लापता लेडीज़: ऑस्कर 2025 के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि
भारत की फिल्म इंडस्ट्री के लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि किरण राव की फिल्म 'लापता लेडीज़' को 97वें अकादमी पुरस्कार (ऑस्कर 2025) के लिए बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म श्रेणी में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में चुना गया है। इस खबर की घोषणा फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा चेन्नई में की गई। इस फिल्म को 29 फिल्मों की सूची में से चुना गया है, जिसमें रणबीर कपूर की महत्वपूर्ण फिल्म 'एनिमल' और मलयालम राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता 'आट्टम' भी शामिल थीं।
फिल्म की तकनीकी जानकारी:
'लापता लेडीज़' एक हल्की-फुल्की व्यंग्यपूर्ण फिल्म है, जो पितृसत्ता पर आधारित है। यह फिल्म दो युवा दुल्हनों के जीवन पर केंद्रित है, जिन्हें ट्रेन यात्रा के दौरान एक ग़लती के कारण अपने पतियों के घर पहुंचने में गड़बड़ी हो जाती है। इस फिल्म का उद्देश महिलाओं का सशक्तिकरण और ग्रामीण क्षेत्रों में लिंग समानता पर ध्यान केंद्रित करना है।
इसका निर्माण किरण राव और आमिर खान के द्वारा किया गया है। फिल्म की दीप्तिमान कास्ट में नितांशी गोयल, प्रतिभा रांटा, रवि किशन, छाया कदम और स्पर्श श्रीवास्तव शामिल हैं। यह फिल्म अपने विचारशील मुद्दे और मनोरंजन के मिश्रण के साथ दर्शकों को जोड़े रखती है।
फिल्म की विशेषताएँ:
फिल्म 'लापता लेडीज़' का चयन भारतीय सिनेमा के लिए 57वीं बार है जब किसी फिल्म को 'इंटरनेशनल फीचर फिल्म' श्रेणी में ऑस्कर के लिए नामांकित किया गया है। इससे पहले, केवल तीन भारतीय फिल्मों ने ऑस्कर के इस श्रेणी में फाइनल लिस्ट में स्थान बनाया है: 'मदर इंडिया' (1958), 'सलाम बॉम्बे' (1989), और 'लगान' (2001)। लेकिन अभी तक कोई भी भारतीय फिल्म इस श्रेणी में ऑस्कर नहीं जीत पाई है।
ऑस्कर नामांकन की प्रक्रिया:
अकादमी पुरस्कारों के लिए नामांकन की प्रक्रिया में यह फिल्म कठिन प्रतिस्पर्धा के माध्यम से आगे बढ़ी है। इसमें फिल्मों का चयन उनके विषयों, निर्देशन और सामाजिक महत्व के आधार पर किया जाता है। 'लापता लेडीज़' का चयन इस बात का प्रमाण है कि भारतीय सिनेमा वैश्विक मंच पर अपनी जगह बना रहा है और विभिन्न सामाजिक मुद्दों को प्रभावशाली तरीके से उठाने का प्रयास कर रहा है।
फिल्म का सामाजिक महत्व:
'लापता लेडीज़' न केवल एक मनोरंजक फिल्म है, बल्कि यह समाज में महिलाओं की स्थिति और उनके सशक्तिकरण के मुद्दे पर भी प्रकाश डालती है। फिल्म ग्रामीण भारतीय समाज के उन पहलुओं को छूने का प्रयास करती है, जो अक्सर अनदेखे रह जाते हैं। इसमें पितृसत्ता के सामान्य स्वरूप और पुरुष प्रधान समाज की प्राथमिक समस्याओं को व्यंग्यात्मक तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
फिल्म एक महत्वपूर्ण संदेश देने का प्रयास करती है, कि कैसे महिलाएं अपने अधिकारों के लिए लड़ सकती हैं और खुद को समाज में स्थापित कर सकती हैं। यह फिल्म दर्शाती है कि महिलाओं को समानता और सम्मान का अधिकार है, और यह केवल कानूनों और नीतियों के माध्यम से ही नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण और मानसिकता में बदलाव से भी संभव है।
फिल्म का चयन और भविष्य:
'लापता लेडीज़' का ऑस्कर के लिए नामांकित होना न केवल भारतीय सिनेमा का गौरव है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय मंच पर हमारे फिल्मों की उपस्थिति और प्रभाव को भी दर्शाता है। यह फिल्म भारतीय दर्शकों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को भी मंत्रमुग्ध करने का क्षमता रखती है।
अभी यह देखना बाकी है कि फिल्म ऑस्कर की दौड़ में कहां तक पहुंचती है। लेकिन एक बात निश्चित है कि यह फिल्म भारतीय सिनेमा की प्रतिष्ठा को और बढ़ाएगी और हमारे फिल्म निर्माताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
97वें अकादमी पुरस्कारों का आयोजन 2 मार्च, 2025 को लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया में होगा। तब तक हम सभी की उम्मीदें 'लापता लेडीज़' के साथ जुड़ी रहेंगी।