भारत के युवा तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने मानसिकता बदलने के लिए गौतम गंभीर को दिया श्रेय

खेल भारत के युवा तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने मानसिकता बदलने के लिए गौतम गंभीर को दिया श्रेय

भारत के युवा तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने मानसिकता बदलने के लिए गौतम गंभीर को दिया श्रेय

22 वर्षीय तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर को अपनी मानसिकता में बदलाव का श्रेय दिया है, जिसके चलते उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ आगामी वनडे सीरीज के लिए राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह पक्की की है। यह बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि गंभीर, जो पहले कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के मेंटर थे, हर्षित के आत्मविश्वास को पुनःजीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

गंभीर का प्रभाव

गंभीर ने हर्षित को न केवल खेल के तकनीकी पहलुओं में सुधार करने की सलाह दी, बल्कि मानसिकता बदलने पर जोर दिया। हर्षित ने उम्र-समूह टीमों में कई बार नजरअंदाज होने का अनुभव किया, जिसके कारण उनके आत्मविश्वास में भारी कमी आई थी। गंभीर ने हर्षित को यह समझाया कि दबाव में कैसे खुद को संभालना और विकसित करना है।

गंभीर की संवाद शैली बहुत ही स्पष्ट और प्रेरणादायक रही। 'मुझे तुम्हारे ऊपर विश्वास है। तुम मैच जीतकर आओगे' जैसी पंक्तियों ने हर्षित के आत्मविश्वास को न केवल बढ़ाया, बल्कि उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित भी किया। हर्षित ने इस सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाया और इसके फलस्वरूप उन्होंने केकेआर के लिए शानदार प्रदर्शन किया।

आईपीएल में प्रदर्शन

हर्षित ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में केकेआर के लिए खेलते हुए अपने कौशल का प्रदर्शन किया। आईपीएल के दौरान उन्होंने कुल 19 विकेट चटकाए और टीम की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया। गंभीर के मार्गदर्शन और समर्थन ने हर्षित को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और उन्हें राष्ट्रीय टीम में शामिल किया गया।

पारिवारिक समर्थन

हर्षित ने अपने माता-पिता, विशेष रूप से अपने पिता प्रदीप और अपने व्यक्तिगत कोच अमित भंडारी को भी इस सफलता का श्रेय दिया है। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया और कभी हारने नहीं दिया। उनके लिए यह यात्रा संघर्षपूर्ण रही है, लेकिन परिवार का समर्थन और कोच का मार्गदर्शन उन्हें आगे बढ़ने में मदद करता रहा।

कोच अमित भंडारी ने हर्षित के खेल के तकनीकी और मानसिक दोनों पहलुओं पर काम किया। उन्होंने हर्षित को यह सिखाया कि कैसे खुद को मैदान पर व्यक्त करना है और कैसे कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करनी है।

प्रदर्शन टीम विकेट
आईपीएल 2022 केकेआर 19

हर्षित की यात्रा

हर्षित का क्रिकेट जगत में सफर कभी आसान नहीं रहा। कई बार उन्हें अनदेखा किया गया, जो उनके आत्मविश्वास को झकझोरने के लिए काफी था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने कोचों और परिवार के समर्थन के बाद नई ऊर्जा के साथ वापसी की। उनके सेलेक्शन ने यह साबित कर दिया कि सही मार्गदर्शन और मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।

गंभीर की इस युवा खिलाड़ी पर की गई मेहनत और विश्वास ने हर्षित को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई है। हर्षित अब उम्मीद कर रहे हैं कि वह अपने देश के लिए खेलने का मौका मिलते ही अपने कोच और परिवार की उम्मीदों पर खरे उतरें।

आगे का रास्ता

अब, जब हर्षित भारतीय टीम का हिस्सा बन चुके हैं, उनका अगला लक्ष्य निश्चित रूप से अपने प्रदर्शन से टीम को जीत दिलाना होगा। वह अपने कोच और मेंटर के विश्वास पर खरा उतरने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हर्षित का यह सफर दिखाता है कि दिल से की गई मेहनत, सच्चे मार्गदर्शन और पारिवारिक समर्थन से कोई भी बाधा पार की जा सकती है।

हर्षित राणा की कहानी ने यह भी साबित कर दिया है कि एक अच्छे मेंटर के मार्गदर्शन और विश्वास के चलते एक खिलाड़ी के आत्मविश्वास और प्रदर्शन में कितना सकारात्मक बदलाव आ सकता है। यह एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो कि युवाओं को अपने सपनों को पाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

