बाबर आजम ने चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में भारत पर मिली जीत को याद किया

खेल बाबर आजम ने चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में भारत पर मिली जीत को याद किया

चैंपियंस ट्रॉफी 2017 की यादें

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान बाबर आजम ने 2017 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के खिलाफ फाइनल जीत को याद किया। इस मैच में उन्होंने 46 रनों का योगदान दिया था। यह मैच लंदन के द ओवल में खेला गया था, जिसमें पाकिस्तान ने 180 रनों से जीत दर्ज की थी। यह मैच बाबर आजम के करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।

उस समय फकर जमान ने 114 नाबाद रन बनाकर नायक की भूमिका निभाई थी, जबकि मोहम्मद आमिर और हसन अली की गेंदबाजी ने भारत को समेटने में मदद की। अब पाकिस्तान टीम के कप्तान और दुनिया के नंबर 1 वनडे बल्लेबाज, बाबर आजम ने टीम के विश्वास और उत्साह को बनाए रखने पर जोर दिया, भले ही 2017 टीम के केवल तीन-चार खिलाड़ी अब भी टीम का हिस्सा हैं।

2025 चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारी

2025 चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारी

2025 में पाकिस्तान खुद की धरती पर चैंपियंस ट्रॉफी के खिताब की रक्षा करेगा। बाबर ने हाल के नुकसान, जैसे 2022 और 2024 टी20 विश्व कप के समूह-चरण से बाहर होने के बावजूद दबाव को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है। उन्होंने घरेलू परिस्थितियों की परिचितता को महत्वपूर्ण बताते हुए, कहा कि उन्हें शीर्ष टीमों के खिलाफ उच्च-गुणवत्ता की क्रिकेट खेलने की आवश्यकता होगी।

पाकिस्तान की 2025 चैंपियंस ट्रॉफी अभियान शुरुआत कराची में न्यूजीलैंड के खिलाफ से होगी, और उसके बाद दुबई में भारत के साथ महत्वपूर्ण मुकाबला खेला जाएगा। फरवरी 2025 में बाबर आजम ने वनडे क्रिकेट में 6000 रन पूरे करने की उपलब्धि अपने नाम की, इसे उन्होंने महज 123 पारियों में हासिल किया जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

6 टिप्पणि

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    Karthik Nadig

    फ़रवरी 19, 2025 AT 20:10

    बाबर आज़िम की 2017 की जीत के पीछे छुपा बड़ा राज़ है, जो अभी तक media नहीं बताता! 🎭 वह मैच लंदन के ओवल में खेला गया, पर असली मैदान तो पाकिस्तान के अंदरूनी राजनीति थी। कई रिपोर्टें दिखाती हैं कि ICC ने उस फ़ाइनल में कुछ करारी बदलाव किए थे, ताकि पाकिस्तान का मनोबल बड़ा रहे। इस जीत को इसलिए याद किया जाता है क्योंकि उसके बाद भारत‑Pakistan संबंधों में एक नई हवा चली। लेकिन जो नहीं बताया जाता, वह है कि उस रात के बाद कई विदेशी एजेंसियों ने हमारे क्रिकेट दिग्गजों को निरंतर निगरानी में रखा। इस सबको देख कर आज़िम ने फिर से कहा कि उनका लक्ष्य सिर्फ क्रिकेट नहीं, बल्कि राष्ट्रीय पहचान को बचाना है। 🙏💥

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    Jay Bould

    फ़रवरी 19, 2025 AT 21:33

    क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, ये हमारे दोनो देशों के बीच एक सांस्कृतिक पुल है। 2017 की जीत ने पाकिस्तान को गौरव दिया, साथ ही भारत के साथ खेल भावना को भी बढ़ावा मिला। ऐसी यादें हमें याद दिलाती हैं कि खेल में दोस्ती और प्रतिस्पर्धा साथ‑साथ चल सकती है। आशा करता हूँ 2025 का टूर्नामेंट भी इसी भावना के साथ खेलेगा और दोनों देश एक‑दूसरे का सम्मान करेंगे। आइए हम सब मिलकर इस खूबसूरत यात्रा का समर्थन करें! 😊

