई 🎉
आशा है कि मेले में बहुत भीड़ आएगी और सबको मज़ा आएगा 😊
Balaji Srinivasan
सितंबर 27, 2025 AT 08:01उपक्रम की योजना बहुत ही व्यवस्थित लग रही है, स्थानीय कारीगरों को भी अवसर मिलेगा।
Hariprasath P
अक्तूबर 1, 2025 AT 06:41देखो यार, ये सब बहुत फँकी हुई लगती है, जैसे बस दिखावा है। कोए प्रोफेशनल प्लानर लाो, नहीं तो पूरा मेले का फंका हुआ टाइम बर्बाद हो जाएगा।
Vibhor Jain
अक्तूबर 5, 2025 AT 05:21भाई, मेले की तैयारी में इतनी भीड़ नहीं, बस हल्का हल्का काम।
Rashi Nirmaan
अक्तूबर 9, 2025 AT 04:01देशभक्ति का अभिप्राय स्पष्ट है इस आयोजन में। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना राष्ट्रीय हित में है।
Ashutosh Kumar Gupta
अक्तूबर 13, 2025 AT 02:41सच में, इस तरह की शोर-गुल वाली तैयारियों में कई बार असली काम नहीं दिखता। नाटक जैसा दिखने की कोशिश है, पर असली मेहनत की कमी महसूस होती है।