18 टिप्पणि

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    Vrushali Prabhu

    जुलाई 20, 2024 AT 04:08

    हर्षित राणा के कोचिंग स्टोरी में सच्ची प्रेरणा है। गौतम गंभीर की सलाह ने उसपर गहरा असर किया, जैसे कि कोई जादू की छड़ी। उसका आत्मविश्वास अब उड़े जैसा है, अब वह आईपीएल में भी चमकेगा। मेरे ख्याल से हर युवा खिलाड़ी को ऐसे मेंटर की जरूरत है। बस, थोडा और समर्थन मिलता रहे तो सच में करियर आसमान छू लेगा।

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    parlan caem

    जुलाई 30, 2024 AT 09:47

    यकीनन इस सारे “मेंटरशिप” का बखान सिर्फ PR का हिस्सा है। वास्तविकता में टीम ने सिर्फ आँकड़े देखे हैं, भावनात्मक कहानियाँ नहीं। हर्षित को एक बार मौका दिया तो फिर देखेंगे कि क्या वह सच में टिकता है या बस एक और चमकती हुई फायरबॉल है।

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    Mayur Karanjkar

    अगस्त 9, 2024 AT 15:25

    हर्सित के प्रदर्शन में मैकेनिकल बॉल स्पिन और वैरिएशन की प्रमाणीकरण दिखती है, जो कोचिंग के सायको-मोटिवेशनल फ्रेमवर्क से जुड़ी है।

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    Sara Khan M

    अगस्त 19, 2024 AT 21:04

    बहुत बढ़िया! 🎉

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    shubham ingale

    अगस्त 30, 2024 AT 02:43

    हर्सित की कहानी हमें दिखाती है कि सही दिशा और सपोर्ट से कोई भी बाधा पार की जा सकती है। चलो, उन्हें लगातार प्रोत्साहित करें और टीम को जीत की ओर ले जाएँ।

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    Ajay Ram

    सितंबर 9, 2024 AT 08:22

    हर्षित राणा का सफर वास्तव में भारतीय क्रिकेट के ढांचे में एक समास है, जहाँ पारंपरिक कठोरता को नवाचारी मानसिकता से मिलाया गया है। सबसे पहले, हमें यह मानना चाहिए कि कोचिंग सिर्फ तकनीकी प्रशिक्षण नहीं, बल्कि खिलाड़ी के अंदरूनी विश्वास को पुनः स्थापित करने की प्रक्रिया है। गौतम गंभीर ने इस पहल में न केवल रणनीतिक मार्गदर्शन दिया, बल्कि हर्षित को यह भी सिखाया कि दबाव के समय श्वास कैसे नियंत्रित करें। यह बिंदु अक्सर अनदेखा किया जाता है, जबकि मानसिक दृढ़ता खेल की निरंतरता को निर्धारित करती है। हर्सित ने अपने शुरुआती करियर में कई बार चयन से बाहर रहकर निराशा का सामना किया, परन्तु गंभीर के प्रोत्साहन ने उसे फिर से उठाया। वह कहता है, “मैं तुम्हारे ऊपर विश्वास करता हूँ,” यह वाक्य सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि एक प्रेरक तंत्र है। इसके परिणामस्वरूप, हर्शित ने केकेआर में अपनी तकनीक को निखारा और 19 विकेट लेकर टीम को जीत की ओर धकेला। इस उपलब्धि ने उसे राष्ट्रीय टीम के द्वार पर दिखाया और उसके आत्मविश्वास को नई ऊँचाइयों पर ले गया। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि हर्शित ने अब अपना चयन पाकि-टाईप किया है, जो पहले के कई युवा खिलाड़ियों के लिए महत्त्वपूर्ण था। परिवार के समर्थन के साथ, विशेषकर उसके पिता के निरंतर प्रोत्साहन ने इस यात्रा को और मजबूत किया। इस सन्दर्भ में, कोच अमित भंडारी की भूमिका भी कम नहीं आँकी जा सकती, क्योंकि उन्होंने तकनीकी और मानसिक दोनों पहलुओं में हर्शित को गहराई से तैयार किया। कुल मिलाकर, यह कहानी एक मॉडल बन सकती है कि कैसे एक सशक्त मेंटरशिप सिस्टम युवा प्रतिभाओं को राष्ट्रीय मंच पर ले जा सकता है। अंत में, हमें यह याद रखना चाहिए कि हर्शित की सफलता केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट की संपूर्ण प्रणाली में एक सकारात्मक परिवर्तन का संकेत है। यह सब दर्शाता है कि सही मार्गदर्शन से भविष्य के सितारे चमक सकते हैं। आशा है कि इस प्रकार की सहयोगी भावना आगे भी बना रहे।