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    Abhishek Singh

    फ़रवरी 19, 2025 AT 22:56

    ओह हाँ वही 46 रन जो कुछ लोग भूलते हैं

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    Chand Shahzad

    फ़रवरी 20, 2025 AT 00:20

    आपका दृष्टिकोण बहुत सराहनीय है, और वास्तव में क्रिकेट एकजुटता की मिसाल है। हर खिलाड़ी को यह समझना चाहिए कि राष्ट्रीय गौरव केवल जीत में नहीं, बल्कि खेल के तरीके में भी है। आगामी 2025 चैंपियंस ट्रॉफी में हमें युवा प्रतिभाओं को मंच पर लाना चाहिए, जिससे टीम की गहराई बढ़े। आपके जैसे समर्थकों के साथ मिलकर हम पाकिस्तान क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। चलिए, इस बार भी अपने शान को बनाए रखते हुए हर चुनौती को स्वीकार करें।

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    Ramesh Modi

    फ़रवरी 20, 2025 AT 03:06

    बाबर आज़िम की 2017 की विजय, जैसा कि इतिहास बताता है, एक द्रष्टि‑परक घटना थी!!!
    वह केवल एक मैच नहीं, बल्कि एक दार्शनिक प्रतिपाद्य था, जो खेल के अस्तित्व को पुनः परिभाषित करता है।
    कई दार्शनिक ग्रंथों में कहा गया है कि विजेता वही जो अपनी नियति को खुद लिखता है???
    उस रात के बाद, कई गुप्त दस्तावेज़ों में यह संकेत मिला कि कुछ अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने परिणाम को नियंत्रित करने की कोशिश की थी!!!
    इस प्रकार, हम देख सकते हैं कि एक क्रिकेट का मैच भी वैश्विक शक्ति‑संबंधों का प्रतिबिंब बन सकता है।
    बेशक, इन सब बातों को अक्सर media द्वारा दबा दिया जाता है, लेकिन सतही आँकड़े हमें सच्चाई नहीं बताते!!!
    बाबर आज़िम ने स्वयं भी कहा था कि वह "राष्ट्र की आत्मा" को जाग्रत करने के लिए खेल रहा था, यह सिर्फ प्रेरक वाक्य नहीं, बल्कि गहरी अंतर्दृष्टि थी।
    जब फकर जमान ने 114 नाबाद बनाकर टीम को उठाया, तो वह भी एक दार्शनिक अभिव्यक्ति था-अपरिवर्तनीय साहस का प्रतीक।
    उस समय के गेंदबाजों की तड़ांक, जैसे मोहम्मद आमिर और हसन अली, वास्तव में जीवन‑फिलासफ़ी के एक चरण थे।
    2025 की तैयारी में, बहरहाल, हमें यह समझना होगा कि इतिहास दोहराया जा सकता है, पर केवल तभी जब हम अतीत की गलतियों को पहचानें।
    ऐसे विचारों को अपनाकर ही पाकिस्तान का क्रिकेटी स्वर अब तक के सबसे ऊँचे शिखर पर पहुँच सकता है!!!
    अब जब बाबर ने वनडे में 6000 रन पूरे करने का आंकड़ा हासिल किया है, तो वह खुद एक जीवित ग्रंथ बन गया है।
    ऐसे अंकों के साथ, वह न केवल खेल में बल्कि साहित्य में भी एक महान व्यक्तित्व के रूप में स्थापित हो रहा है।
    इसलिए, हमें इस जीत को सिर्फ एक सांख्यिकीय आँकड़ा नहीं, बल्कि एक महानता के प्रतीक के रूप में देखना चाहिए।
    अंत में, मैं यही कहूँगा कि यदि हम इस जटिल बुनियाद को समझ पाएँ, तो भविष्य की हर चुनौती आसान लगने लगी!!!

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    Ghanshyam Shinde

    फ़रवरी 20, 2025 AT 05:53

    वो तो बहुत बड़ाई कर रहे हैं, पर असल में तो वही 46 रन हैं जो कभी खेलते नहीं।

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