कर्नाटक के बेंगलुरु में स्थित परप्पन अग्रहारा सेंट्रल जेल में कन्नड़ अभिनेता दर्शन थूगूदेपा को वीआईपी ट्रीटमेंट मिलने के मामले में सात जेल अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। यह घटनाक्रम तब सामने आया जब सोशल मीडिया पर दर्शन की विशेष ट्रीटमेंट मिलने की तस्वीरें वायरल हो गईं। इन तस्वीरों में दर्शन अन्य कैदियों के साथ खुले में बैठकर बातचीत करते और सिगरेट पीते नजर आ रहे हैं।
इस घटना के बाद कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने सस्पेंशन की घोषणा की। सस्पेंड किए गए अधिकारियों के नाम शरणबसवा अमिंगढ़, प्रभु कंडेलवाल, एल एस तिप्पेस्वामी, श्रीकांत तळवार, वेंकप्पा कोडटी, संपत कुमार और बसप्पा हैं। तस्वीरों में दर्शन को एक कुर्सी पर बैठकर वीडियो कॉल करते भी देखा गया, जो कि जेल के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
गृह मंत्री ने स्वीकार किया कि जेल अधिकारियों के कर्तव्यों में चूक हुई है और एक आंतरिक जांच चल रही है। जेल मैनुअल के मुताबिक, कैदियों पर 24/7 नजर रखी जानी चाहिए, लेकिन इस मामले में ऐसा होता नहीं दिख रहा। जबसे यह मामला सामने आया है, जेल मैनुअल के उल्लंघन को लेकर काफी विवाद खड़ा हो चुका है।
अभिनेता दर्शन पर हत्या का आरोप है और वह न्यायिक हिरासत में हैं। इससे पहले, दर्शन ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में घर का खाना, बिस्तर और कटलरी की मांग की थी, लेकिन न्यायालय ने इन मांगों को खारिज कर दिया और आगे की सुनवाई टाल दी। इस नई घटना ने अभिनेता को मिलने वाले विशेष ट्रीटमेंट के मुद्दे पर नई बहस को जन्म दे दिया है।
वीआईपी ट्रीटमेंट का मामला क्या है?
दरअसल, सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हुईं, जिनमें दर्शन थूंगूदेपा जेल में अन्य कैदियों के साथ खुले में बैठकर बातचीत करते और मजे में समय बिताते नजर आ रहे हैं। इस दौरान वे विडियो कॉल करते और सिगरेट पीते भी दिखे, जो कि जेल के नियमों का उल्लंघन है। इस वजह से जेल अधिकारी सख्त कार्रवाई के घेरे में आ गए हैं।
गृह मंत्री परमेश्वर ने यह भी कहा कि जेल मैनुअल के नियमों का पालन किया जाना चाहिए और इस तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं ताकि आगे से ऐसी घटनाएं न हो।
सस्पेंड किए गए अधिकारियों के नाम
जिन जेल अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है, उनके नाम इस प्रकार हैं: शरणबसवा अमिंगढ़, प्रभु कंडेलवाल, एल एस तिप्पेस्वामी, श्रीकांत तळवार, वेंकप्पा कोडटी, संपत कुमार, और बसप्पा।
यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि इसमें न्यायिक हिरासत में रहने वाले एक कैदी को मिले विशेष सुविधा की बात हो रही है, जो कानून के खिलाफ है। इससे निश्चित रूप से जेल प्रशासन की साख पर सवाल उठते हैं और इस मामले की गहन जांच की जरूरत है।
अभिनेता दर्शन पर लगे आरोप
अभिनेता दर्शन पर हत्या का आरोप है और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। इसके बावजूद उन्हें विशेष ट्रीटमेंट मिलना कहीं न कहीं न्याय प्रणाली और जेल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाता है। इससे पहले भी उन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय में घर का खाना, बिस्तर और कटलरी की मांग की थी, जो न्यायालय ने खारिज कर दी थी।
इस पूरी घटना ने प्रशासन में काफी हलचल मचा दी है और इसे लेकर लोगों में नाराजगी है। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों के कारण यह मामला खुलकर सामने आया और अब प्रशासन को जवाबदेही का सामना करना पड़ रहा है।
सीसीबी की कार्रवाई
घटना के बाद केंद्रीय अपराध शाखा (CCB) ने जेल पर छापेमारी की, लेकिन उन्हें वहां कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। इसके बावजूद जेल प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं और आंतरिक जांच की प्रक्रिया जारी है।
वीआईपी ट्रीटमेंट और न्याय प्रणाली
इस मामले ने एक बार फिर से इस सवाल को उठाया है कि क्या हमारे जेलों में कुछ विशेष कैदियों को विशेष सुविधाएं मिलती हैं? यह न केवल न्याय प्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि आम जनता के बीच प्रशासन की साख को भी कमजोर करता है। जब तक इस मामले की पूरी जांच नहीं हो जाती और दोषियों को सजा नहीं मिलती, तब तक यह विवाद खत्म नहीं होगा।
इस घटना के बाद से आम जनता और सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर बहस जारी है कि क्या किसी व्यक्ति को उसकी पहचान के आधार पर विशेष ट्रीटमेंट मिलना चाहिए। जहां एक और लोग न्याय के पक्ष में खड़े हैं, वहीं दूसरी ओर यह घटना प्रशासनिक खामियों को उजागर करती है।
इससे यह साफ है कि न्यायिक व्यवस्था और प्रशासन को और मजबूत बनाया जाना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह के मामलों से निपटा जा सके और सभी कैदियों को समान रूप से ट्रीट किया जाए।