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    Dr Nimit Shah

    सितंबर 19, 2024 AT 14:01

    बिलकुल सही कहा आपने, हमारे बच्चों को ऐसी राह दिखाने वाले मेंटर्स देश की ताकत बनते हैं।

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    Ketan Shah

    सितंबर 29, 2024 AT 19:40

    गौतम गंभीर की कोचिंग विधि में विज्ञान और मनोविज्ञान का मिश्रण दिखता है, जिससे खिलाड़ी की परफॉर्मेंस में सुधार होता है। यह मॉडल अन्य खेल क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकता है।

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    Aryan Pawar

    अक्तूबर 10, 2024 AT 01:18

    हर्सित ने अपने आंकड़े दिखा कर यह साबित किया कि मेहनत और सही मार्गदर्शन के साथ कोई भी बाधा पार की जा सकती है। हमें ऐसे और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना चाहिए।

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    Shritam Mohanty

    अक्तूबर 20, 2024 AT 06:57

    यह सब ठीक है, पर क्या हमें नहीं लगता कि इस कहानी में कुछ पक्षपात हो सकता है, जैसे कि चयन प्रक्रिया में राजीव गुप्ता के हाउसिंग स्कीम के पीछे छिपी हुई ताकत?

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    Anuj Panchal

    अक्तूबर 30, 2024 AT 12:36

    हर्सित के डेटा एनालिटिक्स में स्पिन रेट और डॉट बॉल प्रतिशत को देखे तो स्पष्ट होता है कि कोचिंग प्रभावी रही है।

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    Prakashchander Bhatt

    नवंबर 9, 2024 AT 18:15

    हिर्शित की कहानी हमें भविष्य में और अधिक युवा प्रतिभा को उभरते देखेगी, बस हमें उनका समर्थन जारी रखना है।

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    Mala Strahle

    नवंबर 19, 2024 AT 23:54

    आपकी आशावादी दृष्टि में एक चमक है, लेकिन यह भी आवश्यक है कि हम उन व्यावहारिक चुनौतियों को न भूलें जो युवा खिलाड़ियों को अक्सर सामना करनी पड़ती हैं। जैसे कि चयन के बाद निरंतर प्रदर्शन बनाए रखना, मनोवैज्ञानिक दबाव, और लगातार फिटनेस स्तर को उच्च रख पाना। इन सभी कारकों को पूरी तरह समझ कर ही हम स्थायी सफलता की गारंटी दे सकते हैं। इसलिए, सिर्फ समर्थन ही नहीं, बल्कि संरचनात्मक योजना और दीर्घकालिक विकास रणनीति भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।

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    Abhijit Pimpale

    नवंबर 30, 2024 AT 05:32

    लेख में कई व्याकरण त्रुटियाँ हैं, जैसे “छोरा” के बजाय “छोड़े” लिखा जाना चाहिए।

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    pradeep kumar

    दिसंबर 10, 2024 AT 11:11

    कोचिंग की तारीफ़ तो ठीक है, पर वास्तविक आँकड़ों के बिना यह जारी रहना मुश्किल है।

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    MONA RAMIDI

    दिसंबर 20, 2024 AT 16:50

    क्या बात है, हर्शित को तो अब सुपरस्टार बना दिया गया, लेकिन बाकी खिलाड़ियों का क्या? 😒

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    Vinay Upadhyay

    दिसंबर 30, 2024 AT 22:29

    सच्ची बात, हर बार जब कोई एक खिलाड़ी चमकता है, तो बाकी को परछाई में छोड़ दिया जाता है, यही हमारे खेल का सच्चा चेहरा है।

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    Divyaa Patel

    जनवरी 10, 2025 AT 04:08

    हर्शित की इस जीत की कहानी सुनकर ऐसा लगता है जैसे द्राक्षों की माला में एक लाज़वाब मोती मिला हो, जो सभी को उत्साहित कर देता है! 🌟

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